डोनाल्ड ट्रंप ये भी बता दीजिए कि पाकिस्तान के परमाणु टेस्ट पर कोई आपत्ति नहीं है तो भारत के टेस्ट करने पर “आर्थिक प्रतिबंध” तो नहीं लगा दोगे

सुभाष चन्द्र

विश्व अमेरिका से पूछना चाहता है कि अगर किसी भी देश द्वारा अपनी आत्मरक्षा के लिए परमाणु बनाने से क्यों आपत्ति होती है?

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहे हैं और इसलिए अमेरिका को भी ऐसे परीक्षण शुरू करना सही होगा रूस और चीन परीक्षण करते हैं लेकिन वो इसके बारे में बात नहीं करते लेकिन हम उनके अलग हैं और हम इसके बारे बात करते है। 

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ट्रंप ने कहा “"We're going to test because they test and others test. And certainly North Korea's been testing. Pakistan's been testing," 

Trump claimed the US does not "necessarily know" where these "powerful" nations that are testing nuclear weapons are but asserted the testing is being done. 

मतलब ट्रंप ने पाकिस्तान को शक्तिशाली देशों की सूची में सुशोभित कर दिया कहीं ऐसा तो नहीं है कि पाकिस्तान के लिए परमाणु परीक्षण अमेरिका ही कर रहा हो क्योंकि ये आरोप तो अब खुले आम लग रहे हैं कि अमेरिका के परमाणु हथियार पाकिस्तान में रखे है और पाकिस्तान के अपने हथियारों पर भी अमेरिका का नियंत्रण है 

लेकिन अमेरिका के Energy Secretary Chris Wright ने ट्रंप के बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि “people would not see explosions or anything similar to previous nuclear tests carried out in the United States, “I think the tests we’re talking about right now are system tests. These are not nuclear explosions. These are what we call non-critical explosions.”

टेस्ट तो टेस्ट हैं नाम उन्हें कुछ भी दे दीजिए लेकिन प्रश्न सबसे बड़ा यह है कि जब ट्रंप को पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण पर कोई आपत्ति नहीं है तो भारत द्वारा भी ऐसे परीक्षण पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए लेकिन भारत का परमाणु परीक्षण ट्रंप से बर्दाश्त नहीं होगा इसलिए ट्रंप को बाद में बखेड़ा खड़ा करने से पहले ही साफ़ कर देना चाहिए कि भारत भी परमाणु परीक्षण करने के लिए स्वतंत्र है

अभी भारत की कांग्रेस पार्टी की तरफ से पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है क्योंकि वह तो कांग्रेस का हमसाया देश है जिसके परमाणु हथियार भारत के खिलाफ ही उपयोग होंगे जिससे कांग्रेस को ख़ुशी मिलेगी लेकिन जैसे ही ट्रंप भारत द्वारा किए जाने वाले परीक्षणों पर सवाल उठाएगा, कांग्रेस पार्टी को मोदी पर हमला करने का हथियार मिल जाएगा

वैसे एक संभावना यह भी हो सकती है कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने के लिए कहा हो और पैसा दिया हो क्योंकि सऊदी और पाकिस्तान के बीच रक्षा संधि हुई है जो अमल में नहीं आ रही क्योंकि जब अफगानिस्तान पाकिस्तान को पेल रहा है तो सऊदी खामोश है जबकि संधि के मुताबिक उसे पाकिस्तान पर अफगानिस्तान के हमले को अपने ऊपर हमला समझना चाहिए लेकिन वह ऐसा कर नहीं रहा अब पाकिस्तान से वह परमाणु हथियार तैयार करा कर अपने देश में रखना चाहता है, ऐसा लगता है

अब 25 वर्ष से ज्यादा समय बीत चुका है और वैश्विक बदलाव को देखते हुए भारत को भी अपनी परमाणु क्षमता बढ़ानी चाहिए क्योंकि एक पडोसी पागल मुल्क कुछ भी कर सकता है No First Use की नीति भी आधिकारिक तौर पर छोड़ देनी चाहिए भारत को बेशक परमाणु हथियारों के उपयोग की आवश्यकता पड़े या न पड़े लेकिन इस नीति को छोड़ना ही पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी साबित होगा

Stockholm International Peace Research Institute (SIPRI) puts the total U.S. inventory at 5,177, with Russia at 5,459. SIPRI notes that "Russia and the USA together possess around 90 percent of all nuclear weapons." 

Russia

United States

China

France

United Kingdom

Pakistan

India

Israel

North Korea

These states have roughly 12,331 nuclear warheads

अगर ट्रंप पाकिस्तान के परमाणु हथियार बढ़ने से खुश है तो भारत के हथियार बढ़ने पर भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए

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