
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
राजनीती भी वास्तव में उस हसीना की भांति है, जो पल-पल अपना रंग बदल गिरगिट को भी मात दे देती हैं। क्या अजीब खेल है, जिसे आसानी से नहीं समझा जा सकता।
गाँधी परिवार पर चल रहे भ्रष्टाचार के मुकदमों से जनता का ध्यान हटाने, राफेल में कथित घोटाले को लेकर एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अनिल अंबानी पर रोज हमले कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर अंबानी की ओर से कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में उनका केस लड़ रहे हैं। बीजेपी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। बीजेपी ने फरवरी 12 को आरोप लगाया कि कांग्रेस के अनिल अंबानी समूह के साथ करीबी रिश्ते हैं और विपक्षी पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल का कई मामलों में उद्योगपति के समूह का ‘पक्ष लेना’ पार्टी का पर्दाफाश करता है।
बीजेपी की ओर से यह हमला तब किया गया है जब वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई में रिलायंस की तरफ से पेश हुए। यह सुनवाई एरिक्सन इंडिया द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशन्स लिमिटेड (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी एवं अन्य के खिलाफ दायर अवमानना से जुड़ी थी।एरिक्सन इंडिया ने यह मामला 550 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान नहीं करने को लेकर दायर किया है।
राहुल कर रहे हैं हमले तो कपिल सिबल कर रहे है अम्बानी की पैरवी
बीजेपी प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने सिब्बल द्वारा अंबानी की आलोचना करने और अदालत में रिलायंस की ओर से पेश होने के लिए कांग्रेस पर हमला बोला और कहा, ‘राहुल गांधी और कांग्रेस दुष्प्रचार में लिप्त है क्योंकि कंपनी (अनिल अंबानी समूह) जिसके बारे में उनका आरोप है कि उसे यहां (राफेल सौदे में) लाभ हुआ, उसे इस सरकार में कोई लाभ नहीं हुआ बल्कि उसे तब अनुचित लाभ हुआ जब कांग्रेस सत्ता में थी। हालांकि इन आरोपों को लेकर कपिल सिब्बल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 12 को रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के चेयरमैन अनिल धीरूभाई अंबानी और अन्य को जारी अवमानना नोटिस पर सुनवाई फरवरी 13 के लिये स्थगित कर दी।कोर्ट ने एरिक्सन इंडिया की उस याचिका पर ये नोटिस जारी किये थे जिसमें उन पर 550 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया गया है। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ के समक्ष अंबानी, रिलायंस टेलीकाम लिमिटेड चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड की चेयरपर्सन छाया विरानी उपस्थित हुए। इन सभी को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया गया था।
रिलायंस डिफेंस ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर अपने नए आरोपों में जिस कथित ईमेल का हवाला देते हुए 'प्रस्तावित सहमति पत्र' का जिक्र किया है वह एयरबस हेलीकॉप्टर के साथ उसके सहयोग के संदर्भ में था और उसका युद्धक विमान के ठेके से 'कोई संबंध नहीं' है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल विमान सौदे में अनिल अंबानी का 'बिचौलिया' बन कर 'देशद्रोह' और शासकीय गोपनीयता कानून का उल्लंघन किया। उन्होंने एक ईमेल का हवाला देकर दावा किया कि कारोबारी को भारत और फ्रांस के बीच सौदा होने से पहले ही इसके बारे में पता था।
रिलायंस डिफेंस के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'कांग्रेस पार्टी द्वारा जिस कथित ईमेल का संदर्भ दिया जा रहा है वह 'मेक इन इंडिया' के तहत नागरिक एवं रक्षा हेलीकॉप्टर कार्यक्रम के बारे में एयरबस और रिलायंस डिफेंस के बीच हुई चर्चा से संबंधित है।' गांधी ने मीडिया में 28 मार्च 2015 की तारीख का एक ईमेल जारी किया है जिसे कथित तौर पर एयरबस के कार्यकारी निकोलस चामुसी द्वारा तीन लोगों को भेजा गया था और इस ईमेल की 'सब्जेक्ट लाइन' में लिखा था 'अंबानी'।
उन्होंने दावा किया कि ईमेल दिखाता है कि अंबानी ने तत्कालीन फ्रांसीसी रक्षा मंत्री जीन येव्स ली ड्रायन के दफ्तर का दौरा किया था और 'एक एमओयू तैयार किये जाने और प्रधानमंत्री के (फ्रांस) दौरे के दौरान उस पर हस्ताक्षर किये जाने की मंशा' का उल्लेख किया था।
रिलायंस रक्षा प्रवक्ता ने कहा, 'प्रस्तावित एमओयू पर चर्चा स्पष्ट रूप से एयरबस हेलीकॉप्टर और रिलायंस के बीच सहयोग पर हो रही थी। इसका 36 राफेल विमानों के लिये फ्रांस और भारत के बीच सरकार से सरकार के समझौते का कोई संबंध नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'यह भी दस्तावेजों में दर्ज है कि राफेल विमानों के लिये फ्रांस और भारत के बीच सहमति पत्र पर 25 जनवरी 2016 को दस्तखत हुआ था न कि अप्रैल 2015 में।'
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