‘तेरा कृष्णा कैसा रंगीला था देख’, जिस वजाहत कादरी ने करवाई शर्मिष्ठा पर FIR, वो लगातार करता है हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान: दर्ज हुए अब 3 केस, लेकिन कोलकाता पुलिस नहीं ले रही कोई एक्शन, क्यों? मुस्लिम कट्टरपंथियों का एक ही काम है कि सनातन धर्म के विरुद्ध जहर उगलो, हिन्दू इस्लाम के खिलाफ बोले तो "सिर से तन जुदा गैंग" को आगे करो

                               वजाहत खान और शर्मिश्ता पनोली (फोटो साभार - ऑपइंडिया इंग्लिश)
पश्चिम बंगाल पुलिस ने जिस वजाहत खान कादरी रशीदी की शिकायत पर लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया है, अब उसकी घिनौनी हरकतें सामने आ रही हैं। हिंदू देवी-देवताओं के अपमान, अभद्र टिप्पणियों और उसके सोशल मीडिया पर उगले गए जहर को लेकर वजाहत खान कादरी रशीदी के खिलाफ 3 एफआईआर दर्ज हुई हैं। 2 एफआईआर दिल्ली में और एक एफआईआर गुवाहाटी में दर्ज किए जाने की खबरें सामने आ रही हैं।

बंगाल में अब तक जितने भी हिन्दू विरोधी दंगे होने पर पुलिस द्वारा दंगाइयों पर कोई कार्यवाही नहीं करना साफ साबित करता है कि बंगाल पुलिस मुस्लिम कट्टरपंथियों के इशारे पर काम करती है और केंद्रीय गृह मंत्रालय को इन सब हरकतों का संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी चाहिए। जिस कट्टरपंथी की शिकायत पर बंगाल पुलिस सतर्कता दिखाते शर्मिष्ठा को गिरफ्तार करती है वही पुलिस उसी अपराध में वज़ाहत को क्यों नहीं गिरफ्तार करती? आखिर कट्टरपंथी कब तक victim card खेलकर अराजकता फैलाते रहेंगे? हिन्दू देवी-देवताओं को चाहे जो कुछ कहो लेकिन इनके इस्लाम पर कोई टिप्पणी नहीं होनी चाहिए, क्यों?       

एक चैनल शायद टीवी9 पर एक चर्चा के दौरान एक मौलाना द्वारा भगवान कृष्ण पर गलत  टिप्पणी करने पर आचार्य विक्रमादित्य जी द्वारा सबूत माँगने पर मौलाना ने जहाँ उलटी-पुल्टी बात करते ही लाइव शो में इतना मारा कि चर्चा में मौजूद कोई मौलाना बीच बचाव करवाने की हिम्मत नहीं कर सका। यानि इन कट्टरपंथियों का एक ही काम है कि सनातन धर्म के विरुद्ध जहर उगलो।     

हालाँकि, अब वज़ाहत खान खुद मुश्किलों में घिर गया है। इंटरनेट यूजर्स की जाँच में यह तथ्य सामने आया कि वज़ाहत खान कादरी रशीदी नाम का जो व्यक्ति पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के कथित अपमान से नाराज़ होकर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ़ कार्रवाई की माँग कर रहा था, वह खुद सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म और हिंदू देवी-देवताओं का बार-बार अपमान करता रहा है।

 शर्मिष्ठा ने जिस टिप्पणी के लिए माफ़ी माँग ली थी, उसी को आधार बनाकर रशीदी फ़ाउंडेशन के सह-संस्थापक वज़ाहत खान कादरी रशीदी ने कोलकाता पुलिस में उसके खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी और कोलकाता पुलिस ने शर्मिष्ठा को 1500 किमी दूर गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया था। वज़ाहत ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की माँग की थी, शिकायत दर्ज कराने की जानकारी साझा की थी और बाद में उनकी गिरफ्तारी का जश्न भी मनाया था।  

लेकिन अब उस वजाहत के कई आपत्तिजनक पोस्ट सामने आए हैं, जिनमें वो हिंदू देवी-देवताओं के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करता था। इन पोस्ट्स में से कई को वज़ाहत ने बाद में डिलीट भी कर दिया। उसने अपनी पोस्ट में हिंदू देवी-देवताओं और सनातन धर्म के खिलाफ अपमान जनक भाषा का प्रयोग किया। उसके कुछ पोस्ट इस प्रकार हैं..

“एक हिंदू अपनी साली को अंग अंग पर रंग लगाते हुए और अपने दोस्तों को भी उसके साथ ऐसा करने का निमंत्रण देते हुए… सी हिंदुओं… यहीं है इनकी असलियत… बलात्कारी संस्कृति”

“नहीं वो उसकी बात कर रहा है जिसकी 16108 राखेलो के साथ रंग रसिया मनाता था…या चुपके-चुपके लड़कियों को नहाते हुए देखता था…”

“मेरे पास आपके लिए कुछ है… पहले अपने धर्म के बारे में पढ़ो। मूत्र पीने वाले मैल हैं।”

“तुझ जैसी &^$^&* पेट की औलाद रसूल के बारे में बारे में बात करे ये जेब नहीं देता…तू इसकी बात कर, तेरा कृष्णा कैसा रंगीला था देख…सच्चाई देख, वहम में मत जी… $%टू साले, तूने जो भी कहा वो सब तो झूठ और बहुत है लेकिन ये तेरे ही किताब का है सच पढ़, सुवर के पिल्ले”

                                                  

 वज़ाहत खान के ट्विटर पोस्ट का स्क्रीनशॉट

इन आपत्तिजनक पोस्ट्स के आधार पर एडवोकेट विनीत जिंदल ने वज़ाहत खान के खिलाफ़ दिल्ली पुलिस और साइबर क्राइम यूनिट में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने वज़ाहत पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 194, 195, 356 और आईटी एक्ट की धाराओं 66, 67, 69 के तहत एफआईआर दर्ज करने की माँग की है।

उन्होंने ऑनलाइन शिकायत में लिखा, “मैं सोशल मीडिया पर वज़ाहत खान कादरी रशीदी नामक व्यक्ति द्वारा प्रसारित की जा रही बेहद आपत्तिजनक, घृणित और अपमानजनक पोस्ट की एक सीरीज के बारे में एक औपचारिक शिकायत दर्ज करने के लिए लिख रहा हूँ, जिनके प्रोफ़ाइल और पोस्ट ट्विटर (अब एक्स) जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।

उन्होंने आगे कहा की व्यक्ति ने हिंदू समुदाय, उसकी मान्यताओं, प्रथाओं और भगवान कृष्ण सहित पूजनीय व्यक्तियों को निशाना बनाते हुए अभद्र भाषा वाले बार-बार पोस्ट किए हैं। पवित्र ग्रंथों और देवताओं का मज़ाक उड़ाते हुए यौन रूप से स्पष्ट और अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया है। सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से सांप्रदायिक उकसावे की कार्रवाई की गई है। धार्मिक भावनाओं का उपहास करने और उन्हें भड़काने के उद्देश्य से ग्राफ़िक गलत सूचना और मॉर्फ़ की गई तस्वीरें।

एडवोकेट विनीत जिंदल के आनुसार सामग्री में बलात्कारी संस्कृति, मूत्र पीने वाले और हिंदू त्योहारों, देवताओं और मंदिरों (जैसे, कामाख्या देवी मंदिर) पर अपमानजनक टिप्पणी जैसे अपमानजनक शब्द शामिल हैं। ये पोस्ट धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का एक स्पष्ट और जानबूझकर किया गया प्रयास प्रतीत होता है, जो 194,195,356 बीएनएस और आईटी अधिनियम की धारा 66,67,69 के तहत दंडनीय अपराध है। इसलिए उपरोक्त व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मैं तैयार हूँ। मैं आगे कोई भी जानकारी देने या आवश्यकतानुसार जाँच प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए भी तैयार हूँ”।

अधिवक्ता अमिता सचदेवा ने कोलकाता में रहने वाले वजाहत खान के खिलाफ दिल्ली में साकेत पुलिस के साइबर अपराध में दूसरी शिकायत दर्ज कराई है।

उन्होंने लिखा कि कोलकाता स्थित रशीदी फाउंडेशन के सह-संस्थापक वज़ाहत खान कादरी रशीदी के खिलाफ़ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदू धर्म, देवी-देवताओं, त्योहारों और संस्कृति को निशाना बनाकर आपत्तिजनक, अपमानजनक और भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के आरोप में शिकायत दर्ज की गई है। जिंदल ने कहा कि इन पोस्टों से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं, जिसमें वह स्वयं भी शामिल हैं, और इनसे सांप्रदायिक तनाव भड़कने की आशंका है।

इस बीच, वजाहत के खिलाफ तीसरी एफआईआर भी दर्ज हुई है। वजाहत के खिलाफ तीसरी एफआईआर गुवाहाटी में दर्ज कराई गई है। वायस ऑफ असम और सांतनु सैकिया ने ये एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें कामाख्य मंदिर पर दिए उसके घृषित पोस्ट को आधार बनाया गया है।

कथित रूप से, वज़ाहत खान ने अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ऐसे कई आपत्तिजनक पोस्ट डिलीट कर दिए हैं। इसी तरह, शर्मिष्ठा पनोली ने भी अपने कथित आपत्तिजनक वीडियो को डिलीट कर दिया था और सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगी थी। इसके बावजूद, पश्चिम बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार करने के लिए 1500 किलोमीटर दूर चली गई और कोलकाता की अलीपुर कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया जबकि वज़ाहत खान जो वही कोलकाता में मौजूद है उसके खिलाफ बंगाल पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।

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