आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
मुगलवाद को जिस तरह भारत में ज़िंदा रखा जा रहा है और वोट के भूखे नेता कट्टरपंथियों के आगे शीश झुकाते हैं, विश्व में भारत को एक मजाक बना दिया है, विश्व इन करतूतों की वजह से हम पर हँसता है। मक्का जिसे इस्लाम का तीर्थ कहा जाता है, भारत में मुगलों के हिमायती जवाब दें कि मक्का में बनी बिलाल मस्जिद कहाँ है? जहाँ सजदा किए बिना हज पूरा नहीं होता था। किसी माई के लाल में हिम्मत है, सऊदी सरकार के विरुद्ध एक लब्ज़ निकाल सकें। भारत में मुगलों के लिए विधवा-विलाप करने वाले सऊदी सरकार के विरुद्ध मुँह खोलने का अर्थ भलीभाँति जानते है कि कहीं हमारे हज के जाने पर वहाँ की सरकार प्रतिबन्ध न लगा दे। भारत में ही कह सकते हैं "हमारा सिर सिर्फ अल्लाह के आगे झुकता है, किसी और के आगे नहीं", अब कोई इनसे पूछे सऊदी सरकार के विरुद्ध क्यों नहीं ? सऊदी सरकार के आगे झुक गया न सिर, इससे बड़ा प्रमाण और क्या चाहिए?
दूसरे यह कि भाजपा, शिव सेना, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और रामजन्मभूमि न्यास सभी अयोध्या में रामजन्मस्थान पर मन्दिर बनाने के लिए संघर्षरत हैं, न जाने कितने लाल अपने परिवारों से बिछड़ गए, लेकिन आज तक बाबरी मस्जिद एक्शन समिति या बाबरी मस्जिद के किसी भी हिमायती ने अयोध्या जाकर मस्जिद बनवाने का आव्हान नहीं किया? नहीं, कर भी नहीं सकते, क्योकि सच्चाई जानते हैं, कि मुग़ल बाबर द्वारा मंदिर को तोड़ मस्जिद बनाई गयी थी। फिर खुदाई में मिले मन्दिर के समस्त सबूतों--मात्र एक खम्बे-- को कोर्ट से छिपा लिया गया। वह इसलिए अगर कोर्ट के समक्ष सच्चाई प्रस्तुत कर दी गयी, भव्य राममन्दिर कभी का बन गया होता, लेकिन इन सब छद्दम धर्म-निरपेक्षों को हो रही कमाई बंद होने पर इनकी दुकाने यानि पार्टियाँ समाप्त होने पर इन्हे रोटी के लाले पड़ गए होते।
चर्चा यह भी चल रही, यदि राममन्दिर बनने पर इन छद्दम धर्म-निरपेक्ष, #metoo, #mob lynching, #not in my name, #intolerence आदि ने किसी तरह का दंगा किया, फिर वह दिन भी दूर नहीं होगा, कि जब अयोध्या के साथ-साथ मथुरा, काशी, दिल्ली की जामा मस्जिद, हुमायूँ मकबरा, ताज महल,आदि हज़ारों इस्लामिक स्थल पर भी दावेदारी चरम सीमा पर न पहुँच जाए।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज (24 नवंबर) राम नगरी अयोध्या पहुंच रहे हैं. वह अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान 3 बजे साधु संतों से मिलेंगे. साथ ही 6 बजे सरयू घाट पर आरती में शामिल होंगे. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी और बेटे आदित्य ठाकरे भी साथ रहेंगे. 25 नवंबर को वह सुबह 9 बजे राम जन्मभूमि में रामलला के दर्शन करेंगे. शिवसेना के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दो ट्रेनों में शिवसैनिक अयोध्या पहुंच चुके हैं. पहली ट्रेन कल पहुंची थी और दूसरी ट्रेन शनिवार सुबह करीब 07:15 बजे अयोध्या पहुंची है.
रविवार को विहिप का कार्यक्रम
इसके अलावा रविवार को अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की तरफ धर्मसभा का आयोजन किया गया है. शिवसेना प्रमुख के कार्यक्रम को देखते हुए अयोध्या की चाकचौबंद कर दी गई है. शनिवार को अयोध्या के सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रखे गए हैं. साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है.
बड़ी संंख्या में सुरक्षा बल तैनात
शनिवार को शिवसेना का अयोध्या में कार्यक्रम है, जिसमें पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे पहुंच रहे हैं. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हजारों शिवसैनिक ट्रेन और अन्य साधनों से अयोध्या पहुंचने लगे हैं. अयोध्या में किसी तरह का बवाल न हो इसके लिए सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. शहर की सुरक्षा की जिम्मेदारी ADGP स्तर के पुलिस अधिकारी को सौंपी गई है. इसके अलावा 3 SSP, 10 ASP, 21 DSP, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबल, PAC की 42 कंपनी, RAF की 5 कंपनी, ATS कमांडो को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है. ड्रोन कैमरे की मदद से हर जगह की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.
डरने की जरूरत नहीं : प्रशासन
अयोध्या के कलेक्टर अनिल कुमार ने कहा कि हम स्थानीय लोगों से लगातार संपर्क में हैं. भय का माहौल बिल्कुल भी नहीं है. शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद का कार्यक्रम प्रशासन की अनुमति के बाद आयोजित किया गया है. प्रशासन की शर्तों पर सभी कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, इसलिए डरने जैसी कोई बात नहीं है. सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार को तीन और IPS अधिकारी को अयोध्या में तैनात किया गया है. जोन के सभी अधिकारी 24 घंटे कैंप लगाकर और घूम-घूम कर निगरानी करेंगे.
लोगों ने रोजमर्रा का सामान एकत्र किया
चारों तरफ कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. हालांकि, कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय में खौफ का माहौल है. कुछ लोगों ने शुक्रवार को ही घर के सभी जरूरी सामानों का स्टॉक कर लिया है. उन्होंने राशन, फल, सब्जी और दवाओं का स्टॉक कर लिया है. हर कोई अपने-अपने घरों में सुरक्षित हो चुके हैं. कई लोगों को इस बात का डर है कि कहीं 6 दिसंबर 1992 की घटना फिर से न घटित हो जाए.
इस बीच विहिप और शिवसेना की बढ़ती हुई गतिविधियों को देखते हुए राम मंदिर मामले में एक पक्षकार इकबाल अंसारी ने प्रशासन से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने अयोध्या के एसपी सिटी को फोन कर 24 और 25 नवंबर के लिए सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.
उद्धव ठाकरे का यह है प्लान
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 24 नवंबर को दोपहर 2 बजे अयोध्या हवाई पट्टी पहुंचेंगे. 3 बजे वे लक्ष्मण किला जाएंगे, जिसके बाद वे श्री विद्वत संत पूजन एवं आशीर्वादोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे. शाम 5:15 बजे नया घाट पर सरयू आरती में वे शामिल होंगे. 25 नवंबर को वे सुबह 9 बजे राम जन्मभूमि में रामलला के दर्शन करेंगे. दोपहर 12 बजे अयोध्या में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. उसके बाद दोपहर 1 बजे वे जनसंवाद करेंगे. 3 बजे वे वापस हवाई पट्टी के लिए रवाना होंगे, जहां से वे मुंबई के लिए निकल जाएंगे.
छावनी में तब्दील हुई अयोध्या
कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. अयोध्या में धारा 144 लगाई जा चुकी है. आज अयोध्या में स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. शहर की करीब 50 स्कूलों में सुरक्षाबलों के कैंप लगाए गए हैं. लखनऊ में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 क्षेत्राधिकारी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबिल, पीएसी की 42 कंपनी, आरएएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं. इसके अलावा, एटीएस के कमांडो और ड्रोन कैमरे भी निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं.
चारों तरफ कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. हालांकि, कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय में खौफ का माहौल है. कुछ लोगों ने शुक्रवार को ही घर के सभी जरूरी सामानों का स्टॉक कर लिया है. उन्होंने राशन, फल, सब्जी और दवाओं का स्टॉक कर लिया है. हर कोई अपने-अपने घरों में सुरक्षित हो चुके हैं. कई लोगों को इस बात का डर है कि कहीं 6 दिसंबर 1992 की घटना फिर से न घटित हो जाए. आज (शनिवार) को अयोध्या में स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. शहर की करीब 50 स्कूलों में सुरक्षाबलों के कैंप लगाए गए हैं.
अयोध्या में सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक न हो इसलिए अधिकारी अलर्ट है. अयोध्या के डीएम अनिल कुमार ने कहा कि प्रशासन लगातार स्थानीय लोगों के संपर्क में है. वहां किसी भी तरह के डर का मौहाल नहीं है. डीएम ने वहां के लोगों को भरोसा दिलाया कि किसी को भी डरने की जरूरत है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि शिवसेना और वीएचपी दोनों को कार्यक्रम करने की इजाजत दी गई है. दोनों की ओर से आश्वासन दिया गया है कि उनके कार्यक्रम की वजह से किसी तरह की अव्यवस्था नहीं होगी।
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हमने 17 मिनट में बाबरी मस्जिद तोड़ दी थी, तो कानून बनाने में कितना समय लगता है?--संजय राउत
राम मंदिर को लेकर सियासत तेज हो गई है. इस बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि हमने 17 मिनट में बाबरी मस्जिद तोड़ दी थी, तो कानून बनाने में कितना समय लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक बीजेपी की सरकार है. राज्यसभा में भी कई ऐसे सांसद हैं तो राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं. जो सांसद इसका विरोध करेंगे उनका देश में घूमना मुश्किल हो जाएगा.
संजय राउत ने कहा कि पीएम मोदी चाहें तो कुछ भी हो सकता है. वो चाहें तो राम मंदिर जरूर बनेगा. गुरुवार तक अफवाहें फैलाई जा रही थी कि क्या उद्धव जी का आगमन होगा की नहीं. मैं बता देना चाहता हूं कि शनिवार दोपहर 2 बजे उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंच रहे हैं. सभी लोगों ने उनकी अयोध्या यात्रा का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हमारा इस भूमि से बहुत ही भावनात्मक रूप से नाता जुड़ गया है जो हम कायम रखना चाहते हैं. इसी भावना को कायम रखने के लिए उद्धव ठाकरे अयोध्या आ रहे हैं.
संजय राउत ने कहा कि हमने कभी किसी रैली के लिए कोई परमिशन नहीं मांगी है. उनके आने से राम मंदिर निर्माण को गति मिलेगी. अब दबाव में आकर राम मंदिर का निर्माण कराना पड़ेगा. अगर नोटबंदी हो सकता है तो राम मंदिर बनने में क्या हर्ज है?
उन्होंने कहा कि हमने संसद में इसके लिए अध्यादेश लाने की सूचना सरकार को दी है. सरकार की तरफ से कानून बनना चाहिए और कानून के तहत राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए. संजय राउत ने कहा कि अगर बहुमत के बाद भी राम मंदिर नहीं बन पाया और 2019 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का नारा फिर से लगाकर चुनाव में उतरे, ये उद्धव ठाकरे को मंजूर नहीं है. इसलिए, उन्होंने नारा बनाया है, 'पहले मंदिर फिर सरकार'.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर 25 नवंबर को अयोध्या का दौरा करेंगे. संपादकीय में लिखा है, "हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं." शिवसेना ने दावा किया कि उसने "चलो अयोध्या" का नारा नहीं दिया है. उसने कहा, "अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है. शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं."
संपादकीय में ये भी कहा गया है, "अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है. 1992 में बालासाहेब के शिवसैनिकों ने रामजन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था. फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं. अयोध्या जा रहे शिवसैनिकों पर तोहमत लगाने की जगह सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तारीख बताकर संदेह खत्म करना चाहिए."
संपादकीय में कहा गया है कि "आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी."
मुगलवाद को जिस तरह भारत में ज़िंदा रखा जा रहा है और वोट के भूखे नेता कट्टरपंथियों के आगे शीश झुकाते हैं, विश्व में भारत को एक मजाक बना दिया है, विश्व इन करतूतों की वजह से हम पर हँसता है। मक्का जिसे इस्लाम का तीर्थ कहा जाता है, भारत में मुगलों के हिमायती जवाब दें कि मक्का में बनी बिलाल मस्जिद कहाँ है? जहाँ सजदा किए बिना हज पूरा नहीं होता था। किसी माई के लाल में हिम्मत है, सऊदी सरकार के विरुद्ध एक लब्ज़ निकाल सकें। भारत में मुगलों के लिए विधवा-विलाप करने वाले सऊदी सरकार के विरुद्ध मुँह खोलने का अर्थ भलीभाँति जानते है कि कहीं हमारे हज के जाने पर वहाँ की सरकार प्रतिबन्ध न लगा दे। भारत में ही कह सकते हैं "हमारा सिर सिर्फ अल्लाह के आगे झुकता है, किसी और के आगे नहीं", अब कोई इनसे पूछे सऊदी सरकार के विरुद्ध क्यों नहीं ? सऊदी सरकार के आगे झुक गया न सिर, इससे बड़ा प्रमाण और क्या चाहिए?
दूसरे यह कि भाजपा, शिव सेना, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और रामजन्मभूमि न्यास सभी अयोध्या में रामजन्मस्थान पर मन्दिर बनाने के लिए संघर्षरत हैं, न जाने कितने लाल अपने परिवारों से बिछड़ गए, लेकिन आज तक बाबरी मस्जिद एक्शन समिति या बाबरी मस्जिद के किसी भी हिमायती ने अयोध्या जाकर मस्जिद बनवाने का आव्हान नहीं किया? नहीं, कर भी नहीं सकते, क्योकि सच्चाई जानते हैं, कि मुग़ल बाबर द्वारा मंदिर को तोड़ मस्जिद बनाई गयी थी। फिर खुदाई में मिले मन्दिर के समस्त सबूतों--मात्र एक खम्बे-- को कोर्ट से छिपा लिया गया। वह इसलिए अगर कोर्ट के समक्ष सच्चाई प्रस्तुत कर दी गयी, भव्य राममन्दिर कभी का बन गया होता, लेकिन इन सब छद्दम धर्म-निरपेक्षों को हो रही कमाई बंद होने पर इनकी दुकाने यानि पार्टियाँ समाप्त होने पर इन्हे रोटी के लाले पड़ गए होते।
चर्चा यह भी चल रही, यदि राममन्दिर बनने पर इन छद्दम धर्म-निरपेक्ष, #metoo, #mob lynching, #not in my name, #intolerence आदि ने किसी तरह का दंगा किया, फिर वह दिन भी दूर नहीं होगा, कि जब अयोध्या के साथ-साथ मथुरा, काशी, दिल्ली की जामा मस्जिद, हुमायूँ मकबरा, ताज महल,आदि हज़ारों इस्लामिक स्थल पर भी दावेदारी चरम सीमा पर न पहुँच जाए।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज (24 नवंबर) राम नगरी अयोध्या पहुंच रहे हैं. वह अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान 3 बजे साधु संतों से मिलेंगे. साथ ही 6 बजे सरयू घाट पर आरती में शामिल होंगे. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी और बेटे आदित्य ठाकरे भी साथ रहेंगे. 25 नवंबर को वह सुबह 9 बजे राम जन्मभूमि में रामलला के दर्शन करेंगे. शिवसेना के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दो ट्रेनों में शिवसैनिक अयोध्या पहुंच चुके हैं. पहली ट्रेन कल पहुंची थी और दूसरी ट्रेन शनिवार सुबह करीब 07:15 बजे अयोध्या पहुंची है.
रविवार को विहिप का कार्यक्रम
इसके अलावा रविवार को अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की तरफ धर्मसभा का आयोजन किया गया है. शिवसेना प्रमुख के कार्यक्रम को देखते हुए अयोध्या की चाकचौबंद कर दी गई है. शनिवार को अयोध्या के सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रखे गए हैं. साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है.
बड़ी संंख्या में सुरक्षा बल तैनात
शनिवार को शिवसेना का अयोध्या में कार्यक्रम है, जिसमें पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे पहुंच रहे हैं. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हजारों शिवसैनिक ट्रेन और अन्य साधनों से अयोध्या पहुंचने लगे हैं. अयोध्या में किसी तरह का बवाल न हो इसके लिए सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. शहर की सुरक्षा की जिम्मेदारी ADGP स्तर के पुलिस अधिकारी को सौंपी गई है. इसके अलावा 3 SSP, 10 ASP, 21 DSP, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबल, PAC की 42 कंपनी, RAF की 5 कंपनी, ATS कमांडो को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है. ड्रोन कैमरे की मदद से हर जगह की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.
डरने की जरूरत नहीं : प्रशासन
अयोध्या के कलेक्टर अनिल कुमार ने कहा कि हम स्थानीय लोगों से लगातार संपर्क में हैं. भय का माहौल बिल्कुल भी नहीं है. शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद का कार्यक्रम प्रशासन की अनुमति के बाद आयोजित किया गया है. प्रशासन की शर्तों पर सभी कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, इसलिए डरने जैसी कोई बात नहीं है. सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार को तीन और IPS अधिकारी को अयोध्या में तैनात किया गया है. जोन के सभी अधिकारी 24 घंटे कैंप लगाकर और घूम-घूम कर निगरानी करेंगे.
लोगों ने रोजमर्रा का सामान एकत्र किया
चारों तरफ कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. हालांकि, कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय में खौफ का माहौल है. कुछ लोगों ने शुक्रवार को ही घर के सभी जरूरी सामानों का स्टॉक कर लिया है. उन्होंने राशन, फल, सब्जी और दवाओं का स्टॉक कर लिया है. हर कोई अपने-अपने घरों में सुरक्षित हो चुके हैं. कई लोगों को इस बात का डर है कि कहीं 6 दिसंबर 1992 की घटना फिर से न घटित हो जाए.
इस बीच विहिप और शिवसेना की बढ़ती हुई गतिविधियों को देखते हुए राम मंदिर मामले में एक पक्षकार इकबाल अंसारी ने प्रशासन से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने अयोध्या के एसपी सिटी को फोन कर 24 और 25 नवंबर के लिए सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.
उद्धव ठाकरे का यह है प्लान
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 24 नवंबर को दोपहर 2 बजे अयोध्या हवाई पट्टी पहुंचेंगे. 3 बजे वे लक्ष्मण किला जाएंगे, जिसके बाद वे श्री विद्वत संत पूजन एवं आशीर्वादोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगे. शाम 5:15 बजे नया घाट पर सरयू आरती में वे शामिल होंगे. 25 नवंबर को वे सुबह 9 बजे राम जन्मभूमि में रामलला के दर्शन करेंगे. दोपहर 12 बजे अयोध्या में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. उसके बाद दोपहर 1 बजे वे जनसंवाद करेंगे. 3 बजे वे वापस हवाई पट्टी के लिए रवाना होंगे, जहां से वे मुंबई के लिए निकल जाएंगे.
छावनी में तब्दील हुई अयोध्या
कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. अयोध्या में धारा 144 लगाई जा चुकी है. आज अयोध्या में स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. शहर की करीब 50 स्कूलों में सुरक्षाबलों के कैंप लगाए गए हैं. लखनऊ में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 क्षेत्राधिकारी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबिल, पीएसी की 42 कंपनी, आरएएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं. इसके अलावा, एटीएस के कमांडो और ड्रोन कैमरे भी निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं.
चारों तरफ कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. हालांकि, कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय में खौफ का माहौल है. कुछ लोगों ने शुक्रवार को ही घर के सभी जरूरी सामानों का स्टॉक कर लिया है. उन्होंने राशन, फल, सब्जी और दवाओं का स्टॉक कर लिया है. हर कोई अपने-अपने घरों में सुरक्षित हो चुके हैं. कई लोगों को इस बात का डर है कि कहीं 6 दिसंबर 1992 की घटना फिर से न घटित हो जाए. आज (शनिवार) को अयोध्या में स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. शहर की करीब 50 स्कूलों में सुरक्षाबलों के कैंप लगाए गए हैं.
अयोध्या में सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक न हो इसलिए अधिकारी अलर्ट है. अयोध्या के डीएम अनिल कुमार ने कहा कि प्रशासन लगातार स्थानीय लोगों के संपर्क में है. वहां किसी भी तरह के डर का मौहाल नहीं है. डीएम ने वहां के लोगों को भरोसा दिलाया कि किसी को भी डरने की जरूरत है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि शिवसेना और वीएचपी दोनों को कार्यक्रम करने की इजाजत दी गई है. दोनों की ओर से आश्वासन दिया गया है कि उनके कार्यक्रम की वजह से किसी तरह की अव्यवस्था नहीं होगी।
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आखिर हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों करती है कांग्रेस? इस सच्चाई को जानने के लिए निम्न लेखों का अवलोकन करें :--
मुगलवाद को जिस तरह भारत में ज़िंदा रखा जा रहा है और वोट के भूखे नेता कट्टरपंथियों के आगे शीश झुकाते हैं, विश्व में भारत को एक मजाक बना दिया है, विश्व इन करतूतों की वजह से हम पर हँसता है। मक्का जिसे इस्लाम का तीर्थ कहा जाता है, भारत में मुगलों के हिमायती जवाब दें कि मक्का में बानी बिलाल मस्जिद कहाँ है? जहाँ सजदा किए बिना हज पूरा नहीं होता था। किसी माई के लाल में हिम्मत है, सऊदी सरकार के विरुद्ध एक लब्ज़ निकाल सकें। भारत में मुगलों के लिए विधवा-विलाप करने वाले सऊदी सरकार के विरुद्ध मुँह खोलने का अर्थ भलीभाँति जानते है कि कहीं हमारे हज के जाने पर वहाँ की सरकार प्रतिबन्ध न लगा दे। भारत में ही कह सकते हैं "हमारा सिर सिर्फ अल्लाह के आगे झुकता है, किसी और के आगे नहीं", अब कोई इनसे पूछे सऊदी सरकार के विरुद्ध क्यों नहीं ? सऊदी सरकार के आगे झुक गया न सिर, इससे बड़ा प्रमाण और क्या चाहिए?
हमने 17 मिनट में बाबरी मस्जिद तोड़ दी थी, तो कानून बनाने में कितना समय लगता है?--संजय राउत
राम मंदिर को लेकर सियासत तेज हो गई है. इस बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि हमने 17 मिनट में बाबरी मस्जिद तोड़ दी थी, तो कानून बनाने में कितना समय लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक बीजेपी की सरकार है. राज्यसभा में भी कई ऐसे सांसद हैं तो राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं. जो सांसद इसका विरोध करेंगे उनका देश में घूमना मुश्किल हो जाएगा.
संजय राउत ने कहा कि पीएम मोदी चाहें तो कुछ भी हो सकता है. वो चाहें तो राम मंदिर जरूर बनेगा. गुरुवार तक अफवाहें फैलाई जा रही थी कि क्या उद्धव जी का आगमन होगा की नहीं. मैं बता देना चाहता हूं कि शनिवार दोपहर 2 बजे उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंच रहे हैं. सभी लोगों ने उनकी अयोध्या यात्रा का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हमारा इस भूमि से बहुत ही भावनात्मक रूप से नाता जुड़ गया है जो हम कायम रखना चाहते हैं. इसी भावना को कायम रखने के लिए उद्धव ठाकरे अयोध्या आ रहे हैं.
संजय राउत ने कहा कि हमने कभी किसी रैली के लिए कोई परमिशन नहीं मांगी है. उनके आने से राम मंदिर निर्माण को गति मिलेगी. अब दबाव में आकर राम मंदिर का निर्माण कराना पड़ेगा. अगर नोटबंदी हो सकता है तो राम मंदिर बनने में क्या हर्ज है?
उन्होंने कहा कि हमने संसद में इसके लिए अध्यादेश लाने की सूचना सरकार को दी है. सरकार की तरफ से कानून बनना चाहिए और कानून के तहत राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए. संजय राउत ने कहा कि अगर बहुमत के बाद भी राम मंदिर नहीं बन पाया और 2019 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का नारा फिर से लगाकर चुनाव में उतरे, ये उद्धव ठाकरे को मंजूर नहीं है. इसलिए, उन्होंने नारा बनाया है, 'पहले मंदिर फिर सरकार'.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर 25 नवंबर को अयोध्या का दौरा करेंगे. संपादकीय में लिखा है, "हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं." शिवसेना ने दावा किया कि उसने "चलो अयोध्या" का नारा नहीं दिया है. उसने कहा, "अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है. शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं."
संपादकीय में ये भी कहा गया है, "अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है. 1992 में बालासाहेब के शिवसैनिकों ने रामजन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था. फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं. अयोध्या जा रहे शिवसैनिकों पर तोहमत लगाने की जगह सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तारीख बताकर संदेह खत्म करना चाहिए."
संपादकीय में कहा गया है कि "आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी."
देखिये पूरा खुलासा इस वीडियो में…
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