अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा, चेहरे पर चोट के निशान और सूजन

दिल्‍ली: मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा, चेहरे पर चोट के निशान और सूजन
दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव अंशु प्रकाश की
मेडिकल रिपोर्ट में उन्‍हें चोटें लगने की बात सामने आई 
दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव अंशु प्रकाश से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर कथित तौर पर मारपीट के मामले में यह बात सामने आई है कि इस हाथापाई के दौरान चीफ सेक्रेटरी को चोटें आईं. मंगलवार देर रात उनका मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसमेें खुलासा हुआ है कि उनके शरीर पर चोट के निशान हैं. मेडिकल रिपोर्ट में अंशु के माथे के दाएंं तरफ चोट के निशान, दोनों कानों के पीछे सूजन, होठों पर चोट के निशान, दाएं गाल पर सूजन की बात कही गई है. 
इस मामले के सामने आने के बाद दिल्‍ली पुलिस ने मंगलवार देर रात आप विधायक प्रकाश जरवाल को गिरफ्तार कर लिया, जबकि ओखला से विधायक अमानतुल्‍ला खान ने बुधवार को खुद जामिया नगर थाने में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उन्‍हें भी गिरफ्तार कर लिया गया. बताया जा रहा है कि दिल्‍ली पुलिस दोनों विधायकों को तीस हजारी कोर्ट में पेश करेगी.
प्रकाश जरवाल को मंगलवार देर रात  उनके देवली स्थित घर से हिरासत में लिया था, जिसके बाद उनसे सिविल लाइंस पुलिस स्‍टेशन में पूछताछ की गई थी. 
Anshu Prakash
दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव अंशु प्रकाश
 की मेडिकल रिपोर्ट
केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन से भी पूछताछ
इस मामले में पुलिस नेे सीएम अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन से भी पूछताछ की. दिल्ली पुलिस कमिश्‍नर ने इस मामले को लेकर गृह सचिव से मुलाकात की. वहीं, IAS एसोसिएशन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का वक्त मांगा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि आईएएस एसोसिएशन राष्ट्रपति से मुलाकात कर किसी नतीजे पर पहुंच सकते हैं.
एलजी से मिले शीला दीक्षित और अजय माकन
उधर, गृह मंत्रालय ने इस पूरे मामले को लेकर दिल्‍ली के उप राज्‍यपाल अनिल बैजल से रिपोर्ट मांगी है. इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. इस प्रकरण को लेकर दिल्‍ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष अजय माकन और दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने आज एलजी से मुलाकात की.
दिल्‍ली पुलिस ने दर्ज की थी आप विधायकों पर एफआईआर
दरअसल, दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि सोमवार रात मुख्यमंत्री के आवास पर एक बैठक के दौरान आप विधायक अमानतुल्ला खान और अन्य ने उन पर हमला किया था. प्रकाश की शिकायतों के आधार पर दिल्ली पुलिस ने खान और अन्य के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी.
मुख्‍य सचिव ने जातिसूचक टिप्पणियां कीं- विधायक जरवाल और अयज दत्‍त का दावा
इससे पहले, देवली के विधायक जरवाल और अंबेडकर नगर के आप विधायक अजय दत्त ने दावा किया कि नौकरशाह ने जातिसूचक टिप्पणियां कीं. उन्होंने उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में एक शिकायत भी दर्ज कराई है. आप के अंबेडकर नगर के विधायक अजय दत्त ने अंशु प्रकाश के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी करने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि प्रकाश ने यह टिप्पणी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बैठक के दौरान की. प्रकाश का आरोप है कि इसी बैठक में उनके साथ मारपीट की गई थी. दत्त ने अपनी शिकायत में कहा है कि मुख्य सचिव ने सोमवार रात हुई बैठक में दुर्व्यवहार किया और उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया.
If this is letter from CS is authentic and if the account is even half true, then it is one of the lowest moments in our democratic governance. CS being assaulted in CMs house in his presence! Responsibility cannot be limited to some MLAs, the CM should also be held responsible.
योगेंद्र यादव ने लिखी चिट्ठी
'लाभ के पद' मामले में 20 आप विधायकों को निर्वाचन आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए जाने की सिफारिश को स्वराज इंडिया ने कानूनी तौर पर सही बताते हुए इसे देर से आया सही निर्णय बताया है. पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने कहा कि विधायकों की यह अवैध नियुक्ति संवैधानिक नियमों का तकनीकी उल्लंघन मात्र नहीं, बल्कि केजरीवाल के राजनीतिक भ्रष्टाचार और अनैतिकता का भी परिचायक है. इसके साथ ही पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने एक चिट्ठी लिखी है.
Related imageकेजरीवाल माफी मांगें, नहीं तो अधिकारी किसी भी बैठक में नहीं होंगे शामिल- ऑफिसर्स एसोसिएशन
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कुछ आप विधायकों के कथित हमले को लेकर नाराज नौकरशाहों ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस घटना को लेकर माफी नहीं मांगेंगे तब तक वे केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों द्वारा बुलाई जाने वाली बैठकों का बहिष्कार करेंगे. अधिकारियों की तीन एसोसिएशनों... आईएएस (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस), डीएएनआईसीएस (दिल्ली अंडमान एंड निकोबार आईलैंड्स सिविल सर्विस) तथा डीएसएसएस (दिल्ली सबऑर्डिनेट सर्विसेज सलेक्शन बोर्ड) ने मंगलवार रात एक बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि वे आम आदमी पार्टी के मंत्रियों के साथ लिखित में संवाद बनाए रखेंगे ताकि लोक सेवा आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो.
केजरीवाल के सामने मारपीट की गई, कोई बचाने नहीं आया- मुख्‍य सचिव अंशु प्रकाश
उल्‍लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी(आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान और एक अन्य विधायक ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने उनके सरकारी आवास में उनसे मारपीट की थी. उन्होंने कहा कि वह मारपीट करने वाले एक अन्य विधायक की पहचान कर सकते हैं. आम आदमी पार्टी (आप) ने हालांकि इन आरोपों से इंकार किया है और कहा कि मुख्य सचिव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर फर्जी आरोप लगा रहे हैं. प्रकाश ने मंगलवार को पुलिस शिकायत में कहा, "विधायक अमानातुल्लाह खान और मेरी बाई तरफ खड़ा विधायक/व्यक्ति, जिसकी पहचान मैं कर सकता हूं, ने मेरी तरफ से बिना किसी उकसावे के मुझे पीटना शुरू कर दिया. उन्होंने मुझे मेरे सिर और कनपटी पर कई बार मारा." प्रकाश ने कहा, "इस दौरान मेरा चश्मा जमीन पर गिर गया और मैं पूरी तरह 'सदमे की स्थिति' में पहुंच गया." उन्होंने कहा, "घटना के बाद मैं किसी तरह कमरे से बाहर जाने, अपने आधिकारिक कार में बैठने और मुख्यमंत्री आवास को छोड़ने में सफल हुआ." मुख्य सचिव ने अपनी शिकायत में कहा कि कमरे में उपस्थित किसी ने भी मुझे बचाने का प्रयास नहीं किया.

आधी रात को सीएम ने विधायकों और चीफ सेक्रेटरी को क्यों घर बुलाया, क्या थी इमरजेंसी

सड़क से लेकर सियासी हलके में यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ गई थी कि मुख्यमंत्री ने रात 12 बजे मुख्य सचिव को अपने घर तलब कर लिया. न तो आपातकालीन स्थिति है और न ऐसा कोई मामला जिसमें तुरंत निर्णय लेने की जरूरत थी. इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को बुलाने के बाद मुख्य सचिव को भी वहां पहुंचने का फरमान क्यों जारी कर दिया.
आप के विधायकों पर मारपीट का आरोप लगा है. इसलिए सरकार की मंशा पर सवाल भी उठने लगे हैं. गौरतलब है कि केजरीवाल का अधिकारियों के साथ शुरू से विवाद रहा है. सत्ता में आने पर पहले मुख्य सचिव डीएम स्पोलिया, एमएम कुट्टी, कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलिन के अलावा धर्मपाल, अश्वनी कुमार, केशव चंद्रा, केआर मीणा से भी विवाद रहा है. केशव चंद्रा और अश्वनी कुमार ने उपराज्यपाल को लिख कर भी दे दिया था कि उन्हें सरकार से हटा दिया जाये. वहीं अब अंशु प्रकाश के साथ विवाद के बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की मंशा पर सवाल उठाया है और बैठक के सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने की मांग की है.
अपनी सरकार के प्रचार के लिये मुख्य सचिव को किया था तलब
वहीं दिल्ली सरकार के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अपने बचाव में यह सफाई दे रहे हैं कि बैठक राशन वितरण की समस्या पर थी, लेकिन इस सफाई पर विपक्ष को विश्वास नहीं हो रहा है. उनका कहना है कि अदालत के दिशा-निर्देश का उल्लंघन कर मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार का प्रचार कराने के लिये मुख्य सचिव को तलब किया था. अब सरकार अपनी करतूत छिपाने के झूठे बहाने बना रही है. विपक्ष व अधिकारियों का कहना है कि यदि राशन वितरण का मामला था तो उस विभाग से संबंधित अधिकारी और मंत्री को बुलाया जाना चाहिए था.
मुख्य सचिव के साथ मारपीट थी पूर्व नियोजित
अंशु प्रकाश ने भी थाने में जो शिकायत की है उसके अनुसार भी बैठक केजरीवाल सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर टीवी चैनलों को विज्ञापन देने को लेकर थी. दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि यह केजरीवाल सरकार का आतंक है. मुख्य सचिव के साथ हुई मारपीट पूर्व नियोजित थी. इतनी रात को मुख्य सचिव को अपने आवास पर बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी. इसलिए इस हिंसक घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. केजरीवाल को बैठक से जुड़ी सीसीटीवी की रिकॉर्डिग सार्वजनिक करनी चाहिए. यह एक तरह का सरकारी आतंक है.
नाकामियों को लेकर चार मार्च को आंदोलन करने जा रही है कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि सरकार प्रत्येक मोर्चे पर नाकाम रही है. सरकार की नाकामियों के खिलाफ कांग्रेस चार मार्च को आंदोलन करने जा रही है. इसे लेकर सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई थी. इसके दबाव में आकर सरकार को देर रात बैठक बुलानी पड़ी.
कपिल ने सिसोदिया को घेरा
आम आदमी पार्टी के बागी विधायक व पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने सुबह एक ट्वीट कर हड़कंप मचा दिया. कपिल मिश्र ने न केवल केजरीवाल बल्कि मनीष सिसोदिया को भी कठघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने सूचना एवं जन संपर्क के सचिव डॉ. जयदेव सारंगी का 15 दिसंबर 2017 का एक पत्र भी अपने ट्विटर पर जारी किया जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी कि मुख्य सचिव के सामने मनीष सिसोदिया ने उनको कहा था कि सारंगी तुम्हारा जीना हराम कर दूंगा. यही नहीं सारंगी ने पत्र में अपने ऊपर जान का खतरा भी बताया था. उन्होंने अपनी गरिमा और प्रतिष्ठा का हवाला देते हुए पद से हटने की भी बात पत्र में लिखी थी. यह पूरा मामला स्वास्थ्य विभाग के विज्ञापन से जुड़ा था. सारंगी ने पत्र में लिखा था कि मैं विभिन्न पोस्ट पर रहा और मुझे माफिया से धमकी मिली,  लेकिन पहली बार एक उच्च पदासीन व्यक्ति से धमकी मिली जिसके लाखों समर्थक हैं.
इन धाराओं में दर्ज किया केस
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की शिकायत पर सिविल लाइंस थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, सरकारी कर्मचारी के सरकारी कामकाज काम में बाधा पहुंचाने, सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी के दौरान चोट पहुंचाने, मारपीट करने, कमरे में बंधक बनाने व कई लोगों द्वारा जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. इनमें दो धाराएं गैर जमानती हैं. यानी आरोपियों को गिरफ्तार करने पर उन्हें कोर्ट से ही जमानत मिल सकती है.
प्रकाश जारवाल ने मुख्य सचिव के खिलाफ की शिकायत
वहीं देवली से आप विधायक प्रकाश जारवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के खिलाफ थाना संगम विहार और एससी-एसटी आयोग में भी शिकायत दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सोमवार रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर बुलाई गई बैठक के दौरान अंशु ने उन्हें जातिसूचक शब्द कहे और हाथापाई भी की.
त्वरित परिणाम के लिए जाने जाते हैं अंशु प्रकाश
मालूम हो कि दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश का नाम नौकरशाही में महत्वपूर्ण फैसलों के लिये जाना जाता है. वह अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. अरुणाचल-गोवा-मिजोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश कैडर के 1986  के आईएएस अधिकारी अंशु प्रकाश दिल्ली की केजरीवाल सरकार आने के बाद चौथे मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इससे पहले वह केंद्र सरकार के अधीन ग्रामीण विकास विभाग में अतिरिक्त सचिव के तौर पर कार्य कर रहे थे. वह दिल्ली के एकीकृत निगम में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकार शीला दीक्षित के समय में वह स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव भी रहे हैं. वह अंडमान निकोबार में भी स्वास्थ्य सचिव थे.
भारत सरकार में भी काम कर चुके हैं अंशु प्रकाश
अंशु प्रकाश के साथ कार्य करने वाले अधिकारी बताते हैं कि वह बहुत ही त्वरित परिणाम देने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सह सचिव रहते हुए मानसिक स्वास्थ्य समेत कैंसर, मधुमेह, आपातकालीन स्वास्थ्य लाभ और आपदा प्रबंधन समेत जन स्वास्थ्य को लेकर कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम किया है. इन्हीं के कार्यकाल में मानसिक स्वास्थ्य बिल को भी संसद से मंजूरी मिली थी.
Image result for arvind kejriwal with anshu prakashसहयोगियों का रखते हैं ख्याल
अंशु प्रकाश के साथ नगर निगम में काम कर चुके अतिरिक्त आयुक्त (सेवानिवृत्त) दीपक हस्तीर बताते हैं कि अंशु प्रकाश को अपने सहयोगियों से कार्य लेना आता है. बात उन दिनों की है जब मैं जोन उपायुक्त था तो उस समय अंशु प्रकाश मेरे वरिष्ठ अधिकारी थे. वह न केवल अधिकारियों की परेशानी समझते थे, बल्कि किसी काम को कैसे किया जा सकता है उसके उपाय भी बताते थे. अगर देर शाम की बैठक में कोई महिला अधिकारी हिस्सा लेती थीं तो सुनिश्चित करते थे कि कोई निगम के कर्मचारी उन्हें घर तक सुरक्षित छोड़कर आये.
अवलोकन करें :--

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ आप के विधायकों द्वारा हाथापाई किए जाने का मामला सामने आया है. दिल्ली की अरव....
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वहीं आप विधायक प्रकाश जारवाल ने मुख्‍य सचिव पर गाली-गलौच और जातिसूचक शब्‍द कहने का आरोप लगाया है. आप नेता आशीष खेतान ने आरोप लगाया कि सचिवालय में लोगों ने उनसे मारपीट की है. उन्होंने बताया कि भीड़ ने मंत्री इमरान हुसैन को भी घेर लिया था. सचिवालय में लगातार 'मारो-मारो' के नारे लगाए जा रहे थे. आशीष खेतान ने दिल्ली पुलिस को भी फोन कर इसकी शिकायत की, जिसके बाद पर मौके पर आई पुलिस ने मामले को शांत कराया. वहीं आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि आज लोग सचिवालय में घुस गए, मारपीट की जा रही है. बीजेपी जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं. यह सारी चीज़ें यही इशारा करती है कि यह सब सुनियोजित है.

Image result for arvind kejriwal with anshu prakashकेजरीवाल के सामने मुख्य सचिव के साथ मारपीट! मनोज तिवारी बोले-'यह आतंक है'

दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, 'मुझे यह लगता है मुख्य सचिव के साथ हुई मारपीट पूर्व नियोजित थी। मुख्य सचिव को 12 बजे रात में बुलाने की क्या जरूरत थी। इस हिंसक घटना की शीर्ष स्तर पर जांच होनी चाहिए। केजरीवाल सरकार को बैठक से जुड़ी सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करनी चाहिए। ये एक तरह का आतंक है।' भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, 'दिल्ली के इतिहास में यह काला दिन है और यहां संवैधानिक संकट पैदा हो गया है।'
टाइम्स नाउ को सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में आप के सभी विधायक मौजूद थे और केजरीवाल की मौजूदगी में यह मुख्य सचिव के साथ बदसलूकी की गई। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कम से कम दो विधायकों ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट की। इनमें से एक विधायक ने मुख्य सचिव का कॉलर पकड़ा और उन्हें धक्का दिया। बताया जा रहा है कि हमला करने वाले दोनों विधायक केजरीवाल के सहयोगी अमानतुल्लाह खान के करीबी हैं। 

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