
आज हर पार्टी अपने मतभेद भुलाकर गठबन्धन कर रहे हैं, लेकिन क्यों कांग्रेस से दूरी बनाये हुए हैं? क्योकि पूर्व में हुए कांग्रेस के साथ हुए गठबन्धन किसी को रास नहीं आये। कांग्रेस ने हमेशा एक हसीना की तरह व्यवहार किया, मतलब जिस तरह कोई हसीना अपनी जरा-सी मांग या अपने इशारे पर अपने आशिक द्वारा नाचने से मना करने पर, उस आशिक को छोड़ दूसरे के आगोश में चली जाती है, ठीक वही स्थिति कांग्रेस की रही है। अब कर्नाटक में ही देख लो इसका प्रमाण, किस तरह जेडीयू सरकार को नचाने में लगी है। ऐसी स्थिति में कर्नाटक सरकार कितने दिन इस कलह में निकालती है, कहना मुश्किल है।
जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा है कि कांग्रेस का बर्ताव एक सहयोगी के तौर पर अच्छा नहीं है। देवगौड़ा ने कहा कि छह महीने से कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन की सरकार है और कुमारस्वामी मुख्यमंत्री हैं लेकिन कांग्रेस का रवैया ऐसा नहीं है जैसा कि एक सहयोगी का होना चाहिए।
अब मैं चुप नहीं बैठूंगा
अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में देवगौड़ा ने कहा, कुमारस्वामी के मुख्यमन्त्री बनने के बाद पिछले छह महीने के बहुत सारीबातें हुई हैं लेकिन मैं लगातार चुप रहा लेकिन अब शांत नहीं बैठूंगा। गठबंधन सरकार चलाने का आखिर यह कौन सा तरीका है जहां पर हर रोज अपने सहयोगी को यह अनुरोध करना पड़ता है कि वे कोई असंसदीय टिप्पणी न करें।
अवलोकन करें:--
देवगौड़ा ने कहा, कांग्रेस के साथ हम आगे बढ़ना चाहते हैं, हम नहीं चाहते कि कांग्रेस के साथ संबंध खराब हों। कांग्रेस अगर दोस्ती चाहची है तो ये जरूरी है कि खराब भाषा बोलने वाले अपने विधायकों और नेताओं को रोके नहीं तो हम भी इसे नहीं सहेंगे।कुमारस्वामी ने भी कांग्रेस को सुनाया
इसी कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भी कांग्रेस को बर्ताव में सुधार लाने के कहा। उन्होंने कहा, वो उन लोगों में से नहीं हैं जो कुर्सी के लालच में किसी से कुछ भी सुनेंगे और चुप रहेंगे। मैं सीएम की कुर्सी की क्या परवाह करूंगा जब उस मेरे पिता ने प्रधानमंत्री की कुर्सी तक छोड़ दी थी। इससे पहले भी कुमारस्वामी कांग्रेस से नाराजगी जताते हुए इस्तीफे की बात कही थी। कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही दोनों पार्टियों में कभी मंत्रिमंडल तो कभी दूसरे मुद्दों को लेकर लगातार टकराव होता रहा है।
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