'सेना की हो तैनाती'-- अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav on Ram Templeअयोध्या में राम मंदिर का मामला लगातार गरमा रहा है। रामलला की जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने जहां 25 नवंबर को जो धर्मसभा बुलाई है, वहीं शनिवार को अयोध्या पहुंच रहे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे यहां लक्ष्मणकिला परिसर में संतों व आचार्यों का पूजन करेंगे। रामनगरी में करीब चार हजार शिवसैनिक विशेष आरक्षित ट्रेन से पहुंचेंगे। उनके आगमन को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन सहित रेलवे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं।अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए शिवसेना एवं हिंदू संगठनों की मुहिम को जोर पकड़ते देख विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि योगी सरकार 25 नवंबर को अयोध्या में प्रस्तावित 'मंदिर मार्च' पर रोक लगाए। इस बीच, शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने शुक्रवार(नवंबर 23) को 'उकसाने' वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद 17 मिनट में तोड़ दी गई। शिवसेना नेता के इस बयान के राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि फैजाबाद-अयोध्या के माहौल को देखते हुए वहां सेना की तैनाती होनी चाहिए। 
ये वही अखिलेश यादव हैं, जिनके पिता मुलायम सिंह यादव ने निहत्ते कारसेवकों पर गोलियां चलवा दी थी। ये तुष्टिकरण और मुग़ल पुजारी आखिर तक राममंदिर का विरोध करते रहेंगे। इनकी रोजी-रोटी का साधन तुष्टिकरण और मुग़ल गुणगान ही है। 1992 में विवादित ढांचा गिरने पर भाजपा, विहिप,शिव सेना, बजरंग दल और रामजन्मभूमि मंदिर के पक्षकारो को आरोपित करते रहे, लेकिन बाबर के वशंको द्वारा इतने मंदिर तोड़े जाने पर इन सबकी बोलती आज तक बंद है। मंदिर टूटता है टूट जाये, परन्तु मस्जिद को कुछ नहीं होना चाहिए। क्योकि मस्जिद से ही इनका लालन-पालन होता है, किसी मंदिर से नहीं। हिन्दू मतदाताओं को चाहिए, "चाहे कुछ भी हो जाए, किसी भी मंदिर विरोधी को वोट न दें।"  
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोगों को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, 'भाजपा के लोगों को न तो सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है न संविधान पर। भाजपा अपने स्वार्थ के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। मैं सोचता हूं कि उत्तर प्रदेश के एक जिले खासकर फैजाबाद और अयोध्या में जैसा माहौल है उसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। जरूरत पड़े तो शांति के लिए वहां सेना की तैनाती की जाए क्योंकि भाजपा और उसके सहयोगी किसी भी सीमा तक जा सकते हैं।'


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BJP ke logo ko na SC pe bharosa hai naa samvidhaan pe: Akhilesh Yadav, Fmr U.P CM |
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि भाजपा का राम मंदिर से कोई वास्ता नहीं है। कांग्रेस नेता एवं प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, 'भाजपा को न तो भगवान राम से कोई लेना-देना है और ना राम-मंदिर से। इनके लिए राम मंदिर आस्था का प्रश्न नहीं है। भाजपा के लिए राम मंदिर केवल वोट बटोरने की मशीन है।' तिवारी ने कहा कि जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं भाजपा राम मंदिर का मुद्दा उठाती रहती है।


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BJP ke logo ke naa Bhagwan Ram se lena dena hai aur naa Ram Mandir se: Manish Tiwari, Congress
संजय राउत ने शुक्रवार को कहा, 'हमने 17 मिनट में बाबरी मस्जिद तोड़ दी तो कानून बनाने में कितना समय लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर यूपी तक भाजपा की सरकार है। राज्य सभा में ऐसे बहुत सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़ें रहेंगे जो विरोध करेगा उसका देश में घूमना मुश्किल होगा।' 
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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की अपनी मुहिम को धार देने में लगी शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि बाबरी मस्जिद को तोड़.....

प्रयागराज से खबर है कि रामलला की जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के लिए विश्व हिदू परिषद ने 25 नवंबर को जो धर्मसभा बुलाई है, उसे प्रयाग व काशी से भी भरपूर शक्ति मिलेगी। काशी प्रांत से एक लाख रामभक्त अयोध्या पहुंचने की तैयारी में हैं। हालात सामान्य रहें या विपरीत, रामभक्तों का रेला नहीं थमेगा। इसकी रणनीति संघ ने बना ली है। प्रांत प्रचार प्रमुख रमेश तैयारियों व रणनीतिक बैठकों पर नजर बनाए हुए हैं। विहिप के इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विभिन्न संगठनों ने पूरी ताकत लगा दी है। संघ के काशी प्रांत के प्रचार प्रमुख रमेश इसके लिए प्रयागराज समेत अनेक जिलों में बैठकें कर चुके हैं।
संघ की तैयारी है कि एक लाख रामभक्त अयोध्या पहुंचें। प्रयागराज से 20 हजार लोगों को ले जाने की तैयारी है। इसके लिए वाहन भी बुक किए गए हैं। सार्वजनिक परिवहन या निजी वाहनों से जाने वालों के नाम भी तय किए जा चुके हैं। प्रयाग विभाग (प्रयागराज महानगर, यमुनापार, गंगापार और कौशांबी) में विभाग कार्यवाह गंगादत्त जोशी, विभाग प्रचारक कृष्णचंद्र बसों और गाड़ियों से लेकर प्रवेशिका (एंट्री कार्ड) तक का इंतजाम कर रहे हैं। गोपनीय बैठकों का दौर भी जारी है।
यमुनापार जिले से रामभक्त 24 नवंबर को ही रवाना हो जाएंगे। एक हजार कार्यकर्ता पैसेंजर ट्रेन से जाएंगे। यह सभी प्रयाग स्टेशन पर एकत्र हो संघ की प्रार्थना कर अयोध्या के लिए कूच करेंगे।
आरएसएस के प्रयाग विभाग के प्रचार प्रमुख मुरारजी त्रिपाठी के मुताबिक, अयोध्या में राममंदिर की प्रबल आकांक्षा है, इसलिए कार्यकर्ता हर हाल में अयोध्या पहुंचेंगे। इसके लिए सारी तैयारी हो चुकी है। मंदिर निर्माण ही देश की अपेक्षा की पूर्ति है।
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर विवाद पर सुनवाई टलने के बाद अयोध्या में राजनीतिक दलों एवं हिंदू संगठनों की गहमागहमी काफी बढ़ गई है। विश्व हिंदू परिषद ने 25 नवंबर को अयोध्या में 'धर्मसभा' का आयोजन किया है। इसी दिन शिवसेना प्रमुख अपने समर्थकों के साथ अयोध्या पहुंच रहे हैं। उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में आज एक लेख भी लिखा है जिसमें बीजेपी पर भी निशाना साधा गया है।

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