
दरअसल, रेलवे महाप्रबंधक व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरत के अनुसार सब्सटिट्यूट के तौर पर नियुक्तियां कर सकते हैं। इसके लिए उम्मीदवार का लिखित आवेदन, फोटो और दसवीं की मार्कशीट ही मांगी जाती है। 120 दिन नियमित काम करने के बाद इन्हें अस्थायी कर्मचारी का दर्जा मिल जाता है। फिर स्क्रीनिंग के बाद बिना परीक्षा या इंटरव्यू के स्थायी कर्मचारी बना दिया जाता है।
लालू के कार्यकाल में हुई ऐसी 276 भर्तियों के खिलाफ एक शिकायत के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी। इन्हें जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और अजमेर मंडल में नियुक्ति दी गई थी। उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन की कार्मिक अधिकारी डॉ. हिना अरोड़ा ने चारों मंडल रेल प्रबंधक से सीबीआई की जांच के संदर्भ में कर्मचारियों के मौजूदा पोस्टिंग की सूची मांगी है।
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