समाचारों के अनुसार दिल्ली में हुए धमाके को जैश-ए-मोहम्मद द्वारा अंजाम दिए जाने पर संदेह किया जा रहा है। हमें इस भूल में भी रहना चाहिए कि Operation Sindoor में मार खाने वाला पाकिस्तान खासतौर से असीम मुनीर, जिसे पाकिस्तान का हिटलर बना दिया है, चुप बैठेगा? यह भी सम्भावना है कि मुनीर को पाकिस्तान का हिटलर बनाने पर वहां की सारी पार्टियां सडकों पर आने से गृह युद्ध की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान में पल रहे आतंकी सरगनाओं को मुनीर ने ध्यान हटाने के लिए दिल्ली में विस्फोट करवाया हो। ताकि भारत द्वारा Operation Sindoor-2 होने पर गृह युद्ध के हालातों पर काबू पा सके।
भागीरथ पैलेस के कारोबारी संगठन के अध्यक्ष राधे श्याम मिश्रा ने बताया कि उनके बाजार के कई दुकानों के न सिर्फ शीशे टूट गए, बल्कि तेज धमाके के साथ कंपन महसूस किया गया है ऐसे में लोगों में इस धमाके की चर्चा काफी देर तक रही कि यह क्या है। टायर फटने या सिलेंडर ब्लास्ट के कयासों के आधे घंटे बाद यह जानकारी मिली कि लालकिला के सामने धमाका हुआ है।
ये बातें आतंकी हमले की ओर कर रहा है इशारा
- धमाके की तीव्रता इतनी तेज थी कि करीब चार किलोमीटर दूर आइटीओ तक आवाज सुनाई दी
- हरियाणा नंबर की जिस आइ-20 कार मेंं धमाका हुआ उसके परखच्चे उड़ गए
- घटनास्थल से करीब 250 मीटर दूर तक कारों के पार्ट्स जा गिरे
- लाल किला के सामने चांदनी चौक की तरफ कई दुकानों के शीशे टूट गए
- धमाके की तीव्रता और मलबे का स्वरूप दर्शाता है कि इसमेें उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक जैसे आरडीएक्स का प्रयोग हुआ हो न कि सामान्य ईंधन रिसाव से हुआ विस्फोट
उमर मोहम्मद चला रहा था गाड़ी, धमाके के बाद दूर जाकर गिरा था हाथ
सूत्रों के अनुसार अब तक जांच के हिसाब से इस बात की पूरी संभावना गाड़ी उमर मोहम्मद चला रहा था। धमाके के बाद उसका एक हाथ दूर जाकर गिरा था। कुछ बॉडी पार्ट्स भी मिले है. डीएनए जांच के बाद इस चीज की पुष्टि होगी कि क्या ये उमर मोहम्मद ही था। दिल्ली पुलिस DNA की जांच करवा रही है।
दिल्ली में आतंकवादी बम विस्फोट में 13 लोग की मौत
पुलिस ने निम्न "3 मुस्लिम आतंकवादी डॉक्टरों" को भारी विस्फोटकों के साथ पिछले दिनों गिरफ्तार किया था:-
1- डॉक्टर आदिल (सहारनपुर से गिरफ्तार)
2- डॉक्टर मुजम्मिल शकील (फरीदाबाद से गिरफ्तार)
3- महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद (लखनऊ से गिरफ्तार)
अब तक किसी भी मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाले मोदी विरोधियों की आवाज़ नहीं निकल रही, क्यों? कश्मीर से धारा 370 हटाने, पत्थरबाजों पर कार्यवाही करने और घुसपैठियों का समर्थन करने वालों आँखों खोलो।
1-इन आतंकवादी मुस्लिम डॉक्टरों और विस्फोट करने वाले इस्लामिक आतंकवादियों के विरूद्ध के विरूद्ध तो एक भी शब्द भी नहीं बोल रहे हैं।
2- ये BJP पर पागल कुत्तों की तरह भोंक रहे हैं जब कि मोदी जी 11 साल शासनकाल में ये पहला विस्फोट हुआ है(जम्म-काश्मीर के अलावा)
3- इन "BJP विरोधी हरामजादे नेताओ" के गठबंधन के 2004 से 2014 के बीच में 10 साल के शासनकाल में में पूरे भारत में इससे कई गुना बड़े 35 आतंकवादी हमले हुए थे(जम्म-काश्मीर के अलावा)
"मुस्लिम डॉक्टरों" के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में फरीदाबाद से निम्न सामग्री बरामद की:-
1- 360 किलो RDX,
2- 2900 किलो विस्फोक बनाने की सामग्री
3- अमोनिया जिलेटिन विस्फोटक
4- AK-47 राइफल
5- 600 से ज्यादा AK 47 की गोलियां
6- 5000 राउंड गोलियां सहित दर्जनों हथगोले व अन्य हथियार व गोला-बारूद
7- 20 Timer अर्थात 20 विस्फोट करने का Plan
जिस गाड़ी में ब्लास्ट हुआ उसका मालिक गुरुग्राम का रहने वाला मोहम्मद सलमान है।
मोहमद सलमान ने एक साल पहले जिसको गाड़ी बेची वो पुलवामा कश्मीर का रहने वाला मोहम्मद तारीक अहमद है।
कल फरीदाबाद में जिस डॉक्टर आदिल अहमद राथर के पास से विस्फोटक बरामद हुआ है वो भी कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विस्फोट वाली जगह के आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो i20 कार को लेकर चौकाने वाले तथ्य सामने आए।
यह कार 10 नवंबर की दोपहर 3:19 बजे लाल किले के पास स्थित मुगलकालीन सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में दाखिल हुई थी और यहां करीब 3 घंटे तक खड़ी रही।
शाम 6:48 बजे कार यहां बाहर निकली और महज 4 मिनट बाद, 6:52 बजे नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग के ट्रैफिक सिग्नल पर इसमें विस्फोट हो गया।
जांच एजेंसियों को मस्जिद की पार्किंग में कार का इतने लंबे समय तक रुकना संदिग्ध लग रहा है। उन्हें इस बात का शक है कि हो सकता है मस्जिद की पार्किंग में ही कार के अंदर विस्फोटक प्लांट किया हो।
ब्लास्ट से ठीक पहले की तस्वीर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जारी की है, जिसमें कार सुनहरी मस्जिद के पास सड़क पर जाती हुई साफ दिख रही है।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट के तार फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े हैं, जिसका भंडाफोड़ 9 नवंबर की रात को हुआ था।
खुफिया एजेंसियों को शक है कि i20 कार में आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद सवार था।
पुलिस कार में सवार मृत व्यक्ति का डीएनए टेस्ट करवाएगी, जिसके बाद पुष्टि होगी कि वह डॉक्टर उमर ही था या नहीं। धमाके के वक्त कार में तीन संदिग्ध सवार थे, जिनकी पहचान की कोशिश जांच एजेंसियों कर रही हैं।
हमे समझाया जाता है: ग़रीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी के कारण लोग आतंकी बनते हैं लेकिन
एक डॉक्टर RDX के साथ पकड़ा जाता है।
एक डॉक्टर रिसिन के साथ पकड़ा जाता है।
दो डॉक्टर AK-47 के साथ पकड़ा जाता है।
एक IT इंजीनियर IED मैनुअल के साथ पकड़ा जाता है।
अगर कोई आपसे कहता है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वे गरीब या अनपढ़ हैं, तो वह आपको गुमराह कर रहा है।
आप जितना ज़्यादा साफ़-साफ़ दिख रही बात को नज़रअंदाज़ करेंगे, जितना ज़्यादा आप उन्हें एक उन्मादी समस्या को सामाजिक समस्या के रूप में पेश करने देंगे, उतना ही ज़्यादा आप अपने आस-पास के बुरे लोगों को ताकत देंगे।
ये बुरे लोग बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले नहीं हैं। वे आपके ठीक बगल में हो सकते हैं। वे अलग नहीं दिखते, असल में हमारे नज़रों में आते ही नही।
वे सॉफ्टवेर इंजीनियर होते हैं जिसने शायद कभी आपकी मदद की थी।
वे बाल रोग विशेषज्ञ होते हैं जिसने एक बार रात 10 बजे आपके बच्चे का इलाज किया था।
वे टेक्नीशियन होते हैं जिसने आपका AC सुधारा था।
वे साधारण इंसानों जैसे दिखाई पड़ते हैं।
No comments:
Post a Comment