केंद्र सरकार ने तीन तलाक को अपराध मानने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। पश्चिम बंगाल सरकार के राज्यमंत्री सिद्दिकुल्ला चौधरी ने गुरुवार (20 सितंबर) को कहा कि कुरान शरीफ ही सर्वोपरि है और ये उससे टकरानेवाले किसी भी संवैधानिक प्रावधान और कानून से ऊपर है ! राज्य में कई मुस्लिम संगठनों ने इस अध्यादेश का विरोध करने का फैसला किया है। जबकि कई अल्पसंख्यक नेताओं ने कहा है कि वह धार्मिक मामलों में किसी किस्म का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे !
चौधरी ने कहा, ‘‘हमारे लिए, हमारी पवित्र किताब, कुरान शरीफ सर्वोपरि है और कोई संवैधानिक प्रावधान और कानून कुरान से मेल नहीं खाता है तो हमारे धर्मग्रंथ की बात ही मानी जाएगी न कि कानून और संविधान की ! भाजपा धर्म का कार्ड खेलकर संविधान से खेल रही है। इस अध्यादेश का मुस्लिमों पर कोई असर नहीं होनेवाला है। कोई भी इस कानून को नहीं मानेगा लेकिन धर्म और हमारी पवित्र कुरान को जरूर मानेगा !” बता दें कि चौधरी जमायत ए इस्लामी हिंद के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वह पहले ही सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तुरंत तीन तलाक पर दिए गए फैसले को असंवैधानिक करार दे चुके हैं !
राज्य मंत्री ने आगे कहा, ‘‘भाजपा चाहें जो भी पैंतरे आजमा ले, वे हिंदुओं और मुस्लिमों को प्रभावित करने में कामयाब नहीं होंगे। 2019 में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। ये अध्यादेश केवल हिन्दू वोटों को जीतने का तरीका भर है, ये कामयाब नहीं होनेवाला है। हिन्दू और मुस्लिम उन्हें सत्ता से बाहर कर देंगे !” चौधरी ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार को महिलाओं के साथ बढती हिंसा पर भी चिंतित होना चाहिए।
चौधरी ने कहा, ‘‘हर रोज, महिलाओं और लडकियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। हर रोज महिलाओं को जलाया जा रहा है और क्रूरता हो रही है। केंद्र सरकार क्या कर रही है ? वे इस बारे में कुछ नहीं कर रहे हैं। लेकिन सस्ती वोट बैंक की राजनीति करने के लिए वे मुस्लिमों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं !” हालांकि मुस्लिम संगठन इस अध्यादेश का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं आॅल इंडिया अल्पसंख्यक यूथ फोरम के महासचिव मोहम्मद कमरूज्जमां ने कहा, ‘‘भारत बहुलतावादी और धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन भाजपा के द्वारा लाया गया ये अध्यादेश मुस्लिमों के मूल अधिकारों के साथ ही संविधान का भी उल्लंघन करता है। हम जल्दी ही इस मामले में बैठक बुलाएंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे !”
चौधरी ने कहा, ‘‘हमारे लिए, हमारी पवित्र किताब, कुरान शरीफ सर्वोपरि है और कोई संवैधानिक प्रावधान और कानून कुरान से मेल नहीं खाता है तो हमारे धर्मग्रंथ की बात ही मानी जाएगी न कि कानून और संविधान की ! भाजपा धर्म का कार्ड खेलकर संविधान से खेल रही है। इस अध्यादेश का मुस्लिमों पर कोई असर नहीं होनेवाला है। कोई भी इस कानून को नहीं मानेगा लेकिन धर्म और हमारी पवित्र कुरान को जरूर मानेगा !” बता दें कि चौधरी जमायत ए इस्लामी हिंद के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वह पहले ही सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तुरंत तीन तलाक पर दिए गए फैसले को असंवैधानिक करार दे चुके हैं !
राज्य मंत्री ने आगे कहा, ‘‘भाजपा चाहें जो भी पैंतरे आजमा ले, वे हिंदुओं और मुस्लिमों को प्रभावित करने में कामयाब नहीं होंगे। 2019 में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। ये अध्यादेश केवल हिन्दू वोटों को जीतने का तरीका भर है, ये कामयाब नहीं होनेवाला है। हिन्दू और मुस्लिम उन्हें सत्ता से बाहर कर देंगे !” चौधरी ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार को महिलाओं के साथ बढती हिंसा पर भी चिंतित होना चाहिए।
चौधरी ने कहा, ‘‘हर रोज, महिलाओं और लडकियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। हर रोज महिलाओं को जलाया जा रहा है और क्रूरता हो रही है। केंद्र सरकार क्या कर रही है ? वे इस बारे में कुछ नहीं कर रहे हैं। लेकिन सस्ती वोट बैंक की राजनीति करने के लिए वे मुस्लिमों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं !” हालांकि मुस्लिम संगठन इस अध्यादेश का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं आॅल इंडिया अल्पसंख्यक यूथ फोरम के महासचिव मोहम्मद कमरूज्जमां ने कहा, ‘‘भारत बहुलतावादी और धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन भाजपा के द्वारा लाया गया ये अध्यादेश मुस्लिमों के मूल अधिकारों के साथ ही संविधान का भी उल्लंघन करता है। हम जल्दी ही इस मामले में बैठक बुलाएंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे !”
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