दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों में UAPA के तहत है बंद शिफा उर रहमान को भी कस्टडी पेरोल, AIMIM ने ओखला से दिया है टिकट: छोड़ दो दंगाइयों को खुला उड़ने दो कानून की धज्जियां

दिल्ली दंगों के आरोपित शिफा उर रहमान को दिल्ली की एक अदालत ने विधानसभा चुनाव भरने के लिए कस्टडी पैरोल दी है। शिफा उर रहमान दिल्ली पुलिस के साथ गुरुवार (16 जनवरी, 2025) को विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन करने पहुँचा। उसे AIMIM ने ओखला सीट से उम्मीदवार बनाया है।

ताहिर हुसैन को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से टिकट दिया है। जबकि शिफा उर रहमान को ओवैसी ने ओखला से टिकट दिया है. दोनों नेता दिल्ली दंगों के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं। दोनों नेताओं को बीते दिनों सशर्त नॉमिनेशन के लिए कोर्ट ने कस्टडी पैरोल दी। आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों की गंभीरता यह है कि वह साल 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में हुए दंगों का मुख्य आरोपी है। इस दंगे में लगभग 59 लोगों की मौत हुई थी, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ता पहले पार्षद रह चुके हैं, उस आधार पर अंतरिम जमानत देने का अधिकार नहीं दिया जा सकता। 

ऐसे में सवाल होता है कि जब दंगाइयों को कोर्ट ही सदन में भेजने के लिए छोड़ेगी या कोर्ट किसी भी सदन में दंगाइयों को चुनाव लड़ने की इजाजत देगी फिर दंगों पर कोर्ट में मुक़दमे क्यों दर्ज किए जाते हैं? छोड़ दो दंगाइयों को खुला, होने दो दंगे, उड़ने दो कानून की धज्जियां? इसमें सबसे बड़े दोषी वही जज होंगे जो दंगाइयों को चुनाव लड़ने के लिए किसी भी if and but पर रिहा करते हैं।      

HC ने दी नामांकन के लिए पैरोल

हालांकि, कोर्ट ने ताहिर और शिफा को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कस्टडी से पैरोल दी है. हाईकोर्ट ने पैरोल के लिए शर्तें तय की हैं हाईकोर्ट ने नामांकन के दौरान ताहिर हुसैन के सार्वजनिक भाषण देने या मीडिया के सामने बयानबाजी करने पर रोक लगी है और उन्हें फोन, मोबाइल या लैंडलाइन या इंटरनेट के इस्तेमाल की भी इजाजत नहीं होगी इसके अलावा वह नामांकन प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों को छोड़कर किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत नहीं करेंगे

दिल्ली दंगों के आरोपी हैं दोनों नेता

बता दें कि ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के मामले में जेल में हैं इसके अलावा एक और आरोपी शिफा उर रहमान को भी AIMIM ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओखला विधानसभा से टिकट दिया है. शिफा उर रहमान दिल्ली दंगों के केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं उन पर UAPA का केस लगा हुआ है. शिफा उर रहमान जामिया एलुमनाई के प्रेसिडेंट थे  

शिफा उर रहमान को अप्रैल, 2020 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शिफा उर रहमान जामिया एलुमनाई एसोसिएशन (JMA) का मुखिया है। उस पर UAPA का मामला चल रहा है। उसे दिल्ली दंगे के दौरान CCTV फुटेज में देखा गया था, इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।

शिफा उर रहमान की तरफ से उसकी पत्नी चुनाव प्रचार में लगी हुई है मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में करने का प्रयास कर रही है। शिफा उर रहमान के अलावा दंगों के आरोपित ताहिर हुसैन को भी AIMIM ने टिकट दिया है। कोर्ट ने उसे भी कस्टडी पैरोल दी है।

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