मेरे खिलाफ हो रहा प्रोपेगैंडा, केजरीवाल को बताया जिम्मेदार-- दिल्ली भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी


आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद रमेश बिधूड़ी ने सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश-बिहार के लोगों को भगाने वाले वायरल वीडियो और फर्जी खबर को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। रमेश बिधूड़ी ने कहा कि जिस जगह का ये जिक्र कर रहे हैं कि महिपालपुर में मैंने पूर्वांचल के लोगों को लेकर कुछ कहा, यह सरासर गलत है 
भाजपा नेता ने कहा कि जिस तरह मीडिया में एक ओर फेक न्यूज़ चलाई गई उसकी शिकायत हमने पुलिस से कर दी है। चूंकि देश में चुनावी मौहाल है, इसलिए मीडिया का फायदा उठाकर केजरीवाल सरकार दिल्ली के शांतिपूर्ण मौहाल को खराब करने की कोशिश कर रही है। बहरहाल रमेश बिधूड़ी पहले भी कई बार ट्वीट कर खबर की क्लिपिंग पर सफाई दे चुके हैं 
सत्ता की लोलूपता में लोग कितना गिर सकते हैं, अभी मुझे जानकारी मिली कि सोशल मीडिया पर मेरे नाम से यूपी,बिहार निवासियों के लिए बयान दिया बताया जबकि ना किसी अखबार का नाम दिया गया और ना छापने वाले का, ऐसा 25 जून को भी अखबार की फ़र्ज़ी कटिंग को आप के प्रवक्ता ने चलाया था परिणाम
वहीं बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि भले ही कई लोगों ने झूठी खबर के लिए माफी मांगी है, लेकिन हम पुलिस से भी गुजारिश करेंगे कि वह ऐसे लोगों पर सख़्त कदम उठाए 


सत्ता की लोलूपता में लोग कितना गिर सकते हैं , अभी मुझे जानकारी मिली कि सोशल मीडिया पर मेरे नाम से यूपी,बिहार निवासियों के लिए बयान दिया बताया जबकि ना किसी अखबार का नाम दिया गया और ना छापने वाले का, ऐसा 25 जून को भी अखबार की फ़र्ज़ी कटिंग को आप के प्रवक्ता ने चलाया था परिणाम(1/3)
जिस खबर को लेकर रमेश बिधूड़ी के खिलाफ साजिश की गई उसका पर्दाफाश हो गया है। जिस फेक प्रिंट को मीडिया में फैलाया गया उससे साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस किस तरह दिल्ली में भी गुजरात के जैसा दंगा कराने की साजिश को नाकाम कर दिया है। राहुल गांधी और केजरीवाल एक तरह सांप ओर जोंक की तरह हैं.
असल में, सोशल मीडिया पर एक अखबार की खबर शेयर की जा रही हैं जिसमें रमेश बिधूड़ी को उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के खिलाफ बयान देते हुए बताया गया है। लेकिन बाद में रमेश बिधूड़ी बयान जारी कर इस वायरल खबर को फर्जी बताया। इस संबंध में बीजेपी सांसद की तरफ से केस भी दर्ज करा दिया गया हैगुजरात के अब दिल्ली में आग लगाने का प्रयास किया जा रहा है। जो अख़लाक़, गो-हत्या, दलित उत्पीड़न आदि की तरह मतदान समाप्त होते ही किसी कालकोठरी में बंद कर दिया जाएगा। 
दिल्ली से लेकर कश्मीर और कश्मीर से कन्याकुमारी तक विपक्ष प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध कोई लगाए गए हर आरोप को सिद्ध करने में पूर्णरूप से नाकाम होने के कारण भाजपा  अन्य नेताओं को मोहरा बनाने का प्रयत्न किया जा रहा है। प्रत्यक्ष को किसी प्रमाण की जरूरत नहीं होती। ऐसा भी नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी में कोई कमी नहीं है, गुजरात का मुख्यमन्त्री रहते मोदी ने केन्द्र सरकार के जिन निर्णयों का विरोध किया था, उन्हें ही सीढ़ी बनाकर सफलता की ओर अग्रसर हैं। दरअसल पिछली सरकार ने निर्णय तो ले लिए लेकिन उन्हें लागू करने की इच्छाशक्ति नहीं जुटा पाई। जैसे नोटबंदी, जीएसटी, आधार कार्ड, आतंकवाद पर लगाम, कश्मीर से धारा 370 और 35A को समाप्त करना, मुस्लिम महिलाओं में तीन तलाक प्रथा को समाप्त करना,अयोध्या, काशी और मथुरा  आदि आदि के लम्बी सूची है। लेकिन मोदी ने अपनी इच्छाशक्ति से इन कार्यों पर काम किया।    
भारतीय जनसंघ वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की स्थापना से लेकर आज तक इस पार्टी के लिए एक कथन है "जो कहते तो करते हैं", जबकि इस पार्टी की विरोधी उसी काम करने के लिए तुष्टिकरण और समाज को बाँटने की नीति अपनाकर इस पार्टी के कन्धे पर बन्दूक रखकर करते हैं।  

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