
चीन को सबक सिखाने का समय
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज यहाँ उपरोक्त घोषणा करते हुए कहा की अब वक़्त आ गया है जब चीन को पाकिस्तान का समर्थक होने का खामियाजा भुगतना चाहिए । उन्होंने कहा की कैट ने देश भर के व्यापारियों के बीच चीनी सामान के बहिष्कार का राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है जिसके अंतर्गत व्यापारियों से आग्रह किया जाएगा की चाहे कुछ भी हो जाए कोई व्यापारी चीन का बना सामान न तो बेचेगा और न ही खरीदेगा । वहीँ दूसरी ओर व्यापारी अपने ग्राहकों के माध्यम से देश भर में इस सन्देश को फैलाएंगे । इस सम्बन्ध में कैट उपभोक्ता, ट्रांसपोर्ट, लघु उद्योग, किसान, हॉकर्स सहित अन्य वर्गों के संगठनों का सहयोग भी लेगा।
चीन से आता है 5 लाख करोड़ का सामान
देश में प्रतिवर्ष चीन से लगभग 75 बिलियन डॉलर (5.33 लाख करोड़ रुपए) का सामान आयात होता है और यदि इस आयात में कमी आ जाए तो चीन को निश्चित रूप से बड़ा आर्थिक नुकसान होगा क्योंकि चीन के लिए दुनिया भर में भारत सबसे बड़ा बाज़ार है और इस अभियान के अंतर्गत चीनी वस्तुओं के इस्तेमाल पर यदि लोग रोक लगाते हैं तो निश्चित तौर पर चीन के आयात में बड़ी कमी आएगी और चीन का आर्थिक ढांचा कहीं न कहीं बिगड़ेगा । कैट ने केंद्र सरकार से यह भी मांग की है की चीन से आयात होने वाले सामान पर 300 से 500 प्रतिशत की कस्टम ड्यूटी लगाई जाए जिससे चीन से आयात को हतोत्साहित किया जा सके।
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धारा 370 एवं धारा 35 ए को तुरंत समाप्त करने की मांग
खंडेलवाल ने सरकार से यह भी मांग की है की कश्मीर को देश की मुख्या धारा से जोड़ने एवं अन्य राज्यों के साथ बराबरी पर रखने के लिए संविधान की धारा 370 एवं धारा 35 ए को तुरंत समाप्त किया जाए और इसके लिए संसद का विशेष अधिवेशन बुलाया जाए । पूरे देश की यह मांग है। सरकार को अब इस मामले में कतई देर नहीं करनी चाहिए । कैट ने यह भी सुझाव दिया की जम्मू काश्मीर में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था कायम करने के लिए जम्मू, लेह लद्दाख एवं कश्मीर को तीन राज्यों में विभाजित कर देना चाहिए जिससे तीनों राज्यों का बेहतर तरीके से विकास हो सके । कैट ने यह भी मांग की है की जम्मू में लागू टोल टैक्स को भी खत्म कर देना चाहिए । देश भर में अकेले जम्मू में टोल टैक्स लगा गए है जो जीएसटी के मूल विचार एक देश-एक कर व्यवस्था के खिलाफ है।
खंडेलवाल ने सरकार से यह भी मांग की है की कश्मीर को देश की मुख्या धारा से जोड़ने एवं अन्य राज्यों के साथ बराबरी पर रखने के लिए संविधान की धारा 370 एवं धारा 35 ए को तुरंत समाप्त किया जाए और इसके लिए संसद का विशेष अधिवेशन बुलाया जाए । पूरे देश की यह मांग है। सरकार को अब इस मामले में कतई देर नहीं करनी चाहिए । कैट ने यह भी सुझाव दिया की जम्मू काश्मीर में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था कायम करने के लिए जम्मू, लेह लद्दाख एवं कश्मीर को तीन राज्यों में विभाजित कर देना चाहिए जिससे तीनों राज्यों का बेहतर तरीके से विकास हो सके । कैट ने यह भी मांग की है की जम्मू में लागू टोल टैक्स को भी खत्म कर देना चाहिए । देश भर में अकेले जम्मू में टोल टैक्स लगा गए है जो जीएसटी के मूल विचार एक देश-एक कर व्यवस्था के खिलाफ है।
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