
पता नहीं, कश्मीर की जनता कैसे लोगों को वोट देकर अपना ही नुकसान कर रही है। पुलवामा में आतंकवादियों ने 40 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को अकाल मृत्यु का ग्रास बना दिया जाता है और उमर अब्दुल्ला इसे शान्ति बता कर क्या सन्देश देना चाहते हैं? अगर वह इसे शान्ति बता रहे हैं, फिर अशान्ति कैसी होगी, उसकी तो कल्पना करना ही व्यर्थ है।
अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ”बालाकोट हवाई हमले के साथ ही हम नई मिसाल में पहुंच गए हैं। उरी के बाद हुआ सर्जिकल स्ट्राइक हमारे नुकसान का बदला लेने के लिए था, लेकिन बालाकोट जैश के संभावित हमलों को रोकने के लिए बरता गया एहतियात है। बिल्कुल नया खेल है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला नयी दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव विजय गोखले के बयान पर प्रतिक्रिया कर रहे थे।
गोखले ने कहा कि भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर मंगलवार तड़के बड़ा हमला किया ताकि भविष्य में संगठन के आत्मघाती हमलों को रोका जा सके। इस हमले में बड़ी संख्या में आतंकवादी और प्रशिक्षक मारे गए हैं।
अब्दुल्ला ने कहा, ”बालाकोट में बहुत कुछ पहली बार हुआ। दो सबसे महत्वपूर्ण हैं… पहली बार शांति काल में पाकिस्तान के भीतर हमले के लिए हवाई क्षमता का प्रयोग हुआ और पहली बार स्पष्टरूप से आतंकवादी हमले रोकने के लिए एहतियात के तौर पर बल प्रयोग किया गया।
भारत ने पिछली बार हवाई हमला 1971 में युद्ध काल में किया था। इसपर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का कहना है कि इससे भारत और पाकिस्तान दोनों के हित सध रहे हैं क्योंकि हवाई हमले को लेकर वे विपरितार्थक टिप्पणियां कर रहे हैं।
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