बड़े शर्म की बात है सलमान खुर्शीद सजा के खिलाफ करेंगे अपील

1984 anti sikh riots delhi high court verdict
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
17 दिसम्बर का दिन कांग्रेस के लिए कहीं खुशी तो कहीं गम जैसा रहा। हिन्दी हार्टलैंड के तीन राज्यों में दो राज्यों राजस्थान और मध्यप्रदेश में उनके मुख्यमन्त्री पद के चेहरों ने शपथ ली। राजस्थान के सीएम पद पर जिस वक्त अशोक गहलोत शपथ लेने जा रहे थे ठीक उसी वक्त दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सजा का ऐलान किया।
स्मरण हो, दिसंबर 13 से श्राध्द प्रारम्भ हो गए थे, यदि भाजपा को बहुमत मिला होता, तो श्राद्ध पक्ष में कोई मुख्यमंत्री की शपद नहीं लेता। जल्दीबाजी में जनेऊधारी, शिवभक्त का जाप जपने वाली कांग्रेस ने शुभ अशुभ पक्ष की भी चिन्ता नहीं की। खैर, कांग्रेस के विरुद्ध जो कुछ भी घटित हो रहा है, जनता के सम्मुख है। 
अदालत ने ये माना कि दंगों के समय कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की भूमिका बेहद स्पष्ट थी। अदालत के सामने कोई वजह नहीं है कि सज्जन कुमार को लोअर कोर्ट से मिली राहत को बरकरार रखा जाए। अदालत ने इस टिप्पणी के साथ सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुना दी। इसके साथ ही ये मांग उठने लगी कि कांग्रेस को मध्य प्रदेश के सीएम के तौर पर कमलनाथ को शपथ दिलाने से रोका जाए। इस बीच अब सियासत शुरू हो चुकी है। 
punjab cm amrinder singh
अन्ध भक्ति: दंगों में न तो कांग्रेस की
भूमिका थी और न ही गांधी परिवार
मध्य प्रदेश में कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में आप नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के शामिल होने का कार्यक्रम था। लेकिन ऐन वक्त पर केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए। इन सबके बीच आम आदमी पार्टी के नेता जरनैल सिंह ने कहा कि हमें ये जानकारी मिली है कि कांग्रेस की तरफ से सलमान खुर्शीद सज्जन कुमार को मिली सजा के खिलाफ अपील करेंगे। ये बड़े शर्म की बात है कि सज्जन कुमार को पार्टी से निकालने की जगह वो उनको मिली सजा के खिलाफ अपील करने की बात कर रहे हैं।
पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि सज्जन कुमार को सजा मिली है उससे पीड़ितों को न्याय मिला है। पीड़ित परिवारों को एक लंबे इंतजार के बाद उनके जख्मों पर मरहम लगा। लेकिन इस संबंध में अकाली दल और बादल परिवार राजनीति कर रहे हैं। 1984 सिख विरोधी दंगों में न तो कांग्रेस की भूमिका थी और न ही गांधी परिवार किसी रूप से उस दुखद हादसे से जुड़ा हुआ था।
I welcome Delhi High Court verdict convicting Sajjan Kumar in 1984 riots case.
It has been a very long n painful wait for innocent victims who were murdered by those in power.
Nobody involved in any riot should be allowed to escape no matter how powerful the individual maybe.
View image on Twitter

View image on Twitter

, Jarnail Singh: We got to know that Congress leader Salman Khurshid spoke of challenging the Delhi High Court's decision on . It's a matter of extreme shame that instead of expelling him from the party, he is speaking of challenging the decision.
3:38 PM - Dec 17, 2018 
हैरानी इस बात से है, कि इस दंगे में लिप्त कांग्रेस ही अपने आपको निर्दोष सिद्ध करने में व्यस्त है। जो सिद्ध करता है कि गुलामी के दौर में जन्मी कांग्रेस आज भी गुलामी के दौर से गुजर रही है।उस समय गुलामी के विरुद्ध लड़ाई जो अब एक ही परिवार की गुलामी में बदल चुकी है और जो भी परिवार के विरुद्ध आवाज़ निकालता है, उसे पार्टी से निकाल दिया जाता है। शहज़ाद पुनेवाला इसका जीवित उदाहरण है। 
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले से अब साफ हो चुका है कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की 1984 सिख विरोधी हिंसा में भूमिका थी। अदालत के फैसले के बाद दंगा पीड़ितों का कहना है कि 34 साल से जिस दर्द के साथ वो जी रहे थे उसमें थोड़ी सी कमी आई है। लेकिन दूसरे दोषियों को सजा मिलने के बाद ही उनके जख्मों पर मरहम लग सकेगा।
अवलोकन करें:--
1947 के बाद  स्वतन्त्र भारत का सबसे भयंकर दंगा 





NIGAMRAJENDRA28.BLOGSPOT.IN
भारतीय मानसिकता भी क्या मानसिकता है समझ नहीं आता? हमारे छद्दम धर्म-


इस वेबसाइट का परिचय
NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
वर्ष 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले ...


इस वेबसाइट का परिचय
NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
आम दिनों की तरह दिसंबर की उस ठिठुरते दिन को भी वह युवा सिख जोड़ा खुश था. उनके घर में संतान का आगमन होना था. अपनी पत्नी ....
पिताश्री एम.बी.एल निगम के फिल्म व्यवसाय से जुड़े होने के कारण, उनका स्वर्ण सिनेमा(विश्वास नगर, शाहदरा) एवं प्रिंस फिल्म कॉर्पोरेशन के स्वामी सरदार स्वर्ण सिंह से घनिष्ठ सम्बन्ध थे। सरदार स्वर्ण सिंह का अपना प्रोडक्शन हाउस भी था। जिस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या हुई थी, उस दिन फिल्म के चक्कर में स्वर्ण सिंह बम्बई (वर्तमान मुंबई) में होने के कारण उनकी जान बच गयी थी, अन्य सदस्य जो उस दिन दिल्ली में ही थे, परिवार में 13 सुहागिनों का सुहाग उजड़ गया था। पूछो परिवार के उस वरिष्ठ सदस्य से क्या बीती होगी उसके दिलो-दिमाग पर। किस तरह संभाला होगा अपने आपको? यह परिवार कृष्णा नगर में रहता था। किस सज्जन कुमार के कहने पर इन सुहागिनों का सुहाग उजाड़ा गया था? किस सज्जन कुमार के कहने पर कूचा काशगिरि, सीताराम बाजार के सामने सरदार घी की दुकान लूटी गयी थी?
मेरठ के मलियाना में किस तरह कांग्रेस के राज में मुस्लिमों का कत्लेआम हुआ था, उन दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे नारायण दत्त तिवारी। 
हिन्दू समझता है कांग्रेस तुष्टिकरण कर केवल मुस्लिम हितों की बात करती है, और मुस्लिम कांग्रेस को अपना ब्रह्मास्त्र मान आंख मूंढ विश्वास करती है, परन्तु वास्तविकता यह है, कि इस पार्टी का उद्देश्य है, "जहाँ दिखे तवा परात, वहीँ बिता सारी रात" यानि अपनी कुर्सी की खातिर अगर किसी की जान भी लेनी पड़े, पीछे मत रहो। इस बात का अहसास, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव के समय में हुए मुज़्ज़फरनगर दंगों के दौरान 11,अशोका रोड पर एक परिचर्चा हुई थी, "मुज़फ्फरनगर दंगा: एक सच", इसमें रामपुर से भाजपा नेता शाहबुद्दीन ने रहस्योघाटन किया कि "कांग्रेस के कार्यकाल में 22,000 दंगों में 7 लाख मुसलमानों की जान गयी।" लगभग सारा मीडिया उस चर्चा को कवर कर रहा था, दुःख इस बात का है कि किसी भी मीडिया ने उस कार्यक्रम का जिक्र तक नहीं किया। लेकिन उन दिनों एक पाक्षिक को सम्पादित करते उस समाचार को प्रकाशित किया था। 
रामजन्मभूमि विवाद में बाबरी मस्जिद का वकील कौन "कपिल सिबल", अब सज्जन कुमार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट जाने को कौन है तैयार "सलमान खुर्शीद" यानि दोनों ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है, फिर कांग्रेस कैसे नहीं शामिल? यदि कांग्रेस का कोई हाथ नहीं, क्यों नहीं इन दोनों को पार्टी से निष्कासित किया जाता? 
आम आदमी पार्टी इससे पहले भी सिख दंगों में कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते रहे हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आप नेता संजय सिंह ने कहा था कि सिख दंगों के मुख्य आरोपियों में शामिल कांग्रेस नेता सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और कमलनाथ सफेद कुर्ते पहनकर घूम रहे हैं। कांग्रेस ने 32 साल से अपनी मानसिकता नहीं बदली है। 

No comments: