डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से भारत में Deep State की फंडिंग पर हंगामा करने वालों में हड़कंप; क्या एनसन फंड के फाउंडर की बीवी के साथ TMC सांसद महुआ मोइत्रा का है लिंक? हिंडनबर्ग के साथ मिलकर शॉर्ट सेलिंग का चलाया अभियान, अमेरिका में चल रही जाँच

रिपोर्टों से पता चलता है कि महुआ मोइत्रा और एनसन के सह-संस्थापक मोएज कासम की पत्नी मारिसा सीगल कासम के बीच संबंध हो सकते हैं, जो हिंडनबर्ग-एन्सन विवाद के सामने आने के बाद कई सवाल खड़े करता है। (साभार: टोरोंटोमू/हिंदू)
अमेरिका में जब चुनाव चल रहे थे भारत में स्वाभिमानी देशभक्त डोनाल्ड ट्रम्प के जीतने के लिए हवन आदि कर रहे थे। जबकि कमला हैरिस भारत मूल की थी। डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के बने हैं लेकिन उनके फैसलों से भारत में Deep State की फंडिंग पर हंगामा करने वालों में हड़कंप मचनी शुरू हो गयी है। यही असली वजह थी ट्रम्प की जीत के लिए धार्मिक आयोजन करने की। अगर बदकिस्मती से कमला जीत गयी होती, 
Deep State की फंडिंग पर हंगामा करने वाले शेर हो गए होते। भारत को बांग्लादेश और अफगानिस्तान बनाने कमर कस चुके होते। देखना है कि ऊंट किस करवट बैठता है। 

हेज फंड कम्पनी एनसन फंड्स और हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन पर शेयर बाजार में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। अब उनके खिलाफ अमेरिकी एजेंसियाँ जाँच कर रही है। इस मामले में सामने आए कोर्ट के कागजों से खुलासा हुआ है कि एंडरसन ने एनसन फंड्स के साथ मिलकर शॉर्ट सेलिंग का एक पूरा अभियान चलाया और मोटा पैसा कमाया।

यह सब मिलीभगत से किया गया। यह भी सामने आया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में दिए जाने वाले तथ्य एनसन ने दिए। हिंडनबर्ग लगातार दावा करती रहती थी कि उसकी रिपोर्ट एकदम स्वतंत्र है और इसमें कोई भी बाहरी एजेंसी दखल नहीं देती है। जबकि जाँच में पता चला कि हिंडनबर्ग को एनसन बता रही थी कि उसे अपनी रिपोर्ट में क्या लिखना है।

अमेरिका की सिक्यूरिटी एक्सचेंज एजेंसी (SEC) समेत कई और एजेंसियाँ अब इन दोनों के गठजोड़ की जाँच कर रहे हैं। इस मामले में आगे दोनों कम्पनियों पर मुकदमा भी चल सकता है। इस मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा का एंगल भी सामने आ रहा है।

कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सांसद महुआ मोइत्रा और एनसन फंड्स के सह-संस्थापक मोएज कासम की पत्नी मारिसा सीगल कासम के बीच कनेक्शन हो सकते हैं। कयास है कि दोनों की अच्छी पहचान हो सकती हैं क्योंकि यह दोनों ही जेपी मॉर्गन के लिए काम कर चुकी हैं।

राजनीति में आने से पहले मोइत्रा ने लगभग 12 साल तक जेपी VP के रूप में काम किया था तो वहीं मारिसा ने लंदन, हांगकांग और न्यूयॉर्क में जेपी मॉर्गन में विभिन्न पदों पर काम किया। इस पैटर्न के सामने आने के बाद अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों को लेकर भी प्रश्न उठ रहे हैं।

महुआ मोइत्रा ने लगातार अडानी समूह के खिलाफ संसद में प्रश्न पूछे थे। आरोप था कि यह प्रश्न महुआ मोइत्रा ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और बाकी फायदे लेकर पूछे थे। प्रश्न भी इस तरीके के थे जिनसे हीरानंदानी को कारोबारी फायदा पहुँचे।

एनसन फंड्स के खिलाफ यह आरोप भी है कि उसने शेयरों के भाव में गड़बड़ी की और मुनाफा कमाया। इसके लिए पहले स्टॉक के जानबूझकर दाम गिराए गए और बड़ा पैसा बनाया। अदालत में दायर किए गए कागजों में भी यह बताया गया है।

इन सब जाँच के बीच अगर यह साबित हो जाता है कि मोइत्रा के मारिसा कासम एनसन फंड्स के सह-संस्थापक के साथ रिश्ते हैं, तो मामले में और भी कई कड़ियाँ जुड़ जाएँगी। गौरतलब है कि हाल ही में हिंडनबर्ग को इसके संस्थापक एंडरसन ने बंद कर दिया था।

महुआ मोइत्रा ने अडानी समूह को बनाया था निशाना

अक्टूबर 2023 में ऑपइंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल TMC महुआ मोइत्रा पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकद और गिफ्ट लेने का आरोप लगाया था। आरोप था कि इसके बदले में महुआ मोइत्रा ने अडानी समूह को लेकर संसद में प्रश्न पूछे।
इस रिपोर्ट में लोकसभा के भीतर मोइत्रा द्वारा पूछे गए प्रश्नों की जानकारी दी गई थी। महुआ ने पारादीप पोर्ट और अडानी समूह को निशाना बनाया था। इन प्रश्नों से हीरानंदानी को कथित तौर पर फायदा होना था। यह प्रश्न बंदरगाह समझौतों, टेलिकॉम सेवाओं और गैस के प्रोजेक्ट को लेकर थे।
यह भी आरोप था कि महुआ के प्रश्नों से अडानी से मुकाबले में हीरानंदानी का पक्ष लिया गया। मोइत्रा ने बाद में कुछ भी गलत करने से इनकार किया था। हालाँकि, ऑपइंडिया की रिपोर्ट के बाद उनके खिलाफ जाँच तेज हो गई थी। यह जाँच उनके प्रश्नों और हीरानंदानी के व्यापारिक हितों से सम्बन्धित थी।
अब जबकि एनसन फंड्स के सह संस्थापक की पत्नी के साथ उनके संबंध तलाशे जा रहे हैं, तब उनके अडानी समूह पर प्रश्न पूछने के पीछे के उद्देश्य पर भी सवाल उठ रहे हैं।

No comments: