जो बोयेगा वही कटेगा कहावत लालू यादव पर सटीक बैठती है और सनातन विरोधियों की भी यही दुर्गति होने वाली। अडवाणी के राम रथ को रोक जिस मुस्लिम वोट बैंक को खुश किया आज कोई लालू की मदद को नहीं आने वाला। ऊपर वाले की मार बेआवाज़ होती है लालू। बहुत तीस मार का बन सुरमा भोपाली बने फिर रहे थे। जिस तरह मुस्लिम तुष्टिकरण गैंग के कहने पर राम रथ रोका उसी तरह बाहर वालों ने उसी लालू को तोडा ही नहीं सामाजिक निंदा भी कर दी। जिस परिवार में माता-पिता के सामने चप्पल दिखाना मारने से कम नहीं और माँ-बाप बेटे को कुछ नहीं कहें उस परिवार का डूबना निश्चित है। किसी में इतनी शर्म-गैरत नहीं कि जिस लड़की ने भरी जवानी में अपनी किडनी देकर पिता को बचाया उसे ही अपमानित करना दिखाता है संस्कार। चाहिए तेजस्वी को था जो भारी-भरकम शरीर लिए घूम रहा है क्यों नहीं दी बाप को किडनी। महिला माँ हो, बहन हो या फिर पत्नी लक्ष्मी का रूप होती है। पहले बहु ऐश्वर्या की पिटाई कर घर से निकाला और बेटी। वाह रे सनातन विरोधी, प्रभु राम की लीला देख। ऐसे माहौल में पार्टी में जो भी महिला पार्टी में रहती है उन महिलाओं के संस्कार पर संदेह होना निश्चित है। पता चला राम के काम में बाधा डालने का परिणाम।
लालू यादव के परिवार से रोहिणी को घर से निकाले जाने को लेकर जो कलह सामने आई है और उसके बाद 3 अन्य बेटियों के भी घर से पलायन की खबर से लगता है परिवार में टूटन चरम पर है। रोहिणी ने उसे अपमानित करने, उसके साथ गाली गलौच करने और चप्पल फ़ेंक कर मारे जाने के लिए तेजस्वी यादव, संजय यादव और रमीज खान को जिम्मेदार बताया है।
रोहिणी से पहले तेजप्रताप यादव को घर और पार्टी से बाहर किया गया था पहली बीवी के होते हुए दूसरी के साथ संबंध रखने के लिए। सर्वेसर्वा बना हुआ है तेजस्वी यादव।
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लालू यादव और राबड़ी देवी बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर 11 मार्च, 1990 से लेकर 6 मार्च, 2005 तक विराजमान रहे केवल 3 मार्च, 2000 से 10 मार्च, 2000 तक 7 दिन के समय को छोड़ कर जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे।
लालू यादव की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती का जन्म दिन 22 मई 1976 है और रोहिणी का जून, 1979 है। उसके बाद 4 बेटियों के जन्मदिन की सूचना गूगल पर उपलब्ध नहीं है। उसके बाद नंबर तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव का आता है और अंत में राजलक्ष्मी यादव का जिसका जन्मदिन 4 जुलाई, 1990 है। तेजप्रताप यादव का जन्मदिन 16 अप्रैल, 1988 और तेजस्वी यादव का November 9, 1989।
इस तर्ज देखा जाए तो लालू यादव के सभी बच्चों ने लालू और राबड़ी के “जंगल राज” के भरपूर मजे लूटे होंगे क्योंकि उनके माता पिता तो बिहार के राजा रानी रहे थे जो आदमी को आदमी नहीं समझते थे।
उन्हीं राजा रानी का नशा दोनों भाइयों में था जो अब काफूर हो गया है और तेजस्वी यादव प्रधानमंत्री मोदी को अपशब्द कहने से भी नहीं चूकता।
लालू यादव ने सबसे बड़ा अपराध मुख्यमंत्री पद के अहंकार में राम मंदिर के लिए अडवाणी की रथयात्रा को रोककर उन्हें गिरफ्तार करके किया था और आज तक भी कभी भगवान राम का अपमान करने के लिए माफ़ी नहीं मांगी। लालू ने उसे केवल एक राजनीति समझा लेकिन वह भूल गया एक दिन ईश्वरीय दंड जरूर मिलता है।
वो दंड उसे ही नहीं मिला बल्कि कांग्रेस को भी मिला जब 2014 में उसे लोकसभा के इतिहास की सबसे कम 44 सीट मिली लेकिन रजवाड़े खानदान होने के नशे में उसे यह अहसास ही नहीं हुआ कि ऐसा क्यों हुआ बल्कि उसने और भी आगे बढ़ कर सनातन धर्म को मिटाने की मुहीम शुरू कर दी और भारत माता का भी अपमान करना अपना पेशा बना लिया ।
कुछ समय पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि जल्दी ही वह समय भी देखने को मिलेगा जब परिवारवादी दल बिखरते दिखाई देंगे। तमिलनाडु स्टालिन परिवार में भी कलह सामने आई थी लेकिन फ़िलहाल दब गई। ठाकरे परिवार तो पूरी तरह बिखर ही गया और अब लालू परिवार टूटता दिखाई दे रहा है। इसके बाद कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी जब फर्जी गांधी परिवार में वर्चस्व की लड़ाई गृह कलेश पैदा कर दे और पार्टी विघटन की तरफ आगे बढ़ जाए। उसके पहले समाजवादी पार्टी भी बिखराव देख चुकी है जब अखिलेश और मुलायम आमने सामने थे और परिवार की बहु अपर्णा यादव घर से अलग होकर भाजपा में आ गई थी।
लालू यादव और राबड़ी देवी को बंधक बना कर घर में रखने की भी ख़बरें चल रही है। एक बेटे तेजस्वी ने ऐसा लगता है स्वतः ही पार्टी की सभी शक्तियां अपने हाथ में ले ली हैं जो उसे विनाश की तरफ ले जाएंगी।

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