
मुख्यमंत्री से समाचार चैनल इंडिया टीवी ने जब पूछा कि क्या वह आयोध्या मसले का समाधान बातचीत से करेंगे या डंडे से तो उन्होंने मुस्कराते हुए जवाब दिया- 'पहले अदालत को मसले को हमारे हवाले करने दीजिए।' आदित्यनाथ ने कहा, 'मैं अब भी अदालत से विवाद का निपटारा जल्द करने की अपील करूंगा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 30 सितंबर 2010 को भूमि बंटवारे के मसले पर आदेश नहीं दिया, बल्कि यह भी स्वीकार किया कि बाबरी ढांचा हिंदू मंदिर या स्मारक को नष्ट करके खड़ा किया गया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने उच्च न्यायालय के आदेश पर खुदाई की और अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया कि बाबरी के ढांचे का निर्माण हिंदू मंदिर या स्मारक को नष्ट करके किया गया था। उन्होंने कहा, टाइटल का विवाद अनावश्यक रूप से जोड़कर अयोध्या विवाद को लंबा खींचा जा रहा है। हम सर्वोच्च न्यायालय से लाखों लोगों की संतुष्टि के लिए जल्द से जल्द न्याय देने की अपील करते हैं, ताकि यह जनास्था का प्रतीक बन सके। अनावश्यक विलंब होने से संस्थानों से लोगों का भरोसा उठ जाएगा।'
अवलोकन करें:--
जहाँ तक राम मन्दिर की बात है, एक सप्ताह में समस्त मन्दिर विरोधी नाक रगड़ कर बोलेंगे, "भाई चलो अयोध्या, भव्य राम मन्दिर बनाते हैं।" बशर्ते भाजपा, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद् और इनकी सहयोगी संस्थाएँ सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट और संसद तक भूख हड़ताल उस समय तक बैठे रहे, "जब तक खुदाई में मिले मन्दिर के सैंकड़ों प्रमाणों को कोर्ट से छुपाने वालों, चाहे कोई भी हो, को जेल भेजने के साथ-साथ अब तक उनको मिली सरकारी सुविधाओं को ब्याज सहित वापस नहीं ली जाएगी, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा।" दंगों में लावारिस मरने से अच्छा है, मन्दिर विरोधियों को बेनकाब कर जन नायक बन मृत्यु प्राप्त करना गौरव की बात होगी। उससे एक बात उजागर होगी, जो जनमानस भाजपा, आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद् को जहरीली नज़रों से देखते हैं, उन्हें भी जब मालूम होगा कि जहरीला और साम्प्रदायिक कौन है, जितने भी मन्दिर विरोधी हैं, उन्हें समाज से बहिष्कार का डर भी सताएगा।
उनसे जब पूछा गया कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश क्यों नहीं लाया तो उन्होंने कहा कि मामला विचाराधीन था। उन्होंने कहा, 'संसद में विचाराधीन मसलों पर बहस नहीं हो सकती है। हम इसे अदालत पर छोड़ रहे हैं। अगर अदालत ने 1994 में केंद्र सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे के आधार पर न्याय दिया होता तो देश में अच्छा संदेश जाता।'
उन्होंने कहा कि सवाल चुनावों में फायदे या नुकसान का नहीं है, लेकिन यह देशवासियों की आस्था का सवाल है। आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस इस समस्या की जड़ में है और वह इसका समाधान होने नहीं देना चाहती है। उन्होंने कहा, 'अगर अयोध्या विवाद का निपटारा हो जाए और तीन तलाक पर प्रतिबंध लागू हो जाए तो देश में तुष्टीकरण की राजनीति हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी।'
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन के मसले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वे जाति के आधार पर लड़ाई को निचले स्तर तक ले जाएंगे तो यह 70-30 का मुकाबला होगा। उन्होंने कहा कि 70 फीसदी मतदाता भाजपा के साथ हैं और बाकी 30 फीसदी गठबंधन के पास।
No comments:
Post a Comment