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सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (फाइल फोटो) |

इन समझौतों के अलावा पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच कई व्यापारिक समझौते भी हो सकते हैं, क्योंकि सऊदी के 40 टॉप बिजनेसमैन एक समूह भी प्रिंस के साथ पाकिस्तान आ रहा है. यह प्रतिनिधिमंडल स्थानीय व्यापारियों से मुलाकात भी करेगा. उम्मीद है कि यात्रा के दौरान कुछ अन्य निजी स्तर के समझौते भी हो सकते हैं.
तेल रिफाइनरी के बारे में बात करते हुए शरीफ ने बताया कि 'सऊदी अरब 8 बिलियन डॉलर की लागत से ग्वादर में तेल रिफाइनरी भी लगाएगा. विदेशी निवेश के इतर वह स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्रदान करेगा. यदि वे (सउदी) रिफाइनरी के साथ एक पेट्रोकेमिकल परिसर भी स्थापित करते हैं, तो इसके लिए अरबों डॉलर के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता होगी'.
BoI प्रमुख ने कहा कि सऊदी सरकार ग्वादर में एक तेल रिफाइनरी स्थापित करने के लिए उत्सुक थी और उसने इस संबंध में व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने का आग्रह किया था.
सऊदी अरब के ग्वादर में निवेश से चीन की प्रतिक्रिया को लेकर शरीफ ने कहा कि चीन को वहां तेल रिफाइनरी लगाए जाने से कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने बताया कि “वास्तव में जिस क्षेत्र में सउदी रिफाइनरी स्थापित करेगा, वह एक अध्ययन के बाद तय की जाएगी. हालांकि यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) से बहुत दूर होगा.
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