CBI Vs CBI: खुफिया एजेंसी RAW द्वारा पकड़ी गई इस टेलिफोन बातचीत में छिपी है आलोक वर्मा को हटाने की वजह

Alok Verma
आलोक वर्मा 
केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा उसकी जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों के कारण आलोक वर्मा (Alok Verma) को सीबीआई प्रमुख के पद से हटना पड़ा। जांच एजेंसी के 50 साल से अधिक के इतिहास में यह अपनी तरीके का पहला मामला है। सीवीसी की जांच रिपोर्ट में खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ द्वारा की गई ‘टेलीफोन निगरानी’ का हवाला दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत उच्चशक्ति प्राप्त समिति ने सीवीसी रिपोर्ट पर विचार किया। इस रिपोर्ट में वर्मा पर आठ आरोप लगाए गए। वर्मा को उच्चतम न्यायालय ने जनवरी 8 को बहाल किया था। अधिकारियों ने कहा कि वर्मा को हटाने का समिति का फैसला 2:1 के बहुमत से किया गया। कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया जबकि न्यायमूर्ति ए के सीकरी सरकार के साथ खड़े हुए। 
अपनी सफाई में उन्‍होंने कहा 'मैंने सीबीआई की साख बनाए रखने की कोशिश की। मुझे झूठे आरोपों के आधार पर पद से हटाया गया है' उन्‍होंने यह भी कहा कि सीबीआई को बिना बाहरी दखल के काम करना चाहिए। सीबीआई की साख बर्बाद करने की कोशिश की गई है
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सीवीसी रिपोर्ट में विवादित मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले का जिक्र किया गया और दावा किया गया कि इस मामले पर गौर कर रही सीबीआई टीम हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना को इस मामले में आरोपी बनाना चाहती थी लेकिन वर्मा ने मंजूरी नहीं दी। इस मामले में जांच विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के नेतृत्व में की गई। अस्थाना और वर्मा को 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेजा था।
अधिकारियों ने कहा कि सीवीसी रिपोर्ट में बाहरी खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ द्वारा फोन पर पकड़ी गई बातचीत का भी जिक्र है। खास बात यह है कि सना, अस्थाना के खिलाफ दर्ज मामले में शिकायतकर्ता है। उसने इस मामले में अपने बिचौलियों को दी गई रिश्वत के बारे में जानकारी दी थी। उसने ‘रॉ’ के दूसरे शीर्ष अधिकारी सामंत गोयल के नाम पर भी जिक्र किया जो बिचौलिये मनोज प्रसाद को बचाने में कथित रूप से शामिल थे।
एक अन्य मामला सीबीआई द्वारा गुड़गांव में भूमि अधिग्रहण के बारे में दर्ज शुरुआती जांच से संबंधित है। सीवीसी ने आरोप लगाया कि इस मामले में वर्मा का नाम सामने आया था। सीवीसी ने इस मामले में विस्तृत जांच की सिफारिश की थी।
1979 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस अधिकारी वर्मा को भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोप में पद से हटाया गया। इसके साथ ही एजेंसी के इतिहास में इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले वह सीबीआई के पहले प्रमुख बन गए हैं
सीवीसी ने यह भी आरोप लगाया था कि वर्मा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालू प्रसाद से जुड़े आईआरसीटीसी मामले के एक अधिकारी को बचाने का प्रयास भी किया था। आयेाग ने यह भी आरोप लगाया कि वर्मा सीबीआई में दागी अधिकारियों को लाने की कोशिश कर रहे हैं।
Rahul Gandhi डर रहे हैं पीएम मोदी : राहुल गाँधी 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि पीएम मोदी के दिमाग में डर बैठ चुका है। वो अब सो नहीं सकते हैं। उन्होंने भारतीय वायुसेना के 30 हजार करोड़ रुपए चुराकर अनिल अंबानी को दे दिया। सीबीआई चीफ को दो बार हटाए जाने से साफ है कि वो अब खुद अपने झूठ के गुनहगार हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि सत्यमेव जयते। 
Fear is now rampaging through Mr Modi’s mind. He can’t sleep. He stole 30,000Cr from the IAF and gave it to Anil Ambani. Sacking the CBI Chief twice in a row, clearly shows that he is now a prisoner of his own lies.

Satyamev Jayate.
इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि ये समझ के बाहर है कि पीएम नरेंद्र मोदी सीबीआई के चीफ को क्यों हटाना चाहते हैं। वो क्यों नहीं सलेक्शन कमेटी के सामने सीबीआई के चीफ अपनी बात रखने का आदेश दे रहे हैं। इसका सीधा और सपाट उत्तर राफेल है।
1. Why is the PM in such a tearing hurry to sack the CBI Chief?

2. Why will he not allow the CBI Chief to present his case in front of the selection committee ?

Answer: RAFALE

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