आखिर मुसलमान कांग्रेस के हाथों कब तक ब्लैकमेल होता रहेगा? ये वही कांग्रेस है जिसने मुसलमानों को मुख्यधारा से जोड़ने की बजाए दोयम दर्जे का बना दिया है। लेकिन मुसलमान आज तक इस कटु सच्चाई को नहीं समझ पा रहा। जिस कारण हिन्दू -जिन्हे कट्टरपंथी, साम्प्रदायिक और फिरकापरस्त कहकर बदनाम करते हैं-इन्हे शक की निगाह से देखता है। इस आरोप के लिए मुसलमान खुद जिम्मेदार हैं। बीजेपी अपने कामों के कारण 400 पार करने में सक्षम थी, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कार्यकर्ता से लेकर मंडल और जिला अधिकारी मोदी-योगी और अमित शाह पर ही निर्भर रहते हैं। यह बात सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं लगभग सभी राज्यों में है। कांग्रेस द्वारा जो गारंटी कार्ड वितरित किये हैं, जाँच करनी चाहिए कि किस प्रेस से प्रकाशित हुए और कितने प्रकाशित हुए हैं।
यह कांग्रेस का गारंटी कार्ड है, जो करोड़ों की संख्या में यह कह कर भरवाया गया कि यह गारंटी कार्ड भर दो तुम्हें 100000 रूपए मिलेगा।

इस गारंटी कार्ड के अनुसार कानूनन कांग्रेस 100000 रूपए देने के लिए बाध्य है। अब वह मुकर नहीं सकती। बीजेपी को भी चाहिए कि इस मुद्दे को सड़कों तक लाकर बड़ा आंदोलन करे।
मुंगेरी लाल के सपने देखने पर कोई रोक नहीं। राहुल और प्रियंका को परिवारभक्त प्रधानमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं, वह भी जानते हैं कि परिवार को कोई सदस्य प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। अगर बनना होता 2004 में सोनिया गाँधी बन गयी होती। सबसे अधिक मूल्यवान होता है विशेषकर राष्ट्र के महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए, बच्चा बच्चा जानता है कि ग़ज़वाये हिन्द में उतनी ही देरी है जितनी भारत के विकसित होने में।
अब ऐसे में पहले क्या ज़रूरी था और है विकास या किराएदारों जिहादियो को बाहर निकालना या उनका सामूहिक सनातनी करण करना।
दशकों के कांग्रेस के फिरकापरस्त शासन के बाद 1998 में अटल सरकार आई। हम सनातनियो में आस जगी की अब जायेगे वापिस किरायेदार पाकिस्तान भारत बनेगा हिन्दुराष्ट्र। मगर गठबंधन की बैसाखियों के बहाने के कारण उन्होंने कुछ न किया।
फिर दस साल शून्य में रहने के बाद सबसे पहले हम भक्तो की छाती 56" हुई कि अब तो निश्चित ही खाली होगा हिंदुस्तान घुसपैठियों से(2014) मगर नेता जी तो उन्ही का विश्वास जीतने में लग गए। पूर्ण बहुमत के दृष्टिगत कई कट्टर हिन्दू संगठन मैदान में आये(आरएसएस,विहिप नही) खूब धरने बड़े आंदोलन किये जनसंख्या कानून तुरंत बनवाने को लेकर। जिसकी नितांत,शीघ्रतम आवश्यकता भी थी। 2018 में हमारे मोदी जी ने लाल किले से इसके बनने की समय की मांग भी बताई थी मगर किया क्या कुछ नही। 2019 में तो ताकत बढ़ी कट्टर हिंदूवादियों में आशा उत्साह बढ़ी फिर प्रयास हुए। सोशल मीडिया से भी खूब आवाज उठाई गयी।
अवलोकन करें:-
मगर सभी जिम्मेदार कानो में रुई डाल,निगाहें दूसरे ग्रह पे गाढ़ समय को पास करते रहे। हिंदूवादियों में अब भी आस थी। राष्ट्रभक्त,अंधभक्त दोनों को पूरी उम्मीद थी उनपर दवाब भी था कि कुछ तो सोचेंगे करेंगे। डूबते सनातन को उभार ग़ज़वाये हिन्द को चीर करेंगे।
अधिकतम धर्म प्रेमी तो 2024 बाद इस संविधान को ही खत्म करने की भीषण आस लगाए थे। जिसपे ये नेता निगाहे तो गड़ाए थे मगर व्यस्त होने का नाटक दिखाए थे। तभी ये नारा दिए थे अबकी बार 400 पार।
मगर दुखद हृदय -पूर्ण बहुमत का स्वर्णिम अध्याय खत्म हो चुका है नेताओ को गठबंधन का बहाना अटल जी की तरह मिल चुका है।
अब क्या अध्यादेश का उपयोग कर बनेगा सख्त जनसंख्या कानून,बनेगा भारत हिन्दु राष्ट्र या nrc लागू कर देश से बीस करोड़ घुसपैठियों को बाहर किया जाएगा। घुसपैठियों के निकल जाने के बाद भारतीय मुसलमानों की स्थिति में बड़ी तेजी से बदलाव आएगा।
विचारणीय है अगर इस इलेक्शन में सरकार पलट जाती तो इन हिन्दू नेताओ की बातें बदल जाती फिर ये कहते भारत बनाओ हिन्दु राष्ट्र।
निराश होने की जरूरत नही है भाजपा अकेली 241 सीट जब इंडी ठगबंधन ने दुनियाभर के भ्रम फैलाकर भी 233 सीट हासिल की है।
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार फिर से बन रही हैकुछ पॉज़िटिव बातों को ध्यान में लेकर चुनावों के परिणाम का आनंद ले।
370 के विरोधी महबूबा मुफ्ती और ओमर अब्दुल्ला हार गये है अब उधर भाजपा का मजबूत ग्राउंड तैयार हो गया है।
आंध्र राज्य में लोकसभा की अतिरिक्त राज्य सरकार चंद्र बाबू के साथ बन गई है।
ओडिशा में इतिहास में पहली बार भाजपा की सरकार बन गई है। अरुणाचल और सिक्किम में राज्य सरकार बन गई है।
पंजाब में 18 से 19 प्रतिशत वोट पाकर आनेवाले समय मे पंजाब में भी अच्छा होने की उम्मीद हो गई हैं
केरल में 1 सीट खोलकर और वोट प्रतिशत बढ़ाकर आने वाले अक्टूबर में केरल राज्य के चुनाव में एक आशा का निर्माण किया है
तमिलनाडु में वोट प्रतिशत बढ़ गया है तमिलनाडु राज्य के चुनावों में अनहोनी के अनुमान लगा सकते हैं
कुल मिलाकर केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने के अलावा चार राज्यो में सरकार बना दी है
हिमाचल में 4 में से 4
उत्तराखंड में 5 में से 5
दिल्ही में 7 में से 7
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 1
अरुणाचल प्रदेश में 2 में से 2
छत्तीसगढ़ में 11 में से 10
ओडिसा में 21 में से 19
यह आंकड़े भी उत्साह वर्धक ही है
न प्रधानमंत्री की महेनत में कमी थीं ना कार्यकर्ताओं के जोश और उत्साह में कमी थी स्वामी विवेकानंद जी का यह अजर अमर वाक्य था उठो जागो ध्येय प्राप्त न हो तब तक लगे रहो
चुनावों में थोड़ा बहुत उलट फेर होता ही है विपक्षी दल भाजपा NDA हार गई है मोदी लहर खत्म हो गई है की नैरेटिव गढ़ने की कोशिशें कर रहा है। देश की जनता रुकने वाली नही है न देश रुकने वाला है देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
पिछले दस साल में जो काम हुवा है वो काबिले दाद है ही पर जो काम नही हुवा है वो अब होगा वैसे यह बात प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्यों में बार बार की है जो पूरी होगी।
प्रधानमंत्री कृत निश्चयी है आप ने जो भरोसा जताया है वो पूरी करने में कल् से लग जाएंगे आंकड़ों की बात करके भ्रम फैलाने वाले ठगबंधन की बात न सुनते हुवे काम पर लग जाना है।
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