राहुल गांधी ने जिस बच्चे को पढ़ाने की ली थी जिम्मेदारी, वो दो रोटी के लिए ठेली पर कर रहा है काम

आपको शायद याद होगा कि राहुल गांधी ने कुछ वर्ष पहले अखबार बेच रहे एक नाबालिक लड़के को पढ़ा-लिखा कर एक अच्छा जीवन देने का वादा किया था। भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर स्थित झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले नाबालिग बच्चे कौशल शाक्य को राहुल गांधी ने  आज से तकरीबन 5 वर्ष पूर्व कौशल को अखबार बेचते हुए देखा था।
उन्होने  कौशल को अखबार के बदले एक हजार का नोट दिया तो कौशल ने इसे साफ मना कर दिया। तब राहुल ने उसकी खुद्दारी को देखते हुए उसकी पढ़ाई का खर्चा उठाने की घोषणा की। लेकिन जब कुछ समय बीतने के बाद कौशल से सम्पर्क किया गया तो वो एक अपने बड़े भाई जुगल के साथ ठेले पर काम करते हुए पाया गया।
राहुल गाँधी की कथनी और करनी में अन्तर 
कौशल ने बताया कि श्यामला हिल्स स्थित डॉ राधाकृष्णन हाईस्कूल में पढ़ता था और छठी पढ़ने के बाद उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी। उसने बताया कि कांग्रेस ने कुछ महीनों तक ही फीस दी। कांग्रेस नेता साजिद अली ने उसके बड़े भाई को अपनी कॉलेज में नौकरी दी थी। भाजपा ने बच्चे को लेकर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उसे अधर में ही छोड़ दिया। लेकिन कांग्रेस ने उत्तर देते हुए कहा है कि कांग्रेस ने उसकी पूरी मदद की है लेकिन उस लड़के ने ही पढ़ाई छोड़ दी। वही स्मृति ईरानी ने उस बच्चे का केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश का आश्वासन दिया है।
राहुल जो अपनी हर रैली में मोदी और मोदी सरकार को आरोपित करते नज़र आते हैं, लेकिन खुद अपनी नाकामियों को नहीं बताते। कौशल जैसे ना जाने कितने ऐसे लोग होंगे, जो कांग्रेस और राहुल गाँधी के आश्वासनों पर निर्भर रहकर अपने आप को कोसते होंगे। इनकी दादी ने "गरीबी हटाओ" का नारा देकर देश की जनता को भ्रमित कर खूब वोट बटोरे, क्या देश से गरीबी दूर कर पायीं? जहाँ तक बेरोजगारी की बात है, वह भी निरन्तर बढ़ ही रही है। और रिश्वत के दम पर जो नियुक्तियां हुई हैं, उसे निम्न वीडियो, जो आजकल सोशल मीडिया पर खूब प्रसारित हो है, बता रहा है:-
https://www.facebook.com/dharmandarnegi/videos/1342219985909623/
ऐसी नियुक्तियों को सरकार किसी भी पार्टी की हो, उस पर और उसे नियुक्त करने वाले/वालों पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। क्योकि जब तक दोनों पर कार्यवाही नहीं होगी, भ्रष्टाचार भी समाप्त नहीं होगा।     

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