अडानी से टकराने वाले हिंडनबर्ग की दुकान बढ़ गई, ट्रंप आने वाला है; सोरोस-राहुल गांधी की भी अडानी विरोधी दुकान बढ़ेगी; राहुल अब किसके भरोसे अडानी के विरुद्ध शोर मचाओगे?

सुभाष चन्द्र

2024 में भारत और अमेरिका में हुए चुनावों में मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के विरोधियों में कोई फर्क नहीं था, दोनों देशों में एक ही नारे थे। यानि जॉर्ज सोरोस और Deep State के हाथों बिकाऊ या कहा जाए भिखारी विपक्ष कठपुतली बन दोनों देशों की जनता को गुमराह करती रही। ट्रम्प के सत्ता संभालने से पहले ही भगदड़ शुरू हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही इन भारत विरोधी विपक्ष को "बटोगे तो कटोगे" नारा देगा चारों खाने चित करना शुरू कर दिया था। और योगी के इस नारे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "एक रहोगे तो safe रहोगे" कहकर चार चाँद लगा दिए। इन नारों को साम्प्रदायिक बताने वालों को जवाब देने का भारत में समय आ गया है। इन नारों को साम्प्रदायिक बताने वालों वोट के माध्यम से पूछना चाहिए कि ट्रम्प के सत्ता संभालने से पहले भगदड़ क्यों?    

हिंडनबर्ग रिसर्च की दुकान 2017 में खुली थी जिसमें उसने 2 साल तो गौतम अडानी को बर्बाद करने में लगा दिए। अडानी को 150 बिलियन डॉलर का नुकसान देकर क्या सोचा कि वह ख़त्म हो जाएगा और George Soros के अडानी और मोदी को गिराने के मंसूबे पूरे हो जाएंगे

कल इस रिसर्च फर्म के संस्थापक Nate Anderson ने फर्म को बंद करने का औपचारिक ऐलान कर दिया

कल(जनवरी 15) को ही राहुल गांधी ने भारत के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। अब उसे और उसके गुरु घंटाल George Soros को हिंडनबर्ग जैसे कुछ और प्यादे ढूढ़ने होंगे लेकिन फिलहाल तो यह कह सकते हैं कि जो अडानी से टकराएगा वो मिट्टी में मिल जाएगा इसलिए अब राहुल गांधी को भी सुबह शाम हर समय अडानी के नाम की माला जपनी बंद कर देनी चाहिए 

अडानी शरीफ आदमी है जिसे देश की सेवा से मतलब है ठीक वैसे ही जैसे मोदी देश के लिए हर दम काम पर लगे रहते हैं चाहे कोई कितनी भी गाली बकता फिरे मोदी राज्यों की मदद करते हैं चाहे वहां सरकार किसी की भी हो और अडानी भी ऐसे ही हर राज्य में निवेश करते हैं लेकिन अडानी राहुल पर कभी प्रतिकार नहीं करते जबकि अडानी में वो ताकत है कि जिस दिन चाहे राहुल गांधी के सारे सांसदों को कांग्रेस से बाहर अलग लाइन में खड़ा कर दे

ट्रंप के आने से पहले, हिंडनबर्ग सिमट गया, हमास घुटनों पर आ गया इज़रायल से समझौता कर उसके सारे बंधक लौटाने के लिए अपने को Deep State का सदस्य मानने वाले मार्क जुकरबर्ग के कांग्रेस की भाषा में पहले 2024 में मोदी की हार बता दी और जब Parliamentary Committee में पेश होने की बात सामने आई तो तुरंत माफ़ी मांग गया हिंडनबर्ग बंद होने का आखिर क्या कारण हो सकता है जो ठीक ट्रंप की शपथ से पहले बोरिया बिस्तर बांध लिया 

लेखक 
चर्चित YouTuber
 

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के ब्रोकिंग हाउस के मालिक अजय बग्गा ने कहा है यह कंपनी कंपनियों को नुकसान पहुँचाने के लिए उन्हें टारगेट बनाती थी और पैसा कमाती थी और हो सकता है उसके खिलाफ कुछ ऐसा Regulatory Action होने जा रहा हो जिसकी वजह से उसे अपना बिज़नेस बंद करना पड़ा  यह हो सकता है उसका Prosecution भी होना हो बग्गा ने कहा कि Hindenburg will not be missed and hinted that its dismissal from market could be a positive step - बाजार से बाहर करना ही चाहिए लेकिन उसे दंड भी मिलना चाहिए और पता लगाना चाहिए भारत में उसने किस किस को कितना फायदा पहुंचाया

हिंडनबर्ग पर मैं पहले ही दिन से CJI डी वाई चंद्रचूड़ के रुख का विरोध करता रहा हूं जिसने एक बदनाम संगठन के बेबुनियाद आरोपों को हवा देकर उन पर जांच कराने के आदेश दिए मैंने तब भी कहा था कि ऐसी जांच हमारे शेयर बाजार की सेहत पर अडानी के बिज़नेस पर नकारात्मक असर डालेगी और यही हुआ क्योंकि अडानी की कंपनियों को वापस पटरी पर आने में बहुत समय लग गया सुप्रीम कोर्ट की जांच का कोई औचित्य नहीं था, हिंडनबर्ग के मामले में तुरंत कार्यवाही की गई लेकिन BBC के खिलाफ 10 हजार करोड़ के मानहानि के मामले में कोर्ट कोई एक्शन नहीं ले रहा, क्यों? 

ट्रंप से अपेक्षा - ट्रंप के कहे अनुसार Deep State को बंद किया जाएगा और अमेरिकी खर्च पर नियंत्रण किया जाएगा ट्रंप से अपेक्षा है कि विवेक रामास्वामी और एलन मस्क की टीम Deep state द्वारा भारत और अन्य देशों में किस किस को कितना कितना पैसा दिया गया, उस पर एक श्वेत पत्र जारी करे अमेरिका की धरती पर भारत विरोधी आतंकियों को जगह नहीं मिलनी चाहिए George Soros ने और उसकी किस किस संस्था ने मोदी को उखाड़ने के लिए भारत में किसको पैसा दिया, वह सबूत के साथ उजागर करे 

ट्रंप से यह भी अपेक्षा है कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि अडानी के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट में आरोप लगाने के पीछे षड़यंत्र में कौन शामिल है 

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