अयोध्या में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। एडीजीपी और डीआईजी स्तर का एक अधिकारी, एसपी स्तर के तीन, एएसपी स्तर के 10, डीएसपी स्तर के 21, इंस्पेक्टर स्तर के 160, 700 कॉन्सेटबल के साथ पीएसी की 42 कंपनियां, आरएएफ की पांच, एटीएस कंमाडो के साथ साथ ड्रोन कैमरों की तैनाती की जा चुकी है।
अयोध्या के डीएम अनिल कुमार ने कहा कि प्रशासन लगातार स्थानीय लोगों के संपर्क में है। अयोध्या में न तो किसी तरह डर का माहौल है और न ही किसी को डरने की जरूरत है। शिवसेना और वीएचपी दोनों को कार्यक्रम करने की इजाजत दी गई है। उन लोगों ने प्रशासन से स्पष्ट किया है कि उनके कार्यक्रम की वजह से किसी तरह की अव्यवस्था नहीं होगी।
शिवसेना ने चलो अयोध्या अभियान के तहत अपने समर्थकों को अयोध्या आने का आह्वान किया है। इस संबंध में मुंबई से हजारों की संख्या में शिवसेना कार्यकर्ता अयोध्या की तरफ कूच कर चुके हैं। शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी राम मंदिर निर्माण के समर्थन में अयोध्या जाने वाले हैं।
शिवसेना के चलो अयोध्या अभियान के अलावा विश्व हिंदू परिषद का धर्म संसद या धर्म सभा आयोजित कर रही है। विहिप के नेताओं ने कहा था कि आखिर ये समझ के बाहर है जब उनका कार्यक्रम पहले से तय था तो शिवसेना के लोगों ने 25 नवंबर का दिन चलो अयोध्या के लिए क्यों चूना। विहिप का ये भी कहना है कि पर प्रांतियों के साथ शिवसेना का व्यवहार किस तरह का था। ये सबके जेहन में ताजा है।
अवलोकन करें:-
अयोध्या के डीएम अनिल कुमार ने कहा कि प्रशासन लगातार स्थानीय लोगों के संपर्क में है। अयोध्या में न तो किसी तरह डर का माहौल है और न ही किसी को डरने की जरूरत है। शिवसेना और वीएचपी दोनों को कार्यक्रम करने की इजाजत दी गई है। उन लोगों ने प्रशासन से स्पष्ट किया है कि उनके कार्यक्रम की वजह से किसी तरह की अव्यवस्था नहीं होगी।
शिवसेना ने चलो अयोध्या अभियान के तहत अपने समर्थकों को अयोध्या आने का आह्वान किया है। इस संबंध में मुंबई से हजारों की संख्या में शिवसेना कार्यकर्ता अयोध्या की तरफ कूच कर चुके हैं। शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी राम मंदिर निर्माण के समर्थन में अयोध्या जाने वाले हैं।
शिवसेना के चलो अयोध्या अभियान के अलावा विश्व हिंदू परिषद का धर्म संसद या धर्म सभा आयोजित कर रही है। विहिप के नेताओं ने कहा था कि आखिर ये समझ के बाहर है जब उनका कार्यक्रम पहले से तय था तो शिवसेना के लोगों ने 25 नवंबर का दिन चलो अयोध्या के लिए क्यों चूना। विहिप का ये भी कहना है कि पर प्रांतियों के साथ शिवसेना का व्यवहार किस तरह का था। ये सबके जेहन में ताजा है।
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