
हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक अदालत के समक्ष दावा किया कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व नेता कन्हैया कुमार ने सरकार के खिलाफ नफरत और असंतोष भड़काने के लिए 2016 में भारत विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस ने चार्जशीट में कई गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि 9 फरवरी 2016 को यूनिवर्सिटी परिसर में कन्हैया प्रदर्शनकारियों के साथ चल रहे थे और काफी संख्या में अज्ञात लोग नारेबाजी कर रहे थे।
Invite to Kanhaiya Kumar withdrawn @SherineElizabe2 with details #CongInvitesTukdeGang
गौर हो कि संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू को दी गई फांसी की बरसी पर यूनिवर्सिटी परिसर में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। चार्जशीट के मुताबिक गवाहों ने यह भी कहा कि कन्हैया घटनास्थल पर मौजूद था जहां प्रदर्शनकारियों के हाथों में अफजल के पोस्टर थे।
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अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है कि कन्हैया ने सरकार के खिलाफ नफरत और असंतोष भड़काने के लिए खुद ही भारत विरोधी नारे लगाए थे। इसमें कहा गया है कि एजेंसी ने जिन साक्ष्यों को शामिल किया है उनमें जेएनयू की उच्चस्तरीय कमेटी, जेएनयू के कुलसचिव भूपिंदर जुत्सी का बयान और मोबाइल फोन रिकार्डिंग (जिसमें कुमार को कार्यक्रम के रद्द होने को लेकर बहस करते सुना गया) शामिल है।
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