"...नहीं तो हैंडिल से हटा देंगे हाथ" : अखिलेश यादव की कांग्रेस को धमकी

Related image"वो दिन गए, जब शेख फाख्ता उड़ाया करते थे",यानि एक समय था जब भारत में कांग्रेस की तूती बोलती थी, लेकिन बदलते परिवेश में कल की पैदा हुई क्षेत्रीय पार्टियाँ कांग्रेस को धमकाने में तनिक भी देरी नहीं कर रही। पिछली सरकार यानि यूपीए सरकार के चलते समाजवादी, बहुजन समाजवादी, अपने घोटालों पर कार्यवाही होने से बचने के लिए कांग्रेस की हर उचित-अनुचित मांग को पूरा करने में जरा भी संकोच नहीं करती थी, आज वही पार्टियाँ उसी कांग्रेस को धमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही। आलम यह है कि कांग्रेस राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए मुंगेरी लाल के हसीन सपनों के सब्जबाग संजो रही है।   
बहुजन समाज पार्टी नेता मायावती के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को तेवर दिखाए हैं। अखिलेश यादव ने नवम्बर 18 को कांग्रेस पार्टी को चेताते हुए कहा कि अगर कांग्रेस उन्हें सफल होने से रोकती है, तो वो उनसे 'दोस्ती' तोड़ देंगे। अखिलेश ने छ्त्तीसगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस को ये संकेत दिए
अखिलेश ने कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी को बताना चाहता हूं कि जब वे सबसे कमजोर होंगे, तो समाजवादी पार्टी उनकी सबसे करीब दोस्त होंगी। लेकिन, ये कांग्रेस नेता नहीं चाहते कि 'साइकिल' सफल हो। इसलिए, हमने फैसला किया है कि अगर आप 'साइकिल' को रोकने की कोशिश करते हैं, तो हम हैंडिल से आपका हाथ हटा देंगे और कंट्रोल किसी अन्य पार्टी का हो जाएगा।' 
कांग्रेस के लिए 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ये बड़ा झटका हो सकता है। मायावती ने पहले ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया और अब अखिलेश ने भी अपने तेवर कांग्रेस को दिखाने शुरू कर दिए हैं।
छत्तीसगढ़ में अजित जोगी की अगुवाई वाली जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही मायावती ने हाल ही में चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनका गठजोड़ भाजपा या कांग्रेस से गठबंधन करने के बजाय विपक्ष में बैठना पसंद करेगा।
प्रदेश की 90 में से 55 सीटों पर जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) और 35 सीटों पर बसपा ने अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं। गठबंधन के तहत यह भी एलान किया गया है कि अगर बहुमत मिला तो जोगी मुख्यमंत्री होंगे।
mayawati भाजपा और कांग्रेस से कोई समझौता नहीं: मायावती 
छत्तीसगढ़ में अजित जोगी की अगुवाई वाली जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनका गठजोड़ भाजपा या कांग्रेस से गठबंधन करने के बजाय विपक्ष में बैठना पसंद करेगा।
मायावती ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बसपा और जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलेगा। ऐसे में सरकार बनाने के लिये किसी अन्य दल से समर्थन लेने की कल्पना नहीं की जा सकती।उन्होंने कहा 'हमें और अजित जोगी जी को (पूर्ण बहुमत मिलने का) पूरा भरोसा है, मगर जहां तक भाजपा और कांग्रेस से गठबंधन की बात है तो ऐसा करने के बजाय हम विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे।'

जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे)-बसपा गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार जोगी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि राजनीति में किसी भी सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिये कुछ भी हो सकता है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं बनेगी।उनसे पूछा गया था कि अगर जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे)-बसपा गठबंधन छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाता है, तो क्या वह भाजपा का साथ लेंगे। 
जोगी के इसी बयान पर मायावती ने आज प्रतिक्रिया दी है। बसपा प्रमुख ने कहा कि बसपा- जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) गरीबों, किसानों, मजदूरों, दलितों और पिछड़ों को मजबूत करने के लिये काम कर रही हैं जबकि भाजपा और कांग्रेस इन तबकों की हितैषी कतई नहीं हैं। इन वर्गों के मामले में ये दोनों पार्टियां ‘सांपनाथ’ और ‘नागनाथ’ हैं। इनका साथ लेने का सवाल ही नहीं होता। 

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