उत्तर प्रदेश आतंकियों के गढ़ के रूप में उभर रहा है। पश्चिम यूपी में आतंकी पनाह लेकर बड़े स्तर पर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। यह बात जांच एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से सामने आई है। इसके अनुसार पश्चिम उत्तर प्रदेश में 10 से अधिक आतंकी संगठन सक्रिय हैं। जिन जिलों में आतंकी संगठन सक्रिय हैं, उनमें सहारनपुर, शामली, अमरोहा, आगरा, मेरठ, मथुरा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और हापुड़ शामिल हैं।
कहा जा रहा है कि इन आतंकियों के खिलाफ जांच कर रही जांच एजेंसियों ने पिछले 10 सालों का ब्यौरा भी खंगालना शुरू कर दिया है। पिछले दस साल में अमेरिका में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी डेविड हेडली, तसव्वुर राणा और अलकायदा आतंकी इलियास कश्मीरी तक की मेरठ में गतिविधियां पाई गईं थी।
स्मरण हो, अक्टूबर 2013 में पूर्व तत्कालीन मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में मुज़फ्फर नगर दंगा हुआ था, जिसमे अखिलेश ने आर्मी की सहायता भी ली थी। आर्मी के सक्रिय होते ही, अखिलेश की रातों की नींद और रोटी हराम हो गयी। आर्मी को छापेमारी के दौरान घरों के साथ-साथ मस्जिदों तक में से इतना असला बरामद हुआ, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। उस समय प्राप्त समाचारों के अनुसार आर्मी साहिबाबाद से लेकर सहारनपुर तक तलाशी की योजना बना ही रही थी कि तुष्टिकरण के पुजारी अखिलेश यादव ने केन्द्र की सहायता से आर्मी कार्यवाही को रुकवा दिया। जिस व्यापक स्तर पर आर्मी छापेमारी कर रही थी, उससे अखिलेश ही नहीं छद्दम धर्म-निरपेक्षों को अपने वोट बैंक की चिन्ता हो गयी। यदि अखिलेश और उनके समर्थक छद्दम धर्म-निरपेक्षों ने अपने वोट की बजाए प्रदेश और देशहित के बारे में सोंचा होता, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आतंकियों का गढ़ नहीं बनता।
उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ को इस दंगे की फाइलों को भी खंगालने की जरुरत है।इसी दंगे के दौरान जब हिन्दू पुलिसकर्मियों ने कुछ मुस्लिम दंगाइयों को पकड़ जब थाने में लाकर बंद कर दिया, एक मुस्लिम अधिकारी ने तुरन्त यह कहते हुए रिहा कर दिया था "पहले मैं एक मुसलमान हूँ, बाद में पुलिस अधिकारी..." जिस पर तत्कालीन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह ने उस मुस्लिम अधिकारी की पीठ भी थप-थपाई थी। जिसका उल्लेख उस समय एक पाक्षिक को सम्पादित करते, विस्तार से प्रकाशित किया था। यदि उस मुस्लिम अधिकारी की बजाए किसी हिन्दू पुलिस ने ऐसा किया होता, समस्त छद्दम धर्म-निरपेक्ष चील-कौओं की भांति उस हिन्दू पुलिस अधिकारी को नोंचकर खाने को तैयार हो जाते। पता नहीं लाइन हाज़िर करवाने के अलावा कितने आरोप लगाकर शायद नौकरी से भी निकलवा देते।
संभावित सक्रिय आतंकी संगठन
जांच एजेंसियां पिछले दस सालों के ब्यौरे से जानकारी लेकर जिनकी तलाश कर रही हैं, उनमें मेरठ में सलमान, मुजफ्फरनगर में हाफिज, शहजाद और इकबाल, आगरा में सालार, मुरादाबाद में मो. हनीफ प्रमुख रूप से शामिल हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार पश्चिमी यूपी में अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा, हूजी, इस्लामिक स्टेट, आईएसआईएस, सिमी।
पुराना रहा है इतिहास
26 जनवरी, 2010 को मेरठ की रूबी और पाकिस्तानी असद को रुड़की (हरिद्वार) में गिरफ्तार किया गया था। असद नाम बदलकर रह रहा था और पासपोर्ट भी बनवाया. दोनों आइएसआइ एजेंट बताए गए थे। 11 जनवरी 2010 को आबूलेन में आइएसआइ एजेंट नासिर गिरफ्तार हुआ। 12 सितंबर, 2009 को कानपुर में पकड़े आईएसआई एजेंट इम्तियाज, 10 जनवरी 2009 को कैंट में पकड़े गए आईएसआई एजेंट अमीर अहमद, 2 जून 2011 को रुड़की में पकड़ा गया मेरठ निवासी आइएसआइ एजेंट फुरकान अहमद उर्फ अजय ने मेरठ से कनेक्शन होने का खुलासा किया। अजय से ही पूछताछ में खुलासा हुआ कि जयपुर सीरियल ब्लास्ट में शामिल शमीम बागपत के किरठल का निवासी था और वह हूजी का कमांडर है।
मुजफ्फरनगर: बुढ़ाना के गांव जौला से आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद का कमांडर मोहम्मद वारिस गिरफ्तार हुआ था। अटारी बार्डर पर हेरोइन के साथ कांधला निवासी साबिर और नसीरन पकड़ी गई थी। आठ साल पहले महलकी निवासी नेत्रहीन कारी सलीम गिरफ्तार किया गया था।
सहारनपुर: शाहिद इकबाल भट्टी उर्फ देवराज सहगल पटियाला में पकड़ा गया था। सहारनपुर में उसने जन्म प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिया था। दो कश्मीरी छात्र पकड़े, जो चार महीना पहले ही मेरठ जेल से सजा पूरी होने के बाद छूट गए। अयोध्या में आतंकी हमले की साजिश से जुड़ा एक आरोपी डाक्टर सहारनपुर के तीतरो से गिरफ्तार हुआ था।
शामली: वर्ष 2005 में एसटीएफ ने पांच किलो आरडीएक्स और अत्याधुनिक असलहों के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जो जम्मू कश्मीर निवासी थे। कैराना निवासी इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा पाकिस्तान में रहकर नकली नोटों के नेटवर्क संचालित कर रहे हैं। गठरी उद्योग के जरिये समझौता एक्सप्रेस से कैराना पहुंची 40 पिस्टल बरामद हुई थीं।
बिजनौर: दिल्ली में गिरफ्तार किए गए जनपद निवासी दो युवक आतंकी संगठन हूजी के लिए काम कर रहे थे। बिजनौर से मुकीम और नासिर को गिरफ्तार किया गया।
हापुड़: पिलखुवा निवासी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा गिरफ्तार किया गया। हापुड़ से चार आतंकी गिरफ्तार हुए थे, जिन पर पोटा भी लगा था।
आगरा: जनवरी निवासी मेहरुन्निसा उर्फ ज्योति अक्टूबर 2009 में कोलकाता में गिरफ्तार हुई उसने मेरठ में दर्जनभर एजेंट बनाए।
हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली में छापेमारी करके बड़े स्तर पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है।इनके पास से बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार भी बरामद किए गए थे। एनआईए इस मामले में लगातार छापेमारी कर रही है।
कहा जा रहा है कि इन आतंकियों के खिलाफ जांच कर रही जांच एजेंसियों ने पिछले 10 सालों का ब्यौरा भी खंगालना शुरू कर दिया है। पिछले दस साल में अमेरिका में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी डेविड हेडली, तसव्वुर राणा और अलकायदा आतंकी इलियास कश्मीरी तक की मेरठ में गतिविधियां पाई गईं थी।
स्मरण हो, अक्टूबर 2013 में पूर्व तत्कालीन मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में मुज़फ्फर नगर दंगा हुआ था, जिसमे अखिलेश ने आर्मी की सहायता भी ली थी। आर्मी के सक्रिय होते ही, अखिलेश की रातों की नींद और रोटी हराम हो गयी। आर्मी को छापेमारी के दौरान घरों के साथ-साथ मस्जिदों तक में से इतना असला बरामद हुआ, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। उस समय प्राप्त समाचारों के अनुसार आर्मी साहिबाबाद से लेकर सहारनपुर तक तलाशी की योजना बना ही रही थी कि तुष्टिकरण के पुजारी अखिलेश यादव ने केन्द्र की सहायता से आर्मी कार्यवाही को रुकवा दिया। जिस व्यापक स्तर पर आर्मी छापेमारी कर रही थी, उससे अखिलेश ही नहीं छद्दम धर्म-निरपेक्षों को अपने वोट बैंक की चिन्ता हो गयी। यदि अखिलेश और उनके समर्थक छद्दम धर्म-निरपेक्षों ने अपने वोट की बजाए प्रदेश और देशहित के बारे में सोंचा होता, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आतंकियों का गढ़ नहीं बनता।
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2013 में हुए मुज़फ्फर नगर दंगे |
संभावित सक्रिय आतंकी संगठन
जांच एजेंसियां पिछले दस सालों के ब्यौरे से जानकारी लेकर जिनकी तलाश कर रही हैं, उनमें मेरठ में सलमान, मुजफ्फरनगर में हाफिज, शहजाद और इकबाल, आगरा में सालार, मुरादाबाद में मो. हनीफ प्रमुख रूप से शामिल हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार पश्चिमी यूपी में अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा, हूजी, इस्लामिक स्टेट, आईएसआईएस, सिमी।
पुराना रहा है इतिहास
26 जनवरी, 2010 को मेरठ की रूबी और पाकिस्तानी असद को रुड़की (हरिद्वार) में गिरफ्तार किया गया था। असद नाम बदलकर रह रहा था और पासपोर्ट भी बनवाया. दोनों आइएसआइ एजेंट बताए गए थे। 11 जनवरी 2010 को आबूलेन में आइएसआइ एजेंट नासिर गिरफ्तार हुआ। 12 सितंबर, 2009 को कानपुर में पकड़े आईएसआई एजेंट इम्तियाज, 10 जनवरी 2009 को कैंट में पकड़े गए आईएसआई एजेंट अमीर अहमद, 2 जून 2011 को रुड़की में पकड़ा गया मेरठ निवासी आइएसआइ एजेंट फुरकान अहमद उर्फ अजय ने मेरठ से कनेक्शन होने का खुलासा किया। अजय से ही पूछताछ में खुलासा हुआ कि जयपुर सीरियल ब्लास्ट में शामिल शमीम बागपत के किरठल का निवासी था और वह हूजी का कमांडर है।
मुजफ्फरनगर: बुढ़ाना के गांव जौला से आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद का कमांडर मोहम्मद वारिस गिरफ्तार हुआ था। अटारी बार्डर पर हेरोइन के साथ कांधला निवासी साबिर और नसीरन पकड़ी गई थी। आठ साल पहले महलकी निवासी नेत्रहीन कारी सलीम गिरफ्तार किया गया था।
सहारनपुर: शाहिद इकबाल भट्टी उर्फ देवराज सहगल पटियाला में पकड़ा गया था। सहारनपुर में उसने जन्म प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिया था। दो कश्मीरी छात्र पकड़े, जो चार महीना पहले ही मेरठ जेल से सजा पूरी होने के बाद छूट गए। अयोध्या में आतंकी हमले की साजिश से जुड़ा एक आरोपी डाक्टर सहारनपुर के तीतरो से गिरफ्तार हुआ था।
शामली: वर्ष 2005 में एसटीएफ ने पांच किलो आरडीएक्स और अत्याधुनिक असलहों के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जो जम्मू कश्मीर निवासी थे। कैराना निवासी इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा पाकिस्तान में रहकर नकली नोटों के नेटवर्क संचालित कर रहे हैं। गठरी उद्योग के जरिये समझौता एक्सप्रेस से कैराना पहुंची 40 पिस्टल बरामद हुई थीं।
बिजनौर: दिल्ली में गिरफ्तार किए गए जनपद निवासी दो युवक आतंकी संगठन हूजी के लिए काम कर रहे थे। बिजनौर से मुकीम और नासिर को गिरफ्तार किया गया।
हापुड़: पिलखुवा निवासी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा गिरफ्तार किया गया। हापुड़ से चार आतंकी गिरफ्तार हुए थे, जिन पर पोटा भी लगा था।
आगरा: जनवरी निवासी मेहरुन्निसा उर्फ ज्योति अक्टूबर 2009 में कोलकाता में गिरफ्तार हुई उसने मेरठ में दर्जनभर एजेंट बनाए।
हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली में छापेमारी करके बड़े स्तर पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है।इनके पास से बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार भी बरामद किए गए थे। एनआईए इस मामले में लगातार छापेमारी कर रही है।
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