अयोध्या विवाद: नमाज़ की इजाजत मांगने वालों पर 5 लाख का जुर्माना

Allahabad HC on Namazइलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अयोध्या में विवादित भूमि पर नमाज पढ़ने की अनुमति मांगने वाली अर्जी दिसम्बर 20 को खारिज कर दी। अर्जी पर नाराजगी जाहिर करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगा दिया। कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि विवादित भूमि पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
रायबरेली के धार्मिक संगठन अल रहमान ट्रस्ट ने हाई कोर्ट में विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने की अनुमति देने के लिए अर्जी लगाई थी। यह संगठन इस्लाम को बढ़ावा देने के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। अर्जी में कहा गया है कि चूंकि विवास्थित स्थल पर अस्थायी राम मंदिर में पूजा करने की अनुमति है इसलिए मुस्लिमों को भी नमाज पढ़ने की इजाजत मिलनी चाहिए।
ट्रस्ट ने अपनी अर्जी में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के उस फैसले का हवाला दिया है जिसमें कोर्ट ने विवादित स्थल के एक तिहाई हिस्से पर मुस्लिमों के अधिकार होने का निर्णय दिया है। 
अयोध्या केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने पर साधु-संत नाखुश हैं और वे केंद्र सरकार से अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं।  

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