लाल किला ब्लास्ट पर पाकिस्तान का बड़ा कबूलनामा, POK का पूर्व PM अनवारुल हक बोला- हमने दिल्ली से कश्मीर तक करवाया हमला: बलूचिस्तान का भी किया जिक्र


जिस तरह PoK के पूर्व प्रधानमंत्री अनवारुल हक ने दिल्ली में ब्लास्ट के पाकिस्तान द्वारा करवाने की बात कबूली है, देखते हैं मोदी सरकार द्वारा Operation Sindoor-2 को अंजाम दिया जाएगा।  
भारत में पाकिस्तान नेताओं और उनकी पार्टियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान जाते मुसलमानों का नारा था "हंस के लिया पाकिस्तान लड़के लेंगे हिन्दुस्तान", इतना ही नहीं ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने भी भारत से हज़ारों साल तक लड़ने की बात कही थी। इसीलिए घुसपैठियों को भेज भारत में बेगुनाहों का खून बहाते रहे। लेकिन पाकिस्तान परस्त पार्टियां पाकिस्तान आतंकियों को अपना दामाद समझ बचाने के लिए बेशर्मों ने बेकसूर हिन्दुओं को आरोपित करते "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" कहा गया। इतना ही नहीं, दिल्ली ब्लास्ट में पकडे जाने पर जो गन्दी सियासत कर रहे हैं उसे गद्दार नहीं कहा जाए तो क्या कहा जाए। जनता को चाहिए आने वाले चुनावों में इन सभी पार्टियों वोट देने की बजाए धूल चटवानी चाहिए।      

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने एक चौंकाने वाला कबूलनामा किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों ने ही दिल्ली के लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक भारत पर हमले किए।

इस बयान ने न केवल पाकिस्तान सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि शहबाज शरीफ सरकार की आतंकवाद पर दोगली नीति को भी उजागर कर दिया है। चौधरी अनवारुल हक का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने अपने पद और स्थिति का इस्तेमाल कर भारत पर हमले करवाए।

बलूचिस्‍तान का बदला! 

हक की टिप्‍पणी में 10 नवंबर को लाल किले के करीब हुए ब्‍लास्‍ट का भी जिक्र था जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी हक का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें उन्‍हें कहते हुए सुना जा सकता है, 'मैंने अपनी स्थिति और पद को सही तरह से प्रयोग किया और पीएम नरेंद्र मोदी को एक सबक सिखाया कि अगर बलूचिस्‍तान में खून बहाने से बाज नहीं आओगे तो हम लाल किले से लेकर कश्‍मीर में जंगलों तक घुसकर मारेंगे अल्‍लाह के करम से हम यह कर चुके हैं और आज वो अभी तक लाशों की गिनती नहीं कर पा रहे हैं

लाल किला ब्‍लास्‍ट सुसाइड अटैक 

इसके बाद उन्‍होंने आगे कहा, 'कुछ दिनों बाद हथियारों से लैस शाहीन दाखिल हुए और उन्‍होंने हमला किया और आज भी वो अभी तक लाशों की गिनती कर रहे हैं' हक ने कश्‍मीर के जंगलों का जिक्र इस साल अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए किया अपनी पूरी स्‍पीच में उन्‍होंने आतंकियों को शाहीन करके संबोधित किया है दिल्‍ली में हुए आतंकी हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्‍मद (जैश) से जुड़े संगठन को जिम्‍मेदार बताया जा रहा है राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के अनुसार यह एक आत्‍मघाती हमला था संगठन फरीदाबाद से ऑपरेट कर रहा था हमले को डॉक्‍टर उमर नबी ने अंजाम दिया है 

पहले भी सामने आए सच 

हक का कबूलनामा पहला कबूलनामा है, ऐसा नहीं और इससे पहले भी ऐसे ही बयान आ चुके हैं हाल ही में, खैबर पख्‍तूनख्‍वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने पाकिस्‍तान की सरकार पर बड़ा आरोप लगाया था अफगानिस्‍तान के टोलो न्‍यूज के अनुसार उन्‍होंने कहा था कि सरकार अपने राजनीतिक मकसद को पूरा करने के लिए 'नकली' आतंकी हमले करा रही है उन्होंने कहा कि सरकार ने अशांत सीमावर्ती प्रांत में शांति प्रयासों में भी रुकावट पैदा की है साथ ही अपने फायदे  के लिए 'आतंकवाद' को तैयार किया है  

वीडियो में चौधरी अनवारुल हक ने कहा कि “हमने पीएम नरेंद्र मोदी को एक सबक सिखाया कि अगर बलूचिस्‍तान में खून बहाने से बाज नहीं आओगे तो हम लाल किले से लेकर कश्‍मीर में जंगलों तक घुसकर मारेंगे। अल्‍लाह के करम से हम यह कर चुके हैं और आज वो अभी तक लाशों की गिनती नहीं कर पा रहे हैं।”

उन्होंने 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए ब्लास्ट का भी जिक्र किया, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। इस हमले का मास्टरमाइंड डॉ. उमर उन नबी था। वह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल का सदस्य है, जिसका भंडाफोड़ हमले से कुछ दिन पहले फरीदाबाद में हुआ था। इस कबूलनामे ने पाकिस्तान की लंबे समय से चली आ रही आतंकवाद की नीति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर कर दिया है।

असल में कश्मीर के जंगलों से हक का मतलब पहलगाम से है जहाँ 26 अप्रैल 2025 को आतंकी हमला हुआ था। इसमें 20 से ज्यादा हिंदू पर्यटकों का नाम पूछकर उन्हें मार दिया गया था।

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भारत में इस कबूलनामे को लेकर गुस्सा और आक्रोश है। भारत पहले ही पाकिस्तान को आतंकवाद का पनाहगार कहता रहा है, और अब पाकिस्तान के ही एक बड़े नेता का यह बयान उस आरोप को पुष्ट करता है। शहबाज सरकार की पोल खुलने से पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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