राम मंदिर एक और जुमला बन गया : सामना में सम्पादकीय

Shivsena over Ram Templeशिवसेना ने अयोध्या मुद्दे को लेकर दिसम्बर 20 को अपनी सहयोगी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण पार्टी के लिए एक और ‘जुमला’ बन गया है और यह मुद्दा उसे सत्ता से बाहर करने का कारण बनेगा। पार्टी ने कहा कि हाल में तीन राज्यों में चुनावी हार से भाजपा जागी नहीं है तथा आर एस एस सरसंघचालक मोहन भागवत ने भगवद गीता के उपदेशों के संदर्भ में जो कुछ भी कहा, पार्टी उससे सीख लेने को तैयार नहीं है।
शिवसेना ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा के अंदर भी दबाव है। उसने पूछा, लेकिन भगवान राम के लिए ‘अच्छे दिन’ कब आयेंगे। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा, ‘‘श्री (मोहन) भागवत ने भगवद गीता का हवाला देते हुए कहा, ‘जो मैं करता हूं वही अच्छा। मैंने किया, मैंने किया, मैंने किया, ऐसा अहंकार करनेवाले किस काम के?’ उन्होंने भाजपा के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत दिया है।’
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा, ‘लेकिन इसका क्या फायदा? यह सरकार तो तीन राज्यों में मिली हार के बावजूद कुंभकर्ण की तरह नींद से उठने को तैयार नहीं है।’भाजपा हाल में तीन अहम राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस के हाथों परास्त हुई है। शिवसेना ने कहा कि पूरा देश मंदिर निर्माण चाहता है। यही वजह है कि 2014 में भाजपा को वोट मिला।
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जो 25 बरस से खुले तंबू में रह रहे हैं 
पार्टी ने कहा, ‘हालांकि ऐसा लगता है कि यह मुद्दा भी पार्टी के लिए एक और ‘जुमला’ बन गया है। इसकी ‘सत्ता से वापसी’ की यात्रा अब शुरू हो गयी है।’ भाजपा पर तंज कसते हुए संपादकीय में लिखा गया है, ‘भगवान राम के अच्छे दिन कब आयेंगे, जो 25 बरस से खुले तंबू में रह रहे हैं जबकि सत्ता पर बैठे लोग अपनी कुर्सियां गर्म कर रहे हैं।’
हालांकि दिसम्बर 19 को रिपब्लिक टीवी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा प्रमुख अमित शाह ने कहा, ‘अगर उच्चतम न्यायालय बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में हर दिन सुनवाई करे तो फैसला आने में 10 दिन से अधिक समय नहीं लगेगा।’
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स्मरण है, जब Organiser साप्ताहिक में सीताराम गोयल ने कई चौकाने वाली श्रृंगला लिखी। हर लेख इतना गम्भीर होता था, जिसे प्रकाशन पूर्व स्वयं पढ़ने आते थे, गलतियाँ स्वयं देखते थे। उस समय मुख्य सम्पादक थे, श्री केवल रतन मलकानी(भाजपा उपाध्यक्ष एवं पॉन्डिचेरी के राज्यपाल पद पर निधन हुआ )।         

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