अजय सिंह चौटाला ने कहा कि जींद में कार्यकारी समिति की बैठक में इंडियन नेशनल लोकदल किसका होगा इस बारे में फैसला होगा। हरियाणा की पार्टी में तब मतभेद गहरा गया जब ओमप्रकाश चौटाला ने अपने पोते दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को अनुशासनहीनता के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।
दरअसल, इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) दो फाड़ होने के कगार पर दिख रहा है। इनेलो के वरिष्ठ नेता अजय सिंह चौटाला को पार्टी से निष्कासित अपने बेटों के पक्ष में खुलकर सामने आ गए थे और दावा किया कि पार्टी के कई मौजूदा तथा पूर्व विधायक उनके समर्थन में हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय दो हफ्ते के पैरोल पर दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा हुए हैं। जेल से रिहाई के बाद अजय ने नई दिल्ली में अपने बेटे और हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला के सरकारी आवास पर शक्ति प्रदर्शन किया। उन्होंने वहां घोषणा की कि पार्टी ‘‘किसी की बपौती नहीं है।
अजय ने पार्टी से निष्कासित अपने बेटों- दुष्यंत और दिग्विजय- का समर्थन करते हुए अपने छोटे भाई अभय सिंह चौटाला पर परोक्ष हमला किया था। इनेलो कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अजय ने कहा, ‘अब हम किसी से कुछ नहीं मांगेंगे। अब लड़ाई होगी। हम चौटाला साहब के सामने ऐसी स्थिति बना देंगे कि वे दुष्यंत को पार्टी में फिर से लेने के लिए मजबूर हो जाएंगे।’ अजय ने अपने पिता के एक भाषण का जिक्र करते हुए कहा था, ‘‘चौटाला साहब कहा करते थे कि किसी को मांगने से कुछ नहीं मिलता, छीनने से मिलता है।’ दुष्यंत और दिग्विजय को अनुशासनहीनता, गुंडागर्दी और पार्टी में टूट कराने के आरोप में पार्टी से निकाल दिया गया है।
इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने अपने दो पोतों को ‘अनुशासनहीनता’ का दोषी पाते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था। इससे कुछ दिन पहले इन दोनों--हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला और युवा नेता दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निलंबित किया गया था। दोनों ही ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय के बेटे हैं।
वास्तव में जब घर की लड़ाई बीच सड़क पर आ जाए, उसे समेटना बहुत मुश्किल होता है। जिस तरह उत्तर प्रदेश में पारिवारिक समाजवादी पार्टी बिखड़ गयी, उसी तर्ज़ पर हरियाणा की इनेलो भी बिखड़ गयी। वैसे बिहार में भी लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रवादी जनता दल में भी बगावत के सुर मुखरित होने के कगार पर।
No comments:
Post a Comment