शराब घोटाले के समय इस्तेमाल मोबाइल केजरीवाल ने किया गायब: ED ने बताया- इसके पहले 170 गैजेट हैं लापता

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) से कहा कि उन्हें याद नहीं है कि उनका पुराना मोबाइल फोन कहाँ है। इस मोबाइल फोन को सीएम केजरीवाल कथित तौर पर तब इस्तेमाल कर रहे थे, जब दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति तैयार की जा रही थी। उन्हें ED ने गुरुवार (21 मार्च) को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ED की हिरासत में भेजा है।

हर समन पर किसी न किसी बहाने रुक कर केजरीवाल हर सबूत को नष्ट कर रहे थे, ताकि अपने आपको निर्दोष साबित कर सके। जो अब ED की जाँच में सामने आने लगा है। 

सूत्रों के हवाले से टाइम्स नाऊ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जिस फोन का इस्तेमाल कर रहे थे, वह गायब हो गया है। जाँच के शुरुआत से ही ED का कहना है कि इस केस की अहम चीजें नष्ट कर दी गई हैं।

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि यह सेल फोन ऐसे गायब होने वाला 171वाँ गैजेटों है। इस मोबाइल फोन में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति योजना से संबंधित प्रासंगिक जानकारी हो सकती है। केंद्रीय जाँच एजेंसी ED के मुताबिक, इससे पहले 170 मोबाइल फोन का पता नहीं चल सका है।

हालाँकि, ईडी ने 17 फोनों को ट्रैक करने के बाद उनमें से जुटाई गई जानकारी का मिलान किया है। एजेंसी ने आरोपपत्र में मनीष सिसोदिया को आरोपित बनाया है। इस आरोप पत्र में उन 17 मोबाइल फोनों से प्राप्त डेटा को भी शामिल किया गया है। जाँचकर्ताओं का कहना कि सबूत मिटाने के लिए फोन को नष्ट किया जा सकता है।

एजेंसी की चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि अधिकांश जानकारी और सबूत आरोपियों के लैपटॉप और मोबाइल फोन से प्राप्त किए गए थे। एजेंसी का मानना है कि जिन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं, उनमें से ज्यादातर ने मई और अगस्त 2022 के बीच अपने लैपटॉप और मोबाइल फोन बदल दिए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय उस फोन से कुछ डेटा हासिल करना चाहता है जिसका इस्तेमाल सीएम केजरीवाल कथित तौर पर शराब नीति मामले के एक अन्य आरोपित समीर महेंद्रू से बात करने के लिए करते थे। माना जाता है कि मुख्यमंत्री ने महेंद्रू से फोन पर बात की थी और उन्हें बताया था कि विजय नायर ‘उनका लड़का’ है और वह ‘उन पर भरोसा कर सकते हैं’।

ईडी की चार्जशीट में AAP के मीडिया प्रभारी विजय नायर पर ‘साउथ ग्रुप’ के लिए मध्यस्थ के रूप में काम करने का आरोप लगाया गया है। इस ग्रुप ने कथित तौर पर दिल्ली में स्पिरिट रिटेल उद्योग में पहुँच हासिल करने के लिए केजरीवाल सरकार को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। दिल्ली की एक अदालत में ED ने 22 मार्च को दावा किया कि केजरीवाल इस घोटाले के प्रमुख साजिशकर्ता हैं।

ED ने अरविंद केजरीवाल पर यह आरोप लगाया है कि वह व्यक्तिगत रूप से पॉलिसी के निर्माण, भुगतान की माँग के साथ-साथ आपराधिक आय के प्रसंस्करण में शामिल थे। हालाँकि, सीएम केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय के इन दावों का खंडन किया है और कहा है कि कोई भी सबूत उन्हें अब बंद हो चुके कार्यक्रम के तहत कथित धोखाधड़ी से नहीं जोड़ता है।


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