दिल्ली में मुस्लिम डॉक्टरों के हमले कांग्रेस और सुप्रीम कोर्ट ने कराये; राहुल गांधी ने कहा था पूरे देश में आग लगने जा रही है; ऐसे आदमी को सुप्रीम कोर्ट छूट पर छूट दे रहा है

सुभाष चन्द्र

मोदी सरकार को पाकिस्तान पर कार्यवाही करने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के भी पर काटने होंगे। क्योकि जब तक भारत में गाँधी परिवार की गुलाम सुप्रीम कोर्ट रहेगी भारत में आतंकवाद ख़त्म नहीं हो सकता। आधी रात को आतंकवादियों के कोर्ट खोलने वाले जजों के बैंक खाते चैक करने चाहिए। राहुल गाँधी जो बेलगाम बोलता रहता है उसकी जिम्मेदार भी सुप्रीम कोर्ट ही है। क्योकि उसको मालूम है कि बचाव करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तो है ही। एटम बम और हाइड्रोजन बम फटने वाला है और 3 दिन के बाद हो गया दिल्ली में ब्लास्ट हो गया, और दोनों भाई-बहन भाग गए छुट्टी मनाने विदेश।  

सुप्रीम कोर्ट के Justice Dipankar Datta and Justice Augustine George Masih ने राहुल गांधी को कहा कि अगर आप सच्चे भारतीय होते तो सेना के खिलाफ क्या ऐसी बातें कह सकते थे और उसके आचरण पर आपत्ति करके भी उसके खिलाफ केस को स्टे कर दिया जिस पर अब भी रोक लगी है। इतना सुनने पर भी राहुल गांधी ने फिर सेना का अपमान करते हुए कहा कि केवल 10% लोग सेना चलाते हैं सुप्रीम कोर्ट ने राहुल पर सावरकर के अपमान पर चल रहे केस पर भी रोक लगा दी बी आर गवई ने तो उसकी सजा पर रोक लगा कर उसे छुट्टा सांड बना दिया जो विदेशों में जाकर भारत को गालियां बकता है और उसके लिए गवई जिम्मेदार है

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इतना ही नहीं राहुल गांधी ने कहा था “देश में केरोसिन बिखरा हुआ है एक माचिस की तिल्ली लगाने की जरूरत है, मैं सच कहता हूं, पूरे देश में आग लगने वाली है” उसके दिल में दर्द था कि मोदी ने 11 साल से आतंकी हमले कैसे रोके हुए हैं? उस दर्द को मिटाने के लिए रेवंत रेड्डी ने 3 दिन पहले ही कह दिया कि मुसलमान कांग्रेस हैं और कांग्रेस ही मुसलमान हैं, कांग्रेस है तो मुसलमान की इज़्ज़त है    

वैसे तो रेड्डी ने कांग्रेस और मुसलमान को एक बताया है लेकिन एक सच यह भी है कि कांग्रेस पाकिस्तान है और पाकिस्तान कांग्रेस है और पाकिस्तान ही 40 साल से हमले कर रहा है जिसे अपने बाप का माल समझ कर नेहरू ने POK दे दिया था हर पाकिस्तानी हमले के लिए कांग्रेस सबूत मांगती फिरती है तो फिर क्यों न कहा जाए कि यह हमला कांग्रेस ने कराया है

अभी बिहार चुनाव के दौरान राहुल ने कहा था कि बम फटने वाला है और 3 दिन बाद सभी मुसलमान डॉक्टरों का हमला होता है तो फिर क्यों न इसे कांग्रेस का प्रायोजित हमला न कहा जाए। ब्लास्ट होने के बाद राहुल और प्रियंका दोनों भाई-बहन विदेश भाग गए। क्या वहां जाकर कोई और बम लेने गए हैं? क्या सुप्रीम कोर्ट गाँधी परिवार की गुलामी को त्याग देशहित में कार्यवाही करेगी?  

गूगल पर सर्च किया कि सुप्रीम कोर्ट में आतंक से संबंधित कितने केस लंबित हैं उत्तर में कहा गया ऐसा कोई डाटा प्रकाशित नहीं किया जाता लेकिन 2019 का UAPA में हुए संशोधन अभी लंबित है; इसके अलावा 2008 मुंबई हमलों में कुछ लोगों की व्यक्तिगत अपील लंबित हैं; Electronic evidence को Indian Evidence Act के सेक्शन 65B में admissible माना जाये या नहीं, यह भी लंबित है In addition to large-scale challenges, the Supreme Court is likely to have pending appeals from individual terror cases, which may involve petitions challenging convictions or seeking bail.

15 साल बाद जयपुर के 2008 धमाकों में मारे गए 78 लोगों के अपराधियों को हाई कोर्ट ने 29 मार्च, 2023 को बरी कर दिया था उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट अपील लिए बैठा है इसी तरह 2006 के मुंबई ट्रेन धमाकों में मारे गए 187 लोगों के अपराधियों को हाई कोर्ट ने 19 साल बाद 21 जुलाई, 2025 को बरी कर दिया था सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर रोक तो लगा दी लेकिन उन अपराधियों को छोड़े रखा और अपील पर तो सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की Priority में हो ही नहीं सकती क्योंकि ऐसे धमाकों में जजों के परिवार का तो कोई नहीं मरता

अब जो धमाका 10 नवंबर को हुआ, क्या पता उसके सभी डॉक्टरों को 10-15 साल बाद ट्रायल कोर्ट/हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सबूतों के अभाव में बरी कर दे

अब Gen-Z का प्रदर्शन होना चाहिए लेकिन सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि फर्जी गांधी परिवार को देश से भगाने के लिए और सुप्रीम कोर्ट की तानाशाही के खिलाफ

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