मोदी सरकार ने आज (01-02-2019) अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया। इस अंतरिम बजट को अंतिरम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली की तबीयत खराब होने की वजह से वे अपने इलाज के लिए अमेरिका में हैं। पीयूष गोयल ने बजट पेश करते हुए कहा कि हमने ग्रोथ बढ़ाया, वित्तीय घाटा कम किया, देश में निवेश बढ़ा, महंगाई को काबू में किया। महंगाई घटने से लोगों का खर्चा 40% कम हुआ। भारत दुनिया में छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी। साथ ही उन्होंने किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए। लोकसभा चुनाव करीब है इसलिए बजट में किसानों पर अत्यधिक ध्यान दिया गया। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने हेतु सभी 22 फसलों का एमएसपी लागत से 50 प्रतिशत अधिक किया है। छोटे और सीमांत किसान की आय तेज गति से बढ़े इसके लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (प्रधानमंत्री किसान योजना) शुरू की जाएगी।
पीयूष गोयल ने कहा, दो एकड़ वाले किसान के बैंक खाते में डायरेक्ट 6 हजार रुपए सालाना दिए जाएंगे। इससे 12 करोड़ किसानों को फायदा होगा। यह स्कीम एक दिसंबर 2018 से लागू किए जाएंगे। चुनाव से पहले पहली किस्त 2000 रुपए मिलेंगे। गौ माता के लिए कामधेनु योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपए की सहायता प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए किसानों के बैंक खाते में प्रदान की जाएगी। यह राशि उन्हें 2,000-2,000 रुपए की तीन किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त अगले महीने की 31 तारीख तक किसानों के खातों में डाल दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे सीमान्त किसानों को लाभ होगा। इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को मिलेगा। किसानों का कर्ज 11 लाख 68 हजार करोड़ बढ़ गया है।
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जब बजट लीक हो गया था
स्वतंत्र भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर.षणमुगम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 में पेश किया था। वहीं, साल 1950 में पेश होने वाला बजट लीक हो गया था।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार केंद्रीय बजट एक वर्ष में सरकार की अनुमानित आमदनी और खर्च का लेखाजोखा होता है। बजट के इतिहास की बात करें तो 1950 में पेश होने वाला बजट लीक हो गया था। इस पर सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए बजट की प्रिंटिंग प्रेस की जगह को बदल दिया था।
बजट लीक होने के बाद से ये मिंटो रोड स्थित एक प्रेस में छपने लगा था। हालांकि साल 1980 में बजट की प्रिंटिंग को पूरी तरह से बदल दिया गया। इसके बाद से ही बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रखी प्रिंटिंग मशीन में बजट की छपाई होती है। बजट की घोषणा के दो दिन पहले ही प्रिंटर्स को बजट थमाया जाता है।
एक हफ्ते बंद रहते हैं अधिकारी
बजट से संबंधित दस्तावेजों की छपाई की प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले नॉर्थ ब्लॉक में एक 'हलवा सेरेमनी' होती है। इसमें वित्तमंत्री द्वारा बजट से संबंधित सभी मंत्रियों और अधिकारियों के बीच हलवा बांटा जाता है। इस समारोह के बाद बजट की तैयारियों से संबंधित सभी सरकारी अधिकारियों को मोबाइल या इंटरनेट के बिना एक अज्ञात कमरे में बंद कर दिया जाता है। ये अधिकारी उस कमरे से बाहर तब-तक नहीं आते जब तक कि वित्तमंत्री बजट पेश के लिए तैयार नही हो जाते हैं।
संसद में ऐसे पेश होता है बजट
बजट पेश करने की तारीख पर सरकार स्पीकर की सहमति लेती है। इसके बाद लोकसभा सचिवालय के महासचिव राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती हैं। वित्त मंत्री लोकसभा में बजट पेश करते हैं। बजट पेश करने से ठीक पहले वह 'समरी फॉर द कैबिनेट' के जरिए बजट के प्रस्तावों पर कैबिनेट को संक्षेप में बताते हैं।
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पीयूष गोयल ने कहा, दो एकड़ वाले किसान के बैंक खाते में डायरेक्ट 6 हजार रुपए सालाना दिए जाएंगे। इससे 12 करोड़ किसानों को फायदा होगा। यह स्कीम एक दिसंबर 2018 से लागू किए जाएंगे। चुनाव से पहले पहली किस्त 2000 रुपए मिलेंगे। गौ माता के लिए कामधेनु योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपए की सहायता प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए किसानों के बैंक खाते में प्रदान की जाएगी। यह राशि उन्हें 2,000-2,000 रुपए की तीन किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त अगले महीने की 31 तारीख तक किसानों के खातों में डाल दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे सीमान्त किसानों को लाभ होगा। इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को मिलेगा। किसानों का कर्ज 11 लाख 68 हजार करोड़ बढ़ गया है।
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जब बजट लीक हो गया था
स्वतंत्र भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आर.षणमुगम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 में पेश किया था। वहीं, साल 1950 में पेश होने वाला बजट लीक हो गया था।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार केंद्रीय बजट एक वर्ष में सरकार की अनुमानित आमदनी और खर्च का लेखाजोखा होता है। बजट के इतिहास की बात करें तो 1950 में पेश होने वाला बजट लीक हो गया था। इस पर सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए बजट की प्रिंटिंग प्रेस की जगह को बदल दिया था।
बजट लीक होने के बाद से ये मिंटो रोड स्थित एक प्रेस में छपने लगा था। हालांकि साल 1980 में बजट की प्रिंटिंग को पूरी तरह से बदल दिया गया। इसके बाद से ही बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रखी प्रिंटिंग मशीन में बजट की छपाई होती है। बजट की घोषणा के दो दिन पहले ही प्रिंटर्स को बजट थमाया जाता है।
एक हफ्ते बंद रहते हैं अधिकारी
बजट से संबंधित दस्तावेजों की छपाई की प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले नॉर्थ ब्लॉक में एक 'हलवा सेरेमनी' होती है। इसमें वित्तमंत्री द्वारा बजट से संबंधित सभी मंत्रियों और अधिकारियों के बीच हलवा बांटा जाता है। इस समारोह के बाद बजट की तैयारियों से संबंधित सभी सरकारी अधिकारियों को मोबाइल या इंटरनेट के बिना एक अज्ञात कमरे में बंद कर दिया जाता है। ये अधिकारी उस कमरे से बाहर तब-तक नहीं आते जब तक कि वित्तमंत्री बजट पेश के लिए तैयार नही हो जाते हैं।
संसद में ऐसे पेश होता है बजट
बजट पेश करने की तारीख पर सरकार स्पीकर की सहमति लेती है। इसके बाद लोकसभा सचिवालय के महासचिव राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती हैं। वित्त मंत्री लोकसभा में बजट पेश करते हैं। बजट पेश करने से ठीक पहले वह 'समरी फॉर द कैबिनेट' के जरिए बजट के प्रस्तावों पर कैबिनेट को संक्षेप में बताते हैं।
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बजट 2018-19 में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए गए थे। कृषि प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपए, 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाना, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य, 2000 करोड़ रुपए की लागत से कृषि बाजार तैयार करना, गांवों में 22 हजार हाटों को कृषि बाजार में तब्दील करने का फैसला। उपज पर लागत से डेढ़ गुना अधिक दाम मिले, खरीफ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 1.5 गुना, नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपए तक का हेल्थ बीमा का ऐलान किया गया था। सौभाग्य योजना के तहत चार करोड़ गरीब घरों को मुफ्त बिजली देने का ऐलान हुआ था। मछुआरों और पशुपालकों को भी किसानों की तरह क्रेडिट कार्ड देने का ऐलान। मछली पालन और पशुपालन व्यवसाय में 10000 करोड़ रुपए देकर ग्रामीण क्षेत्रो में जनता की आय बढ़ाने की कोशिश करने का ऐलान हुआ था।
हाल में बीजेपी को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा था। माना जा रहा है कि बीजेपी की हार में किसानों और ग्रामीण वोटरों की नाराजगी प्रमुख कारण थी। ऐसे में लगातार इस तरह की चर्चा चल रही थी कि सरकार बजट में किसानों को राहत के लिए कुछ बड़ी घोषणा कर सकती है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को आयकर छूट की सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। यदि कोई करदाता किसी सरकार की विशेष कर बचत योजना में निवेश करता है तो उसके लिए प्रभावी कर मुक्त आय की सीमा एक साल में 6.5 लाख रुपये होगी। स्टैंडर्ड डिडक्शन- 40 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दी गई है और महिलाओं को बैंक से 40 हजार रुपये तक के कर्ज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
80 सी के तहत आप पीपीएफ. एनएससी, नेशनल हाउसिंग बैंक. पोस्ट ऑफिस में जमा तथा सुकन्या समृद्धि योजना और मूच्यूअल फंड में निवेश कर 1.5 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त कर सकते हैं। इस तरह आप पांच लाख रुपये के अलावा अगर ये 1.5 लाख रुपये जोड़ते हैं तो आपकी सीमा 6.5 लाख रुपये हो जाएगी। एनपीएस, चिकित्सा बीमा और आवास ऋण के ब्याज भुगतान को जोड़ने पर यह सीमा सात लाख रुपये से अधिक हो जाएगी।
इसके अलावा मानक कटौती की सीमा को भी 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 करने का प्रस्ताव किया गया है। गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस प्रस्तवा से मध्यम वर्ग के तीन करोड़ करदाताओं को लाभ होगा। आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। वित्त मंत्री ने बैंकों और डाक खाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालना 40000 रुपये तक के ब्याज को स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) से छूट दे दी है। अभी छूट 10000 रुपये तक के ब्याज पर थी।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को आयकर छूट की सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। यदि कोई करदाता किसी सरकार की विशेष कर बचत योजना में निवेश करता है तो उसके लिए प्रभावी कर मुक्त आय की सीमा एक साल में 6.5 लाख रुपये होगी। स्टैंडर्ड डिडक्शन- 40 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दी गई है और महिलाओं को बैंक से 40 हजार रुपये तक के कर्ज पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
80 सी के तहत आप पीपीएफ. एनएससी, नेशनल हाउसिंग बैंक. पोस्ट ऑफिस में जमा तथा सुकन्या समृद्धि योजना और मूच्यूअल फंड में निवेश कर 1.5 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त कर सकते हैं। इस तरह आप पांच लाख रुपये के अलावा अगर ये 1.5 लाख रुपये जोड़ते हैं तो आपकी सीमा 6.5 लाख रुपये हो जाएगी। एनपीएस, चिकित्सा बीमा और आवास ऋण के ब्याज भुगतान को जोड़ने पर यह सीमा सात लाख रुपये से अधिक हो जाएगी।
इसके अलावा मानक कटौती की सीमा को भी 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 करने का प्रस्ताव किया गया है। गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस प्रस्तवा से मध्यम वर्ग के तीन करोड़ करदाताओं को लाभ होगा। आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। वित्त मंत्री ने बैंकों और डाक खाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालना 40000 रुपये तक के ब्याज को स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) से छूट दे दी है। अभी छूट 10000 रुपये तक के ब्याज पर थी।
श्रमयोगी मानवधन योजना के तहत 15 हजार रुपये तक कमाने वाले 10 करोड़ श्रमिकों को लाभ मिलेगा. योजना के लिए हर महीने 55 रुपये देने होंगे. योजना का फायदा रिक्शे वाले और कचरे बीनने वाले को भी मिलेगा. पेंशन योजना के लिए शुरुआत में 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया. पेंशन योजना का फायदा 10 करोड़ लोगों को मिलेगा. पेंशन योजना की शुरुआत इसी वर्ष से की जाएगी. प्रधानमंत्री श्रम धन मानव धन योजाना के तहत 29 साल की उम्र में कामगार को 60 साल तक 100 रुपये देने होंगे.
- सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव का ऐलान करते हुए 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट का प्रस्ताव रखा, जिसकी सीमा अब तक 2.5 लाख रुपये थी। इससे 3 करोड़ मध्यम वर्ग के परिवारों को फायदा मिलेगा।
- सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने की बात कही। वहीं, सरकार ने बैंकों में एफडी के ब्याज पर 40 हजार तक कोई टैक्स नहीं लगने की घोषणा की, जिसकी सीमा अब तक 10 हजार रुपये थी।
- वित्त मंत्री ने छोटे-सीमांत किसानों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 2 हेक्टेयर वाले किसानों के खाते में सालाना सीधे 6 हजार रुपये जाएंगे। यह योजना 1 दिसंबर, 20018 से लागू होगी। सरकार की इस योजना से करीब 12 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
- गायों के लिए सरकार कामधेनु योजना शुरू करेगी। मछली पालन के लिए भी आयोग बनेगा। पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए लिए जाने वाले कर्ज में 2 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
- सरकार ने कामकाजी लोगों के लिए अहम घोषणा करते हुए कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशें जल्द लागू की जाएंगी। सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना आसान बनाई जाएगी।
- सरकार ने 21 हजार मासिक से कम वेतन पर काम करने वाले कामगारों को 7 हजार रुपये का बोनस देने की बात कही है। साथ ही ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाकर 20 लाख किए जाने का ऐलान किया गया।
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना को मंजूरी प्रदान कर दी गई है, जिसका लाभ 15 हजार कमाने वाले कर्मचारियों को मिलेगा। कामगार की आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में 6 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
- सरकार ने अहम घोषणा करते हुए कहा कि जिनका ईपीएफ कटता है, उन्हें 6 लाख रुपये का बीमा प्रदान किया जाएगा।
- महिलाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अहम घोषणा करते हुए कहा कि सरकार 6 करोड़ महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन दे चुकी है। इस योजना के तहत महिलाओं को 8 करोड़ और एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे।
- बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि देशभर में लोगों को उम्दा स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए दिल्ली के एम्स की तर्ज पर एम्स बनाए जा रहे हैं। इसी के तहत हरियाणा में देश का 22वां एम्स शुरू होने जा रहा है।
इससे पहले वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि उनकी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ दी। उन्होंने महंगाई को गरीबी पर टैक्स की तरह बताया। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने एक बार फिर 2022 तक सभी लोगों को घर देने की बात कही। वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 तक देश में लगभग ढ़ाई करोड़ परिवार बिना बिजली के थे, पर सौभाग्य योजना से सरकार ने कई घरों में बिजली का मुफ्त कनेक्शन उपलब्ध कराया। मार्च 2019 तक सभी घरों को बिजली मिल जाएगी।(एजेंसीज इनपुट)
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