बेनकाब हो गया ‘आप’ का जन विरोधी चेहरा
माकन ने कहा कि सीएम केजरीवाल के इशारे पर राजधानी में बड़े पैमाने पर दिल्ली सरकार के एसडीएम मास्टर प्लान में मौजूद प्रावधानों के बावजूद जबरन लोगों को परेशान करने के लिए सेक्शन 133 CrPC में नोटिस जारी करके न केवल आतंक फैला रहे है बल्कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की आड़ में ऐसी गैर प्रदूषित इकाईयों को भी सील कर रहे है। उन्होंने विवेक विहार के एसडीएम राजेश चौधरी के हस्ताक्षर से जारी एक नोटिस की प्रति संवाददाताओं दिखाते हुए कहा कि इस नोटिस के बाद कम से कम ‘आप’ का जन विरोधी चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो गया है। माकन ने मांग की है कि तुरंत प्रभाव से इन नोटिसों को बिना शर्त वापस लिया जाए।
अवलोकन करें:--
दिल्ली में कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहाँ भ्रष्टाचार का ही बोलबाला है। और इन क्षेत्रों में कार्यवाही करने का किसी में साहस भी नहीं। सरकारी जमीन पर अधिक्रमण कर रखा है। यदि गम्भीरता से जाँच की जाए, तो सर्वप्रथम उन अधिकारियों और नेताओं के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाए, जिनके कार्यकाल में सरकारी ज़मीन का अधिक्रमण या अवैध निर्माण किया गया। 2014 चुनावी रैलियों में भाजपा भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने को कहती थी, लेकिन दिल्ली की तीनों नगर निगमों पर भाजपा का ही कब्ज़ा है, भाजपा बताए नगर निगमों में कितना भ्रष्टाचार समाप्त हुआ? फिल्म "उपकार" का एक चर्चित संवाद है "राशन पर भाषण है, भाषण पर कोई राशन नहीं" जो आज भी हमारे नेता समाज पर सटीक बैठता है। नगर निगमों में सत्ता अगर भाजपा की है तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के भी सदस्य हैं, कोई नहीं बोलता। चुनाव आएंगे, तब सभी नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार पर लम्बे-चौड़े भाषण देते नज़र आएंगे। लेकिन किसी भी मतदाता ने यह पूछ लिया, "जब सदन में तुम्हारी पार्टी विराजमान थी, क्यों नहीं आवाज़ उठाई? क्यों नहीं धरने या प्रदर्शन किये?" तुरन्त उस मतदाता पर विरोधी पक्ष का होने का आरोप लगाकर बदनाम कर देंगे।
संवाददाता सम्मेलन में पार्टी ने घरेलू उद्योग के मामले में मास्टर प्लान 2021 में संशोधन के लिए हो रही जनसुनवाई में पार्टी द्वारा अजय माकन, अरविन्दर सिंह लवली व मुकेश शर्मा के संयुक्त रुप से हस्ताक्षरयुक्त आपत्ति दर्ज कराने संबधी पत्र को भी जारी किया। उन्होंने कहा कि इस जनसुनवाई की आवश्यकता नहीं थी, जानबूझ कर मामले को उलझाने के लिए यह जनसुनवाई की गई है। माकन ने स्पष्ट रुप से कहा कि जनसुनवाई इस मुद्दे को पूरी तरह उलझाने और लटकाने का प्रयास है। क्योंकि पहले से ही मास्टर प्लान में सारे प्रावधान मौजूद हैं जिसके तहत कर्मचारियों की संख्या और बिजली के लोड को घटाने और बढ़ाने के अधिकार सरकार को हैं।
सरकार कर सकती है परिवर्तन
अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कि गैर प्रदूषित घरेलू उद्योग की परिभाषा को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए किसी किस्म की कोई अड़चन नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मास्टर प्लान 2021 में साफ तौर पर यह कहा गया है कि सरकार जब चाहे इसमें परिवर्तन कर सकती है। उन्होंने मांग की कि तुरंत प्रभाव से घरेलू उद्योगों के लिए बिजली का कनेक्शन 5 किलोवाट से बढ़ाकर 11 किलोवाट और कर्मचारियों की संख्या 5 से बढ़ाकर 11 की जाए।
भाजपा और ‘आप’ को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
मुकेश शर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के एसडीएम स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के इशारे पर लोगों को उच्चतम न्यायालय की आड़ में जबरन नोटिस जारी करके ‘आप’ के लिए अवैध रुप से धन वसूली कर रहे हैं। उन्होंने घूसकांड की जांच की मांग करते हुए केन्द्र व दिल्ली सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि 15 अक्टूबर तक घरेलू उद्योग की परिभाषा को बदलने का सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ तो भाजपा और ‘आप’ को गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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