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केरल के उच्च शिक्षा मंत्री व CPI (M) नेता भी थे गोल्ड तस्करी आरोपित स्वप्ना सुरेश के सम्पर्क में

केरल गोल्ड तस्करीकेरल के हाई प्रोफाइल गोल्ड स्मगलिंग मामले में जो नए विवरण सामने आए हैं, वे केरल में सीपीआई (एम) सरकार के नेतृत्व वाले पिनाराई विजयन के लिए मुसीबत को और गहरा कर सकते हैं। बहुचर्चित गोल्ड स्मगलिंग केस की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश और पीआर सरिथ राज्य के बड़े नेताओं से लगातार संपर्क में थे।
स्वप्ना सुरेश की फोन कॉल से यह खुलासा हुआ है, इतना ही नहीं वह केरल के उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील से भी टच में थी। केरल के उच्च शिक्षा मंत्री और CPI(M) नेता केटी जलील और आरोपित स्वप्ना सुरेश के बीच कॉल डेटा रिकॉर्ड से पता चला कि दोनों के बीच 16 कॉल किए गए थे और वह निरंतर सम्पर्क में थे।
स्वप्ना सुरेश केरल गोल्ड तस्करी केस की प्रमुख आरोपित है। इससे पहले, NIA ने UAE से दुबई में रहने वाले तीसरे आरोपित फैसल फरीद के प्रत्यर्पण की माँग की थी। NIA ने यह भी दावा किया है कि सोने की तस्करी आतंकी गतिविधियों की फंडिंग के लिए की जा रही थी।
कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के अनुसार, केटी जलील ने स्वप्ना सुरेश को कई कॉल किए थे, जिसकी जाँच एनआईए और कस्टम अधिकारियों द्वारा की जा रही है। विवरण में कहा गया है कि मंत्री और स्वप्ना सुरेश के बीच मई और जून के महीने में कई कॉल हुए थे। जलील के दो निजी कर्मचारी भी स्वप्ना सुरेश के संपर्क में थे।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के अनुसार, स्वप्ना सुरेश और उनके साथी सरिथ कुमार, दोनों कांसुलर कार्यालय के पूर्व कर्मचारी, खेप की डिलीवरी के लिए राजनयिक पत्रों की व्यवस्था में सक्रिय रूप से शामिल थे। स्वप्ना सुरेश वर्तमान में केरल स्टेट आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीआईएल) के अंतर्गत कार्यरत है, जो कि सीधे आईटी विभाग के अंतर्गत आता है।
इससे पहले, पिनाराई विजयन के साथ आरोपित स्वप्ना सुरेश के कथित संबंध भी सामने आए थे, जब यह बताया गया था कि विजयन के प्रमुख सचिव एम शिवशंकर आरोपित स्वप्ना सुरेश के करीबी थे।
स्वप्ना सुरेश टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में सलाहकार के पद पर रही हैं। वह केरल सरकार के आईटी सचिव एम शिवशंकर की करीबी बताई जा रही हैं। इन दोनों के नाम सामने आने के बाद विपक्ष लगातार केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन पर निशाना साध रहा है।
अब, सीडीआर ने खुलासा किया है कि एम शिवशंकर हाई प्रोफाइल केस के पहले आरोपित सरिथ पीएस के संपर्क में था। इस मामले के सामने आने के कुछ दिनों पहले दोनों ने कई बार फोन किया था। शिवशंकर ने भी सुरेश और सरिथ, दोनों को कॉल की थी।
इस बीच केरल सरकार के मंत्री केटी जलील ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने स्वप्ना सुरेश से केवल काउंसल-जनरल के निर्देशानुसार आधिकारिक मामलों के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, “मुझे काउंसल-जनरल का संदेश मिला कि रमजान के खाद्य किट वितरण के लिए तैयार हैं। वह चाहते थे कि अगर मेरी रुचि हो तो मैं वापस आ जाऊं। इसके बाद, मुझे काउंसल-जनरल से निर्देश के अनुसार स्वप्ना सुरेश से संपर्क करने के लिए कहा गया। बातचीत विशुद्ध रूप से आधिकारिक थी।”
हालाँकि, कॉल विवरण ने मंत्री के बयान का खंडन किया है क्योंकि यह पता चला है कि मंत्री उनके संपर्क में थे, और उन्होंने रमजान के बाद भी अभियुक्तों को कई कॉल किए थे।
कस्टम्स ने पहले पाया था कि स्वप्ना सुरेश, सरिथ और संदीप नायर (एक अन्य आरोपित) अक्सर राज्य की राजधानी में शिवशंकर के अपार्टमेंट में इकट्ठा होते थे। राज्य सचिवालय के पास के फ्लैट को शिवशंकर ने किराए पर लिया था।
केरल की राजधानी में यूएई दूतावास से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल सोने की तस्करी मामले में उनका नाम सामने आने के बाद पिछले हफ्ते केरल सरकार ने एम शिवशंकर को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद से हटा दिया था। उनकी जगह अब आईएएस मीर मोहम्मद अली ने ले ली है।
एनआईए ने पाया कि रैकेट सितंबर, 2019 से तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर राजनयिक चैनलों के माध्यम से देश में 1.5 क्विंटल (150 किलोग्राम) सोना लाने में कामयाब रहा। एनआईए ने आगे खुलासा किया कि सोने की तस्करी गहनों के लिए नहीं की गई थी लेकिन भारत में आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग के लिए की थी।
जुलाई 13 को, एनआईए ने संदिग्धों – स्वप्ना सुरेश और यूएई काउंसलेट के लिए काम करने वाले संदीप नायर को 21 जुलाई तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है।
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राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने केरल सोना तस्करी मामले में आतंकी गतिविधि की संलिप्तता की आशंका जाहिर की है। NIA ने खुलास....
तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट पर कस्टम अफसरों ने 3 जुलाई को कार्गो फ्लाइट से 30 किलो सोना जब्त किया था। यह सोना यूएई के वाणिज्य दूतावास का था। जब कस्टम विभाग ने जाँच की तो इस मामले में स्वप्ना सुरेश और दूतावास के प्रतिनिधि सरिथ का नाम सामने आया था।

NIA का खुलासा : UAE दूतावास की सील-राजकीय चिन्ह से छेड़छाड़ कर आतंक के लिए 10 महीने में 150 किलो सोने की तस्करी

150 किलो सोने की तस्करीराष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने केरल सोना तस्करी मामले में आतंकी गतिविधि की संलिप्तता की आशंका जाहिर की है। NIA ने खुलासा किया है कि पिछले 10 महीनों में केरल में लगभग 150 किलोग्राम सोने की तस्करी की गई थी।
एजेंसी ने अदालत को बताया कि जाँच में यह भी पता चला है कि तस्करी मुख्य रूप से आभूषण बनाने में नहीं बल्कि आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाता था, क्योंकि नकदी में लेन-देन करना मुश्किल हो गया था। एनआईए ने अदालत में कहा कि आरोपितों ने सोना तस्करी के लिए यूएई दूतावास की सील और राजकीय चिन्ह से छेड़छाड़ कर अपराध को अंंजाम दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, “कई एजेंसियों द्वारा की गई शुरुआती जाँच से पता चला है कि गिरोह सितंबर 2019 से सोने की तस्करी कर रहा था। उन्होंने अब तक लगभग 150 किलोग्राम सोने की तस्करी की थी। संदिग्धों से पूछताछ से उनके तौर-तरीके और अन्य लोगों पर प्रकाश डाला जा सकता है।”
एनआईए कोर्ट ने सोमवार (13 जुलाई, 2020) को प्रमुख संदिग्धों स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर को 21 जुलाई तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। एनआईए ने मामले में दोनों को हिरासत में लेने की माँग की थी।
एनआईए ने केरल हाईकोर्ट को बताया था कि राजनयिक के सामान के जरिए सोने की तस्करी करने की कोशिश करने वाली महिला स्वप्ना सुरेश के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हिरासत के आवेदन को आगे बढ़ाते हुए, एजेंसी ने अदालत को बताया कि गृह मंत्रालय ने प्रारंभिक जाँच की थी और पाया था कि तस्करी का सोना आतंकवादी गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता था। एनआईए के अनुसार, एक विस्तृत जाँच की आवश्यकता है क्योंकि इसमें भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंध शामिल हैं। यूएई ने भी इस घटना की जाँच शुरू की है।
कोच्चि स्थित एनआईए अदालत को सूचित किया गया कि स्वप्ना सुरेश और सरिथ, जो पहले यूएई वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी थे, ने राजनयिक सामान की आवाजाही के बारे में सीखा और सोने की तस्करी करने के लिए इसे मॉडस ऑपरेंडी के रूप में इस्तेमाल किया।
अदालत की कार्यवाही के दौरान, एक अभियुक्त संदीप नायर ने दावा किया कि खेप को यूएई के राजनयिक को संबोधित किया गया था जिसका नाम राशिद अल शिमिली है। उन्होंने सवाल किया कि राजनयिक की भूमिका की जाँच क्यों नहीं की जा रही है।
सोने की तस्करी के मामले में रविवार (12 जुलाई, 2020) को सीमा शुल्क विशेष जाँच दल द्वारा मलप्पुरम स्थित व्यवसायी के टी रमीज की गिरफ्तारी से जाँच में और तेजी आने की उम्मीद है।
केरल में सोने की तस्करी के रैकेट के लिंचपिन माने जाने वाले रमीज को रविवार(12 जुलाई, 2020) की रात में पेरिन्थलम्ना के पास वेटाठूर में उसके निवास से गिरफ्तार किया गया था।
कस्टम अधिकारी के अनुसार, रमीज की गिरफ्तारी सोने की तस्करी मामले की जाँच की तेजी के लिए महत्वपूर्ण थी। इसने राज्य पर आरोप लगाया है कि तस्करी के रैकेट में एक अन्य प्रमुख खिलाड़ी स्वप्ना सुरेश का केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय से घनिष्ठ संबंध है।
रमीज को एक निवेशक और राज्य में सोने की तस्करी का वितरक कहा जाता है और कस्टम अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि उसकी हिरासत में पूछताछ से सोने की तस्करी रैकेट में निवेशकों का ब्योरा मिल सकता है। इसके साथ ही तस्करी के समन्वय में शामिल प्रमुख कर्मी और स्वप्ना सुरेश एवं संदीप नायर की भागीदारी केे बारे में खुलासा हो सकता है।
स्वप्ना और सरिथ दोनों यूएई वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी थे और अज्ञात कारणों के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। हालाँकि, उन्हें वहाँ काम करने के दौरान राजनयिक सामान की आवाजाही के बारे में पता चल गया था। बाद में, उन्होंने संदीप सहित अन्य संदिग्धों के साथ साजिश रची और 2019 में सोने की तस्करी शुरू कर दी।
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राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने केरल में बड़े पैमाने पर सोना तस्करी को देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थायित्व पर खतरा बतात....
जाँच एजेंसी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि केरल सोना तस्करी मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निवारक) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 17 और 18 के तहत चार आरोपितों– पीएस सरिथ, स्वप्ना प्रभा सुरेश, फाजिल फरीद और संदीप नायर के खिलाफ त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से पाँच जुलाई को कस्टम (प्रीवेंटिव) कमिश्नरेट, कोचीन द्वारा 14.82 करोड़ रुपए मूल्य के 24 कैरेट के 30 किलोग्राम सोने की बरामदगी के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

केरल : क्या आतंकी फंडिंग के लिए लाया गया सोना?

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राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने केरल में बड़े पैमाने पर सोना तस्करी को देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थायित्व पर खतरा बताते हुए आतंकी कार्रवाई करार दिया है। गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद NIA ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) की आतंकवाद से जुड़ी धाराओं के तहत FIR दर्ज की है। 
NIA ने प्रमुख संदिग्ध स्वप्‍ना सुरेश सहित चार लोगों के खिलाफ एक FIR दर्ज की। जाँच एजेंसी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि केरल सोना तस्करी मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निवारक) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 17 और 18 के तहत चार आरोपितों– पीएस सरित, स्वप्‍ना प्रभा सुरेश, फाजिल फरीद और संदीप नायर के खिलाफ त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से पाँच जुलाई को कस्टम (प्रीवेंटिव) कमिशनरेट, कोचीन द्वारा 14.82 करोड़ रुपए मूल्य के 24 कैरेट के 30 किलोग्राम सोने की बरामदगी के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इसके साथ ही स्वप्ना सुरेश की अग्रिम जमानत याचिका पर केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार तक सुनवाई स्थगित कर दी है। केंद्र सरकार के वकील रवि प्रकाश ने अदालत से NIA एक्ट की धारा 21 का जिक्र करते हुए कहा, “चूँकि इसकी जाँच एनआईए कर रही है, इसलिए उच्च न्यायालय जमानत याचिका पर विचार नहीं कर सकता है और मामले को विशेष अदालत द्वारा निपटाया जाना चाहिए।” वहीं, एनआईए ने भी इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया है।
सीजीसी ने कहा कि जाँच के लिए स्वप्ना सुरेश से हिरासत में पूछताछ आवश्यक थी। वहीं कस्टम्स को सोर्स के जरिए जानकारी प्राप्त हुई कि तीन व्यक्ति, पी आर सरित, संदीप नायर और स्वप्ना सुरेश ने डिप्लोमैटिक अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए सोने की तस्करी में शामिल थे।
तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर कार्गो के माध्यम से यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) से आए एक राजनयिक के सामान से 30 किलोग्राम सोना जब्त किया गया था। इसका मूल्य लगभग 15 करोड़ रुपए बताया जा रहा है।
इसके बाद उस व्यक्ति सरित कुमार को कस्टम विभाग ने हिरासत में ले लिया। पूछताछ में सरित ने बताया कि वह लगभग एक साल से हवाई अड्डे से इस तरह का सामान ले जा रहा था। सरित ने बताया कि उनकी एक सहयोगी केरल सरकार के आईटी विभाग की एक कर्मचारी है जिसका नाम स्वप्ना सुरेश है। सुरेश से पूछताछ करने के लिए जब विभाग हरकत में आया तो पता चला कि वो सामान खोले जाने के एक दिन पहले से लापता है।
सीजीसी ने आगे कहा कि सरित और संध्या (संदीप नायर की पत्नी) के बयान, सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 108 के तहत दर्ज किए गए हैं। इन बयानों से पता चला कि स्वप्ना सुरेश सामान की डिलीवरी के लिए राजनयिक कागजात की व्यवस्था करने में शामिल थी।
स्वप्ना सुरेश के साथ मुख्यमंत्री के विजयन के नजदीकी को लेकर केरल में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। विपक्ष मुख्यमंत्री के इस्तीफे की माँग कर रहा है। एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में सोना तस्करी सीधे तौर पर देश की आर्थिक स्थिरता पर हमले की कोशिश है। साथ ही इसका उपयोग आतंकी फंडिंग के लिए किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। 
मामला खुलने के बाद केरल के प्रमुख सचिव एम शिवशंकर को पद से हटा दिया गया है। स्वप्ना, एम शिवशंकर की करीबी है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय व सरकार के वरिष्ठ अधिकारी पूरे मामले को रफा-दफा करने के लिए कस्टम के अधिकारियों पर दबाव बना रहे थे।
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केरल की कम्युनिस्ट सरकार का नाम एक बार फिर से एक बड़े स्कैंडल में आया है और इस बार सीधे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का ...
मामले में सरित को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है। केरल भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से कस्टम अधिकारियों को फोन कॉल्स किए गए ताकि जाँच रोकी जा सके। उनका कहना है कि ये फोन कॉल मुख्यमंत्री के किसी क़रीबी ने ही किया था। CM विजयन ने इसे एक ‘बेहूदा’ आरोप करार दिया। उन्होंने कहा कि संदिग्ध बैकग्राउंड वाले लोगों को सीएमओ में कोई काम दिया ही नहीं जाता है।