कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण करते कितना नीचे गिरेगी? एक सीमा होती है। 7 नवंबर 1966 को गौ हत्या का विरोध कर रहे निहत्ते साधु-संतों के खून की होली खेलने वाली तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी भी कालपात्रु जी महाराज के अभिशाप से बच नहीं पायी। जब से जो कांग्रेस का पतन शुरू हुआ आज तक नहीं रुक रहा। दूसरे, दिल्ली से गौ को निकालने वाली तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का क्या हुआ हाल? सबके सामने है कोई बताने की जरुरत नहीं।
प्रोफेसर कामकोटी ने देसी गायों के संरक्षण की बात कही (फोटो साभार: Freepik & IndiaAI) |
IIT मद्रास के डायरेक्टर प्रोफ़ेसर वी कामकोटी ने गौमूत्र के औषधीय गुणों के की तारीफ़ की है। उन्होंने गौमूत्र से एक साधु का बुखार ठीक होने की घटना भी बताई है। उनके इस बयान के बाद कॉन्ग्रेस और DMK के नेता भड़क गए हैं। उनके इस बयान का तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने बचाव किया है।
प्रोफ़ेसर वी कामकोटी ने गौमूत्र की यह तारीफ़ चेन्नई में एक कार्यक्रम में की। यह कार्यक्रम पोंगल के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि गौमूत्र में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और पाचक गुण होते हैं। उन्होंने कहा कि गौमूत्र पेट की समस्याओं के लिए भी अच्छी दवा है। उन्होंने इसके बाकी औषधीय गुण भी बताए।
Madras #IIT Director V Kamakoti speaking in a Pongal festival in Chennai said diseases can be cured quickly by drinking cow urine.
— Suresh Kumar (@journsuresh) January 19, 2025
Kamakoti addedthat when his father had a fever, drank cow urine on the advice of a sanyasi and the fever subsided after fifteen minutes. he said… pic.twitter.com/JA40Qsicnv
प्रोफ़ेसर कामकोटी ने गौमूत्र की विशेषता बताए हुए कहा इससे बुखार कम होने की बात कही। उन्होंने इस बीच एक सन्यासी का नाम भी लिया। प्रोफ़ेसर कामकोटी ने गौमूत्र के यह गुण आर्गेनिक फार्मिंग के फायदे बताते हुए गिनाए।
उन्होंने कहा, “अगर हम उर्वरकों का खाद का करेंगे तो हम भूमि माता को भूल जाएँगे। जितनी जल्दी हम जैविक, प्राकृतिक खेती की ओर रुख करेंगे, हमारे लिए उतना ही बेहतर होगा।” उन्होंने गोवंश की देशी नस्लों की वकालत भी की और। उन्होंने इसके अर्थव्यवस्था और खेती में महत्व पर भी बात की।
प्रोफ़ेसर कामकोटी के इस बयान पर DMK और कॉन्ग्रेस नेता भड़क गए। कॉन्ग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इसे झूठा विज्ञान और गलत करार दिया। DMK के एक नेता ने इसे देश में शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने का प्रयास बताया। तमिलनाडु के बाकी पेरियार समर्थक संगठनों ने इस बयान पर माफी की माँग की। उन्होंने प्रदर्शन की भी धमकी दी।
Peddling pseudoscience by @iitmadras Director is most unbecoming @IMAIndiaOrg https://t.co/ukB0jwBh8G
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) January 18, 2025
प्रोफ़ेसर कामकोटी के बयान का तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने बचाव किया है और इसके राजनीतिकरण ना किए जाने की अपील की है। उन्होंने कहा, “IIT मद्रास के डायरेक्टर क्वांटम फिजिक्स के विशेषज्ञ हैं और वे शीर्ष सरकारी एजेंसियों के सदस्य भी रहे हैं। वह अपनी धार्मिक मान्यताओं और गाय के प्रति सम्मान में दृढ़ हैं, जो कहीं से गलत नहीं है।”
अन्नामलाई ने आगे कहा, “उन्होंने किसी को गाय का मूत्र पीने के लिए मजबूर नहीं किया और केवल अपनी मान्यताओं को व्यक्त किया। हमें ऐसे बयानों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। IIT-M के डायरेक्टर तमिलनाडु से हैं, जो हमारे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। मैं उन्हें जानता हूँ और मैं इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहता।”
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