लंदन में ग्रूमिंग गैंग और मेयर सादिक खान (साभार-euromedmonitor.org/Politico.eu )
यूनाइटेड किंगडम में ग्रूमिंग गैंग एक बार फिर सुर्खियों में हैं। ताजा जाँच में यह खुलासा हुआ है कि कैसे नाबालिग लड़कियाँ लंदन की सड़कों पर इन तत्वों द्वारा जबरन वेश्यावृत्ति में धकेले जाने के लिए मजबूर हैं।
फिर भी, पाकिस्तानी मूल के मेयर सादिक खान न केवल इस गंभीर मुद्दे के प्रति उदासीन हैं, बल्कि कथित तौर पर इंग्लैंड की राजधानी में ऐसे गिरोहों की मौजूदगी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
द टाइम्स में टॉम विदरो की रिपोर्ट के मुताबिक, सादिक खान ने लंदन विधानसभा में कंजर्वेटिव नेता सुसान हॉल से ही सवाल पूछा है कि लंदन में कितने बलात्कार गिरोह हैं- ये कहने का उनका क्या मतलब है। दरअसल उन्होंने कहा था, “युवाओं को ग्रूम किए जाने के मामले में लंदन की स्थिति देश के अन्य हिस्सों से अलग है। लंदन में युवाओं को ग्रूम किया जा रहा है, ताकि उनसे काउंटीलाइंस (बच्चों से ड्रग्स, नशीली दवाएँ और दूसरे अपराध) कराई जा सके।
🚨 NEVER FORGET WHEN THE MAYOR OF LONDON, SADIQ KHAN, COMPLETELY REFUSED TO ANSWER QUESTIONS ABOUT THE GROOMING GANGS IN LONDON 😲
— BRITAIN IS BROKEN 🇬🇧 (@BROKENBRITAIN0) September 19, 2025
KHAN MUST RESIGN 🚫 pic.twitter.com/66wvRsCkWF
कंजर्वेटिव नेता हॉल ने कहा, “हर बार जब मैंने पूछा, तो मुझे एक ही जवाब मिला कि हमारे यहाँ (ग्रूमिंग गैंग) नहीं हैं। जबकि सच तो ये है कि लंदन में सालों से ग्रूमिंग गैंग सक्रिय है। वे ये सच क्यों नहीं बता सकते।”
Why don’t those in power admit that we have real problems with ‘grooming gangs’? Sadiq Khan pretended he didn’t know what I was talking about when I questioned him about them being in London. Shocking! pic.twitter.com/ktg4v9PbaU
— Susan Hall AM (@Councillorsuzie) October 20, 2025
सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी जॉन वेजर के अनुसार, ये गिरोह नाबालिग लड़कियों को सेक्स और वेश्यावृत्ति के लिए तैयार कर रहे हैं। इसे पता करने के लिए वह उत्तर-पूर्वी लंदन के टोटेनहैम गए। उन्होंने बताया, “मैंने कई सालों तक मेट पुलिस के वाइस स्क्वॉड में काम किया है, और मैंने एक ही इलाके में इतने सारे गिरोह पहले कभी नहीं देखे।” उन्होंने बताया कि एक 12 साल की सोमालियाई लड़की और 15 और 16 साल की दो अंग्रेज़ लड़कियाँ एक साथ ‘धंधे’ में लगाई गई थीं।
25 साल बाद 2017 में मेट छोड़ने वाले पूर्व अधिकारी ने लंदन में बाल वेश्यावृत्ति के बढ़ते मामले को उजागर करने के लिए आईबीबी मीडिया की एक डॉक्यूमेंट्री बना रही टीम के साथ काम किया। वे अभी भी इस काम में लगे हुए हैं ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके। कई कार्यकर्ता, एनजीओ और पूर्व पुलिस अधिकारियों ने मिलकर संगठन बनाया है और लंदन के देह व्यापार का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रहा है।
वेजर ने दावा किया कि उनके पास सबूत हैं, जिनमें अपराधियों की कार के नंबर भी हैं। हालाँकि, उन्हें 2006 में लंदन में यौन शोषण और शोषण के शिकार हुए 50 बच्चों के मामलों की जाँच बंद करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने कहा, “सादिक खान इन सबका मजाक उड़ाते हैं, जबकि बहस को बेमानी करार देते हैं। जबकि कमजोर परिवार के बच्चे इस गिरोह के टारगेट पर हैं।”
समस्याओं की लीपापोती और यू-टर्न
फरवरी में लंदन विधानसभा के सदस्यों की पूछताछ के जवाब में मेट (मेट्रोपॉलिटन पुलिस) आयुक्त सर मार्क रोली ने आरोपों को खारिज कर दिया। फिर हाल ही में उन्होंने यू-टर्न लेते हुए कहा कि पुलिस ‘एकाध अपराधियों के मामलों’ की ‘लगातार निगरानी’ कर रही है और इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की जा रही है।
मेट ने घोषणा की कि वह ब्लैकस्टॉक की बैरोनेस केसी की सिफारिशों के आधार पर 9,000 बाल यौन शोषण के मामलों की जाँच करेगा। केसी को ग्रूमिंग गैंग की जाँच में सहायता के लिए तब बुलाया गया था, जब इस मामले की जाँच कर रहे दो अधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
अधिकारियों ने दावा किया कि कई ऐसे मामले थे जिसकी जाँच की जानी थी। लेकिन इनमें गैंग के क्राइम से जुड़ी पूरी जानकारी लिखी ही नहीं गई थी।
ग्रूमिंग गिरोहों का पर्दाफाश करने में मदद करने वाले कार्यकर्ताओं के अनुसार, लंदन की स्थिति उत्तरी इंग्लैंड के कस्बों और शहरों के अधिकारियों द्वारा क्राइम को ‘कवर अप’ करने जैसी ही है। मैगी ओलिवर मैनचेस्टर की पूर्व पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होंने रोशडेल ग्रूमिंग गिरोहों के बारे में मुखबिर के रूप में काम किया था।
डेली एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा, “मुझे एहसास हुआ कि शीर्ष पर बैठे सभी लोग 100% जानते थे और इसे छिपाना चाहते थे।” मैगी ओलिवर फाउंडेशन चैरिटी में पीड़ितों की मदद करने के दौरान उन्होंने जो देखा और जाँच के निष्कर्षों में जो निकला, उस आधार पर कहा जा सकता है कि लंदन में दुर्व्यवहार का एक ऐसा ही पैटर्न दिख रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि वे इसे इतने लंबे समय तक कैसे छिपाए रखने में कामयाब रहे, लेकिन मुझे इससे कोई आश्चर्य नहीं हुआ।”
लापरवाही, पीड़ित को दोषी ठहराना और अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करना
प्रोफ़ेसर एलेक्सिस जे के बाल दुर्व्यवहार पर प्रसिद्ध निष्कर्षों से कई ऐसे उदाहरण सामने आते हैं जो ब्रिस्टल, न्यूकैसल, रॉदरहैम, टेलफोर्ड और अन्य स्थानों में इस्तेमाल किए जाने वाले ग्रूमिंग मॉडल से स्पष्ट रूप से मिलते-जुलते हैं।
टाइम्स के अनुसार, एक 15 वर्षीय लड़की ने पुलिस को बताया कि वह ‘अश्लील पार्टियों’ में शामिल हुई थी, जहाँ उसे यौन संबंध बनाने के बदले ड्रग्स और शराब दी जाती थी, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया।
जे के ने बताया कि मामला शुरू होने से पाँच हफ्ते पहले तक मेट अधिकारियों ने उस लड़की से संपर्क नहीं किया था। एक ‘मल्टी एजेंसी मीटिंग’ के बाद उसे बताया गया कि वह जिन समारोहों में बड़े आदमियों, शराब और ड्रग्स के साथ गई थी, वे ‘अश्लील पार्टियाँ’ नहीं थीं। इसलिए वह ‘खतरे’ में नहीं थे। हालाँकि, जे ने पाया कि सबूत कुछ और ही इशारा कर रहे थे और मेट की प्रतिक्रिया काफी ‘ठंडी और कमजोर’ थी।
पूर्वी लंदन के टावर हैमलेट्स से एक 13 वर्षीय ‘अक्सर लापता’ रहने वाले बच्चे को 2018 में होटल की सेक्स पार्टियों में लाया गया था। जे ने बताया कि सामाजिक सेवाओं से सिर्फ़ एक बार फ़ोन पर संपर्क करने के बाद, पुलिस ने ‘यह तय कर लिया कि यह बाल यौन शोषण का मामला नहीं है।’ अधिकारियों ने उस लड़के और उसके परिवार से संपर्क नहीं किया।
जे के ने बताया कि लड़के को ‘बाल संरक्षण’ में रखा गया था। मेट ने बाद में स्वीकार किया कि उसका ध्यान बाल यौन शोषण के बजाय नशीली दवाओं और आपराधिक शोषण, यानी सादिक खान द्वारा उल्लिखित ‘काउंटी लाइन्स’ पर केंद्रित था।
सार्वजनिक रिकॉर्ड में कई जघन्य मामले दर्ज हैं। जे के ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारियों पर ‘पीड़ितों को दोषी ठहराने’ का आरोप लगाया था। एक अधिकारी ने 2018 की शुरुआत में अपने नोट्स में कहा, “उसकी वर्तमान जीवनशैली उसे जोखिम में डाल रही है, उसका व्यवहार अच्छा नहीं है।”
सादिक खान ने 2016 से 2025 तक की चार रिपोर्टों पर औपचारिक प्रतिक्रियाएँ दीं, जिनमें से प्रत्येक में छह संभावित पीड़ितों के बारे में जानकारी थी। मैगी ओलिवर का मानना है कि तीन अपराधियों को ग्रूमिंग गिरोह के रूप में पहचाना जा सकता है।
नशीली दवाएँ, वेश्यावृत्ति और बाल यौन शोषण
द टाइम्स के लेख में लेखक और प्रचारक क्रिस वाइल्ड के हवाले से कहा गया है कि लंदन रॉदरहैम से ज्यादा बदतर है। लंदन के हर इलाके में एक समस्या है। वाइल्ड ने कथित तौर पर महामारी के दौरान उत्तरी लंदन के एनफील्ड, टॉटेनहैम और हैरिंगे में छह बाल देखभाल संस्थानों की देखरेख की। उन्होंने बताया, ” यहाँ हर हफ्ते 50 से 75 फीसदी बच्चे वेश्यावृत्ति में धकेले जा रहे थे।”
वाइल्ड ने आगे कहा, “एक (घर) में छह बच्चे थे, और हर हफ्ते पाँच बच्चे वेश्यावृत्ति में धकेल दिए गए। वे अस्त-व्यस्त, नशे में धुत, यौन गिरोहों को बेचे गए और बाल यौन शोषण करने वालों द्वारा बलात्कार किए गए थे और वापस आ रहे थे।”
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने इनसे संपर्क नहीं किया। पुलिस के पास कई बहाने थे। उन्होंने दावा किया कि पुलिस कह सकती है, “ओह, वह बयान नहीं देगी, वह आक्रमक है, वह अनैतिक है।” यानी पुलिस पीड़िता को जानते थे।
“यह पूरे लंदन में हो रहा है (और) देश में कहीं और की तुलना में कहीं ज़्यादा। मैं अग्रिम पंक्ति में हूँ और मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के पास ऐसी लड़कियों की कहानियाँ हैं। मैं लंदन में इस बारे में लगातार मुखर हूँ। मेयर कार्यालय से यह कहते हुए रिपोर्ट सुनना कि ‘यहाँ यह कोई समस्या नहीं है’ दिखाता है कि वह व्यक्ति भ्रमित है।
उन्होंने खान से इस गंभीर मुद्दे को स्वीकार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आपको खुद से यह सवाल पूछना होगा। वे किसे बचा रहे हैं? वे क्या बचा रहे हैं।”
लंदन के मेयर सादिक खान की आलोचना
क्रिस फिलिप एमपी के मुताबिक, “यह शर्मनाक है कि लंदन के मेयर यह दावा कर रहे हैं कि उन्हें इस बात की खबर नहीं है कि लंदन में ग्रूमिंग गैंग सक्रिय हैं। जबकि उन्होंने शहर में ग्रूमिंग गैंग द्वारा पीड़ितों के साथ दुर्व्यवहार के सबूतों वाली रिपोर्टों पर व्यक्तिगत रूप से प्रतिक्रिया दी है। यह स्पष्ट है कि सादिक खान इस मामले को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं,”
In an already shameful week for the Labour Government - first with Jess Phillips losing the confidence of rape gang survivors, then today apparently accidentally releasing a migrant hotel paedophile - tonight's breaking news is the final straw:
— Chris Philp MP (@CPhilpOfficial) October 24, 2025
Tonight's revelation of the Met…
रिफॉर्म यूके सांसद ली एंडरसन के मुताबिक, “इस बात के वास्तविक और विश्वसनीय सबूत हैं कि लंदन में ग्रूमिंग गैंग मौजूद हैं, और मेयर का इस पर आँखें मूँद लेना बेहद शर्मनाक है।”
एक पीड़िता ने सवाल किया, “खान और मेट कमिश्नर का ग्रूमिंग गैंग को नकारना, लंदन के दो सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा किए गए ‘भयानक अपराध’ हैं, उन्हें इसके लिए शर्म आनी चाहिए। यह चौंकाने वाला है कि ये सारे सबूत सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं और यह स्वीकार किया जा रहा है कि लंदन में ग्रूमिंग गैंग का मुद्दा मौजूद है। एक मेयर, जो खुद को महिलाओं और लड़कियों का समर्थक बताता है, वह इन महिला पीड़ितों की आवाज को इतनी बेरहमी से क्यों रोक रहा है?”
मेयर और मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने जोर देकर कहा कि शहर में रॉदरहैम या रोशडेल जैसे बलात्कार गिरोहों की ‘कोई रिपोर्ट’ नहीं मिली है, जबकि मेयर ने घोषणा की कि उनके अस्तित्व का ‘कोई संकेत’ नहीं है। हालाँकि, महामहिम के कांस्टेबुलरी और अग्निशमन एवं बचाव सेवाओं के निरीक्षणालय से संबंधित घटनाक्रम ने सच्चाई उजागर कर दी।
राउली ने खान को एक खुला पत्र भी लिखा जिसमें बताया गया कि मेट्रो 6 अप्रैल से दर्ज किए गए 654 बाल आपराधिक शोषण के मामलों और ‘अकेले या कई अपराधियों’ से जुड़े 716 बाल यौन शोषण के मामलों की जाँच कर रही है। राउली के अनुसार, पुलिस को इस दौरान 14,500 से ज़्यादा यौन अपराधों का सबूत मिले। इसके बावजूद ऐसे मामलों को पूरे यूके में हाशिए पर रख दिया गया है।
उनका मानना है कि अक्सर, पीड़ितों पर विश्वास नहीं किया जाता और यहाँ तक कि समय-समय पर उन पर राय भी बनाई जाती है।
खान के कार्यकाल की शुरुआत से लेकर इस साल तक यौन शोषण के मामलों से निपटने के मेट के तरीकों की समीक्षा पर आधारित रिपोर्टों में बताया गया है कि कैसे पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तब जब उन्हें पता था कि ये ग्रूमिंग गिरोह 13 साल की बच्चियों का फायदा उठा रहे थे। इस बीच, खान के प्रवक्ता ने कहा कि ‘सभी सिफारिशों’ पर कार्रवाई करने के लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए।
जाँच में पाया गया कि पूर्वी लंदन बरो में पाँच अलग-अलग युवतियों का यौन शोषण नेटवर्क द्वारा शोषण किया जा रहा था। कार्यवाही के दौरान गवाहों ने बताया कि कैसे 2010 के दशक के अंत में, ‘पुरुषों के ग्रुप’ ने होटल के कमरों में लड़कियों का यौन शोषण किया।
यूनाइटेड किंगडम में पाकिस्तानी ग्रूमिंग गिरोह हावी
यूनाइटेड किंगडम दशकों से मुख्य रूप से पाकिस्तानी मुस्लिम पुरुषों द्वारा संचालित ग्रूमिंग गिरोहों से त्रस्त है। अधिकारियों, सरकार और यहाँ तक कि मीडिया पर भी पीड़ितों, उनके परिवारों और प्रचारकों द्वारा इस्लामोफोबिया और नस्लवाद के नाम पर इन जघन्य अपराधों को छिपाने के बार-बार आरोप लगे। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस मुद्दे से निपटने के लिए एक टीम का गठन किया।
1990 के दशक के अंत में इन गिरोहों ने 11 साल की उम्र तक की छोटी लड़कियों का अपहरण, बलात्कार, दुर्व्यवहार, बिक्री और यहाँ तक कि हत्या भी की। यह पता चला कि ब्रिटिश पाकिस्तानी पुरुषों ने 16 साल में अकेले रॉदरहैम में 1,400 बच्चों का यौन उत्पीड़न किया था।
बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार पर राष्ट्रीय लेखा परीक्षा अध्ययन से पता चला है कि रॉदरहैम में बाल यौन शोषण के 64% मामले इन्हीं पुरुषों द्वारा किए गए थे। इसके अलावा, ‘ऑपरेशन स्टोववुड’ के तहत बाल यौन शोषण के आरोपों में दोषी पाए गए 42 लोगों में से अधिकांश पाकिस्तानी पुरुष थे।
बलात्कार गिरोह जाँच रिपोर्ट के परिणामों के अनुसार, ग्रेट यारमाउथ के सांसद रूपर्ट लोव ने 26 अगस्त को बताया कि पाकिस्तानी मुस्लिम बलात्कार गिरोह यूनाइटेड किंगडम के 85 स्थानों पर सक्रिय हैं। इन गिरोहों की लगातार और अनियंत्रित उपस्थिति ने काफी राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है।
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