उदित क्या ऐसा जहर किसी अन्य मजहबों के खिलाफ उगलने की हिम्मत है? ‘अक्ल के अंधे हैं रामभद्राचार्य’ : कांग्रेस नेता उदित राज ने जगद्गुरु का किया अपमान, सनातन को लेकर बोले- ये कोई धर्म नहीं है

उदित राज जो अपमानजनक शब्द पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य और सनातन के लिए जहर उगला है क्या किसी दूसरे मजहब के लिए बोलने की हिम्मत है? अगर उगल दिया होता घर से बाहर निकलने नहीं पाते। तुम्हारी पार्टी भी साथ नहीं देती। देश को बताओं कि अगर हिन्दू धर्म में जातियां हैं तो दूसरे मजहब में कितनी-कितनी जातियां हैं, है हिम्मत बोलने की? तुम्हारे जैसे कुर्सी के भूखे नेताओं और पार्टियों की वजह से सनातन विरोधी कीजड़ उछालते हैं। आखिर कुर्सी की खातिर कितना नीचे गटर में जाओगे। हिन्दू स्वयंसेवी संस्थाओं को ऐसे नेताओं और उनकी पार्टियों के सामाजिक बहिष्कार करने के लिए सडकों पर आना होगा।    
कांग्रेस नेता उदित राज ने तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, “वे आँख के अंधे तो हैं ही, अक्ल के भी अंधे हो गए हैं।”

उदित राज ने जगदगुरु पर संविधान के अपमान का आरोप भी लगाया और हिन्दू धर्म पर टिप्पणियाँ की। उन्होंने कहा कि रामभद्राचार्य को प्रकृति ने तो आँखों से अंधा कर दिया है, लेकिन वह अक्ल से भी अंधे हैं।

उन्होंने कहा कि हिन्दू तो कोई है ही नहीं, यहाँ जातियाँ हैं। अगर हिन्दू होता तो, बाबा साहेब आंबेडकर बौद्ध नहीं बनते। उदित राज ने 2024 में लोकसभा जीतने वाले एनडीए गठबंधन पर ‘गलत तरीके से 70-80 सीटें जीतने’ का आरोप भी लगाया।

दरअसल तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने हिन्दू राष्ट्र को लेकर बयान दिया था। उन्होंने संविधान में बदलाव पर जोर देते हुए कहा था कि मनुस्मृति देश का पहला संविधान है और डॉक्टर भीमराव आंबेडकर अकेले संविधान निर्माता नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए संसद में 470 सीटें लाना जरूरी है, ताकि संविधान में बदलाव किया जा सके।

देश के सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने पर जोर देते हुए रामभद्राचार्यजी ने कहा कि देश में 80 फीसदी आबादी हिन्दुओं की रहनी चाहिए। सबको प्रयास करना चाहिए ताकि संसद में 470 सीटें हों, ताकि देश हिन्दू राष्ट्र बन सके। उन्होंने कहा कि अगर स्थिति नहीं बदली, तो हिन्दुओं पर अत्याचार होंगे। 

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