हिंदू राम मंदिर पर अदालत के निर्णय का अनंत काल तक इंतजार नहीं कर सकता :आलोक कुमार, विहिप के कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर पर दिए गए बयान पर विश्व हिंदू परिषद ने जनवरी 2 को कहा कि हिंदू राम मंदिर पर अदालत के निर्णय का अनंत काल तक इंतजार नहीं कर सकता, आगे बढ़ने का तरीका कानून बनाना ही है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मैं नहीं जानता कि (पीएम मोदी) के मन में क्या है, लेकिन हम मानते हैं कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद कानून लाने की बजाए वो कानून आज लाना चाहिए। इसलिए इस सरकार के इसी कार्यकाल में संसद में कानून आए, ये हम सरकार से मांग करते रहेंगे।
दरअसल, पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि सरकार अध्यादेश लाने पर कोई भी फैसला न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के वास्ते हर संभव कोशिश करने के लिए तैयार है। 



Vishva Hindu Parishad: Hindu society cannot be expected to wait till eternity for a court decision, only way forward is to enact a legislation clearing the way for the construction of a grand temple at the Ram janmbhoomi.
आलोक कुमार ने कहा कि संसद के पास कानून लाने का अधिकार है, इसलिए वो पहले कानून लाएं। उन्होंने कहा कि वो कई सांसदों से मिले हैं, और अधिकांश सांसदों ने इसका समर्थन किया है कि संसद में कानून लाकर मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पीएम मोदी से समय भी मांगा गया है।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण पर दिए गए वक्तव्य पर विहिप कार्यद्यक्ष मा. आलोक जी ....

अवलोकन करिए:--
मुगलवाद को जिस तरह भारत में ज़िंदा रखा जा रहा है और वोट के भूखे नेता कट्टरपंथियों के आगे शीश झुकाते हैं, विश्व में भारत को एक मजाक बना दिया है, विश्व इन करतूतों की वजह से हम पर हँसता है। मक्का जिसे इस्लाम का तीर्थ कहा जाता है, भारत में मुगलों के हिमायती जवाब दें कि मक्का में बानी बिलाल मस्जिद कहाँ है? जहाँ सजदा किए बिना हज पूरा नहीं होता था। किसी माई के लाल में हिम्मत है, सऊदी सरकार के विरुद्ध एक लब्ज़ निकाल सकें। भारत में मुगलों के लिए विधवा-विलाप करने वाले सऊदी सरकार के विरुद्ध मुँह खोलने का अर्थ भलीभाँति जानते है कि कहीं हमारे हज के जाने पर वहाँ की सरकार प्रतिबन्ध न लगा दे। भारत में ही कह सकते हैं "हमारा सिर सिर्फ अल्लाह के आगे झुकता है, किसी और के आगे नहीं", अब कोई इनसे पूछे सऊदी सरकार के विरुद्ध क्यों नहीं ? सऊदी सरकार के आगे झुक गया न सिर, इससे बड़ा प्रमाण और क्या चाहिए?
कुमार ने कहा, 'हमने माननीय प्रधानमंत्री का श्रीराम जन्मभूमि संबंधी वक्तव्य देखा। जन्मभूमि का मामला गत 69 वर्षों से अदालतों में चल रहा है तथा इसकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में वर्ष 2011 से लंबित है। प्रतीक्षा की यह एक लम्बी अवधि है। हिन्दू समाज अनंत काल तक इंतजार नहीं कर सकता।'
स्मरण आता है, भाजपा के समर्थन से बनी वी.पी.सिंह सरकार गठन के बाद पाञ्चजन्य के तत्कालीन सम्पादक श्री तरुण विजय(भूतपूर्व राज्यसभा सदस्य) द्वारा श्री लालकृष्ण आडवाणी को सम्पादकीय भेंटवार्ता के लिए आमन्त्रित करने पर, चर्चा के दौरान अयोध्या में राममन्दिर पर जब आडवाणी जी से प्रश्न करने पर उत्तर दिया "जब तक केन्द्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की बहुमत से सरकारें नहीं बनती, राममन्दिर केवल एक सपना ही रहेगा।" लेकिन आज केन्द्र और उत्तर प्रदेश में बहुमत वाली भाजपा की सरकारें होने के बावजूद कोर्ट की ओर देख रहे हैं। शर्म की बात है। 
जहाँ तक राम मन्दिर की बात है, एक सप्ताह में समस्त मन्दिर विरोधी नाक रगड़ कर बोलेंगे, "भाई चलो अयोध्या, भव्य राम मन्दिर बनाते हैं।" बशर्ते भाजपा, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद् और इनकी सहयोगी संस्थाएँ सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट और संसद तक भूख हड़ताल उस समय तक बैठे रहे, "जब तक खुदाई में मिले मन्दिर के सैंकड़ों प्रमाणों को कोर्ट से छुपाने वालों, चाहे कोई भी हो, को जेल भेजने के साथ-साथ अब तक उनको मिली सरकारी सुविधाओं को ब्याज सहित वापस नहीं ली जाएगी, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा।" दंगों में लावारिस मरने से अच्छा है, मन्दिर विरोधियों को बेनकाब कर जन नायक बन मृत्यु प्राप्त करना गौरव की बात होगी। उससे एक बात उजागर होगी, जो जनमानस भाजपा, आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद् को जहरीली नज़रों से देखते हैं, उन्हें भी जब मालूम होगा कि जहरीला और साम्प्रदायिक कौन है, जितने भी मन्दिर विरोधी हैं, उन्हें समाज से बहिष्कार का डर भी सताएगा। बहुत हो गयी धर्म संसद और भाषणबाज़ी।      

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