
सूत्रों के अनुसार, उद्धव राम मंदिर निर्माण के लिए महाराष्ट्र से अपने साथ चांदी की एक ईंट लेकर आ रहे हैं, जिसे वह संतों को सौंपेंगे।
उधर, वाराणसी से एक ट्रेन भी वीएचपी कार्यकर्ताओं को लेकर 2 बजे अयोध्या के लिए रवाना होगी। रविवार (25 नवंबर) को यहां वीएचपी धर्मसभा का आयोजन करेगी। दोनों कार्यक्रमों को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। प्रशासन ने करीब 70 हजार सुरक्षाकर्मियों को अयोध्या में तैनात किया है।
अवलोकन करें:--
दूसरे यह कि भाजपा, शिव सेना, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और रामजन्मभूमि न्यास सभी अयोध्या में रामजन्मस्थान पर मन्दिर बनाने के लिए संघर्षरत हैं, न जाने कितने लाल अपने परिवारों से बिछड़ गए, लेकिन आज तक बाबरी मस्जिद एक्शन समिति या बाबरी मस्जिद के किसी भी हिमायती ने अयोध्या जाकर मस्जिद बनवाने का आव्हान नहीं किया? नहीं, कर भी नहीं सकते, क्योकि सच्चाई जानते हैं, कि मुग़ल बाबर द्वारा मंदिर को तोड़ मस्जिद बनाई गयी थी। फिर खुदाई में मिले मन्दिर के समस्त सबूतों--मात्र एक खम्बे-- को कोर्ट...
See More
तुलसी वाटिका के सामने भगवानों के पोस्टरों की दुकान लगाने वाले शाह आलम ने कहा- हमारी तो कमाई ही राम से है। हमें रामभक्तों से कोई डर नहीं। उन्हीं के साथी जुबेर का कहना है कि यहां के लोगों से कोई डर नहीं। बाहरी लोगों से डर लगता है, जो राम के दर्शन नहीं.. राजनीति करने आते हैं।

राम मंदिर पर सियासत गरमाने के बीच शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर करीब 6 लाख श्रद्धालुओं ने अयोध्या में स्नान किया। अयोध्या की मस्जिदों में नमाज भी पढ़ी गई। अयोध्या वैसी ही थी, जैसी आम दिनों में रहती है। स्नान के बाद लोगों ने हनुमानगढ़ी में दर्शन किए और फिर राम लला के दर्शनों को गए। भीड़ की वजह से जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है, लेकिन लोगों से पूछने पर उन्होंने कहा- डर जैसी कोई बात नहीं है।
24-25 नवंबर के लिए क्या हैं हिंदू संगठनों की तैयारियां?
शिवसेना: उद्धव 2 बजे लक्ष्मण किला में संत आशीर्वाद सम्मेलन में शामिल होंगे। यहां राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, भाजपा सांसद लल्लू सिंह, भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता को भी बुलाया गया है। 2 विशेष ट्रेनें शिवसैनिकों को लेकर पहुंचेंगी। इनमें करीब 4 हजार शिवसैनिकों के आने की उम्मीद है। उद्धव की रैली को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है।
संघ और विहिप: रविवार( को धर्म सभा की तैयारियां पूरी हो गई हैं। भक्तमाल बगिया में होने कार्यक्रम का प्रबंधन इस बार संघ देख रहा है, विहिप सहयोग कर रही है। 100 बीघे के इस आयोजन स्थल पर देशभर से करीब 2 लाख लोगों के आने का अनुमान है। इनमें साधु, संत, विहिप-भाजपा-संघ के कार्यकर्ता होंगे। हालांकि, सभा के मंच पर साधु-संत बैठेंगे, कोई राजनेता नहीं।
शिवसेना, विहिप, संघ और हिंदू संगठनों का जमावड़ा क्यों?
वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल और संजय भटनागर कहते हैं- शिवसेना के लिए राम मंदिर मुद्दा टेस्ट है। वह महाराष्ट्र से बाहर भी निकलना चाहती है। मंदिर मुद्दे पर शिवसेना ने बढ़त हासिल कर ली तो 2019 के चुनावों में भाजपा के सामने शर्तें रखने की स्थिति में होगी। बाल ठाकरे के निधन के बाद अब तक भाजपा ने शिवसेना के मुद्दे उठाए भी और बढ़त भी हासिल की।
दोनों ने कहा- जहां तक बात धर्म सभा की है, तो ये भाजपा के लिए परीक्षा की तरह है। भाजपा यह देखना चाह रही है कि मंदिर मुद्दे में कितना दम है। 2019 चुनाव में ये कितना असर डालेगा और 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के नतीजे भी यह बता देंगे कि मंदिर मुद्दा और धर्म सभा का क्या असर रहा।
शिवसेना सांसद ने ऊद्धव के दौरे से एक दिन पहले कहा- शिवसैनिक अयोध्या आ रहे हैं, लेकिन भक्तों के तौर पर। ऊद्धव भी आ रहे हैं। हमारा विहिप और संघ से कोई टकराव नहीं है। बस, हमें धर्म सभा की जानकारी पहले से नहीं थी। हमारे मकसद में अंतर नहीं है, बस कार्यक्रम की तारीखें अलग हैं।
विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंपत राय ने कहा- हम संजय राउत के बयान से सहमत हैं। शिवसेना से टकराव जैसी कोई चीज नहीं है।
No comments:
Post a Comment