फरवरी 14 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से, भारत सरकार पाकिस्तान समर्थकों पर निरन्तर गिद्ध की नज़र रखे हुए है। पाकिस्तान सरकार की भाँति भारत में रह रहे पाकिस्तान समर्थक पिछली सरकारों कार्यशैली की भाँति यह समझे बैठे थे कि तुष्टिकरण के चलते हमारे पर सरकार किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं करेगी। लेकिन हो रहा है एकदम विपरीत।
सरकार ने अलगाववादी समूह जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर को कथित रूप से राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों के लिये गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गुरुवार को प्रतिबंधित कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध को लेकर अधिसूचना जारी की गई।
जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर देश में राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क में होने का आरोप है। सुरक्षा बलों ने पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद अलगाववादी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी तथा जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया था।
अवलोकन करें:-
फरवरी 27 को कांग्रेस सचिव ए चेल्लाकुमार ने सवाल करते हुए कहा था सरकार पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने वाले आत्मघाती हमलावर का शव सामने क्यों नहीं लायी जिस पर राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया। चेल्लाकुमार ने कहा, ‘उन्होंने (सरकार) जवानों के पार्थिव शरीरों की पहचान की लेकिन आतंकवादी का शव कहां है? वे अभी तक शव को लोगों को नहीं दिखा पाए हैं
सरकार ने अलगाववादी समूह जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर को कथित रूप से राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों के लिये गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गुरुवार को प्रतिबंधित कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध को लेकर अधिसूचना जारी की गई।
जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर देश में राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क में होने का आरोप है। सुरक्षा बलों ने पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद अलगाववादी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी तथा जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया था।
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