जेएनयू देशद्रोह मामला: कन्हैया कुमार पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार ने नहीं दी मंजूरी

Kanhaiya Kumarजवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस ने फरवरी 6 को पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि देशद्रोह मामले में कन्हैया कुमार और अन्य पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी मिलना अब भी बाकी है। पुलिस ने कहा कि मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मिलने का मामला दिल्ली सरकार के पास लंबित है, कुछ दिन में इजाजत मिल सकती है। इस पर अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा कि मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द मंजूरी देने को कहें। मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
इससे पहले जेएनयू के पूर्व छात्रनेता कन्हैया कुमार और नौ अन्य के खिलाफ देशद्रोह के मामले में चार्जशीट दाखिल किए जाने के कुछ दिनों बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि उसने सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बगैर आरोप-पत्र क्यों दाखिल किया? मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक शेरावत ने दिल्ली पुलिस से पूछा, 'आपने अनुमति के बगैर आरोप-पत्र क्यों दाखिल किया? आपके पास कोई विधिक विभाग नहीं है।'
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कांग्रेस ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार से दूरी बनाई। पार्टी ने कन्हैया कुमार को एक कार्यक्र.....

तब पुलिस ने अदालत को आश्वस्त किया कि वह 10 दिनों के भीतर जरूरी मंजूरी प्राप्त करेगी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए छह फरवरी की तिथि तय की थी। लेकिन अभी तक भी मंजूरी नहीं मिल पाई है। दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को आरोप-पत्र दाखिल किया था, जिसमें जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और सात अन्य कश्मीरी छात्रों को आरोपी बनाया गया।
यह मामला संसद हमले के मास्टरमाइंट अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में जेएनयू परिसर में फरवरी, 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम से जुड़ा है। कन्हैया कुमार और खालिद दोनों ने आरोप-पत्र दाखिल किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह राजनीति से प्रेरित है और नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार की मुद्दे से भटकाने वाली चाल है। 

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