रामजन्मभूमि मन्दिर : संघ की संकल्प यात्रा का हुआ श्रीगणेश


RAM MANDIR
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सक्रियता खासी बढ़ गई हैं। राममन्दिर के लिए जन समर्थन जुटाने की कवायद दिल्ली से शुरू होगी, इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ दिल्ली के झंडेवालान मंदिर से संकल्प रथ यात्रा का आगाज करने जा रही है।blob:https://web.whatsapp.com/b97a23a2-be48-4030-9157-637c9359a1a5
Image may contain: 10 people, people standingयह यात्रा 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक निकाली जाएगी, कोशिश की जाएगी कि ये यात्रा पूरी दिल्ली में निकाली जाए। इसकी जिम्मेदारी स्वदेशी जागरण मंच को दी गई है जो आरएसएस का ही संगठन है।
इस रथयात्रा को 'संकल्प रथ यात्रा' नाम दिया गया है। यात्रा को राम मंदिर के निर्माण के जरिए के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद VHP पहले से ही इस मुद्दे पर पूरे देश में जन समर्थन जुटाने में जुटा है, इससे पहले भी विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में भव्य धर्म सभा की बैठक का आयोजन किया था।
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इससे पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर में हुंकार रैली में कहा था कि जल्द से जल्द अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कोर्ट के लिए राम मंदिर प्राथमिकता नहीं है।
कोर्ट को राम मंदिर पर जल्द फैसला देना चाहिए। उन्होंने कहा, न्याय में देरी भी न्याय न देने के समान है। उन्होंने कहा, सत्य और न्याय को टालते रहना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बन जाने के बाद सारे झगड़े खत्म हो जाएंगे। View image on Twitter


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The matter is in Court, the decision should be given early. It has also been proved that the Temple was there. Supreme Court is not giving priority to the case. Justice delayed is justice denied: RSS Chief Mohan Bhagwat at Hunkar Sabha in Nagpur.
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उन्होंने कहा था कि यह मुद्दा कोर्ट में है। निर्णय जल्दी दिया जाना चाहिए। इससे यह भी साबित होता है कि मंदिर वहां था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को प्राथमिकता नहीं दी। न्याय में देरी न्याय न देने के समान है। अगर किसी कारण अपनी व्यास्तता के कारण ये पता नहीं अपनी समाज के  संवेदना को ना जानने के कारण न्यायालय की प्राथमिकता नहीं है तो सरकार सोचे कि इस मंदिर को बनाने के लिए कानून कैसे आ सकता है और शीघ्र इस कानून को लाए। यही उचित है।
मोहन भागवत ने कहा था, राम मंदिर पर अब धैर्य का वक्त बीत गया है। राम मंदिर के लिए दृढ़ निश्चय और वीरता चाहिए। राम मंदिर के लिए कानून बनाने के लिए जन दबाव जरूरी है। राम मंदिर पर सरकार जल्द कानून बनाए। पूरे भारत को राम मंदिर के लिए खड़ा होना पड़ेगा।
न्याय में देरी का मतलब न्याय न मिलना होता है--मोहन भागवत, सरसंघचालक 
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने नवंबर 25 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुंकार रैली में कहा था कि जल्द से जल्द अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कोर्ट के लिए राम मंदिर प्राथमिकता नहीं है। कोर्ट को राम मंदिर पर जल्द फैसला देना चाहिए। उन्होंने कहा, न्याय में देरी भी न्याय न देने के समान है। उन्होंने कहा, सत्य और न्याय को टालते रहना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बन जाने के बाद सारे झगड़े खत्म हो जाएंगे। 
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अयोध्या में राम मंदिर को लेकर जहां तमाम गतिविधियां तेज हैं, मंदिर बनाने को लेकर संत समाज,विहिप और शिवसेना सरकार पर ....

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा कोर्ट में है। निर्णय जल्दी दिया जाना चाहिए। इससे यह भी साबित होता है कि मंदिर वहां था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को प्राथमिकता नहीं दी। न्याय में देरी न्याय न देने के समान है। अगर किसी कारण अपनी व्यास्तता के कारण ये पता नहीं अपनी समाज के  संवेदना को ना जानने के कारण न्यायालय की प्राथमिकता नहीं है तो सरकार सोचे कि इस मंदिर को बनाने के लिए कानून कैसे आ सकता है और शीघ्र इस कानून को लाए। यही उचित है।

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