
ये वही अखिलेश यादव हैं, जिनके पिता मुलायम सिंह यादव ने निहत्ते कारसेवकों पर गोलियां चलवा दी थी। ये तुष्टिकरण और मुग़ल पुजारी आखिर तक राममंदिर का विरोध करते रहेंगे। इनकी रोजी-रोटी का साधन तुष्टिकरण और मुग़ल गुणगान ही है। 1992 में विवादित ढांचा गिरने पर भाजपा, विहिप,शिव सेना, बजरंग दल और रामजन्मभूमि मंदिर के पक्षकारो को आरोपित करते रहे, लेकिन बाबर के वशंको द्वारा इतने मंदिर तोड़े जाने पर इन सबकी बोलती आज तक बंद है। मंदिर टूटता है टूट जाये, परन्तु मस्जिद को कुछ नहीं होना चाहिए। क्योकि मस्जिद से ही इनका लालन-पालन होता है, किसी मंदिर से नहीं। हिन्दू मतदाताओं को चाहिए, "चाहे कुछ भी हो जाए, किसी भी मंदिर विरोधी को वोट न दें।"
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोगों को सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, 'भाजपा के लोगों को न तो सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है न संविधान पर। भाजपा अपने स्वार्थ के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। मैं सोचता हूं कि उत्तर प्रदेश के एक जिले खासकर फैजाबाद और अयोध्या में जैसा माहौल है उसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। जरूरत पड़े तो शांति के लिए वहां सेना की तैनाती की जाए क्योंकि भाजपा और उसके सहयोगी किसी भी सीमा तक जा सकते हैं।'
BJP ke logo ko na SC pe bharosa hai naa samvidhaan pe: Akhilesh Yadav, Fmr U.P CM | #SenaMandirProvocation
BJP ke logo ke naa Bhagwan Ram se lena dena hai aur naa Ram Mandir se: Manish Tiwari, Congress #SenaMandirProvocation
अवलोकन करें:--
संघ की तैयारी है कि एक लाख रामभक्त अयोध्या पहुंचें। प्रयागराज से 20 हजार लोगों को ले जाने की तैयारी है। इसके लिए वाहन भी बुक किए गए हैं। सार्वजनिक परिवहन या निजी वाहनों से जाने वालों के नाम भी तय किए जा चुके हैं। प्रयाग विभाग (प्रयागराज महानगर, यमुनापार, गंगापार और कौशांबी) में विभाग कार्यवाह गंगादत्त जोशी, विभाग प्रचारक कृष्णचंद्र बसों और गाड़ियों से लेकर प्रवेशिका (एंट्री कार्ड) तक का इंतजाम कर रहे हैं। गोपनीय बैठकों का दौर भी जारी है।
यमुनापार जिले से रामभक्त 24 नवंबर को ही रवाना हो जाएंगे। एक हजार कार्यकर्ता पैसेंजर ट्रेन से जाएंगे। यह सभी प्रयाग स्टेशन पर एकत्र हो संघ की प्रार्थना कर अयोध्या के लिए कूच करेंगे।
आरएसएस के प्रयाग विभाग के प्रचार प्रमुख मुरारजी त्रिपाठी के मुताबिक, अयोध्या में राममंदिर की प्रबल आकांक्षा है, इसलिए कार्यकर्ता हर हाल में अयोध्या पहुंचेंगे। इसके लिए सारी तैयारी हो चुकी है। मंदिर निर्माण ही देश की अपेक्षा की पूर्ति है।
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर विवाद पर सुनवाई टलने के बाद अयोध्या में राजनीतिक दलों एवं हिंदू संगठनों की गहमागहमी काफी बढ़ गई है। विश्व हिंदू परिषद ने 25 नवंबर को अयोध्या में 'धर्मसभा' का आयोजन किया है। इसी दिन शिवसेना प्रमुख अपने समर्थकों के साथ अयोध्या पहुंच रहे हैं। उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में आज एक लेख भी लिखा है जिसमें बीजेपी पर भी निशाना साधा गया है।
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