भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान से लिया बदला, लौटा दिया करोड़ों का सीमेंट

Pulwama Attack
पाकिस्तान आकाओं ने शायद सपने में भी नहीं सोंचा होगा कि पुलवामा में दहशतगर्दी करने की इतनी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। कारगिल यद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लगाए प्रतिबन्धों ने भी शायद पाकिस्तान को इतना आर्थिक नुकसान पहुंचाया, जितना की अब। अंग्रेजी में एक कहावत है "hit below the belt", जिसे भारत के व्यापारी वर्ग ने चरितार्थ कर दिखाया है। जिससे पाकिस्तान को भविष्य में भी आर्थिक संकट से लड़ना पड़ सकता है। अब तो सऊदी अरब ने मदद कर दी, फिर भी आखिर कब तक अन्य मुस्लिम देश भी पाकिस्तान की तिजोरियों में डॉलर डालते रहेंगे। सबकी एक सीमा होती है। आतंकवाद के सभी शिकार है।  
पुलवामा हमले के बाद कई भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान (Pakistan) से व्यापार करने से इनकार कर दिया है। अब इसमें सीमेंट व्यापारियों का नाम भी जुड़ गया है। भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान से सीमेंट के आयात पर रोक लगा दी है। उन्होंने पाकिस्तान से आए सीमेंट के 600-800 कंटेनरों को वापस कर दिया है। पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक फिलहाल यह कंटेनर कराची पोर्ट, कोलंबो और दुबई पोर्ट पर पड़े हैं।

पाक को होगा 8 करोड़ डॉलर का नुकसान

पाकिस्तान सालाना तौर पर भारत को 7 से 8 करोड़ डॉलर (500-572 करोड़ रुपए) की सीमेंट बेचता है। व्यापारियों के इस कदम से पाकिस्तान को यह नुकसान उठाना पड़ेगा। हाल ही में भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सभी उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी 200 फीसदी बढ़ा दी है। बिना ड्यूटी के पाकिस्तान से आने वाले एक टन सीमेंट की कीमत 44 डॉलर (3415 रुपए) होती है।

पाकिस्तानी सीमेंट का प्रमुख इंर्पोटर है भारत

मौजूदा वित्त वर्ष में जुलाई से जनवरी के बीच पाकिस्तान ने भारत को 6.48 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया। जबकि 2017-18 में 12.12 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया। ऑल पाकिस्तान सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन के मुताबिक पाकिस्तान ने 2007-08 में भारत को सीमेंट निर्यात करना शुरू किया। 2016-17 में पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा भारत को 12.53 लाख टन सीमेंट निर्यात किया।

Indiaछुआरे भी नहीं खरीदेगा भारत

भारत हर साल पाकिस्तान से 14.5 लाख डॉलर (1,036 करोड़ रुपए) में 2.1 लाख टन छुआरे खरीदता है। पुलवामा हमले के बाद भारतीय व्यापारियों ने छुआरे भी खरीदने से मना कर दिया है।

ट्रेड बैलेंस है भारत के पक्ष में

दोनों देशों के बीच ट्रेड बैलेंस 1.36 अरब डॉलर (9.72 लाख करोड़ रुपए) का है और यह भारत के पक्ष में है। 2017-18 में पाकिस्तान ने भारत को 48.4 करोड़ डॉलर (3461 करोड़ रुपए) का एक्सपोर्ट किया, जबकि भारत ने पाकिस्तान को 1.8 अरब डॉलर (12.8 हजार करोड़ रुपए) का एक्सपोर्ट किया।

पाक से छीना मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा

पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक में पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करने का फैसला लिया गया। मोस्ट फेवर्ड नेशन का मतलब सबसे अधिक तरजीही देश होता है। विश्व व्यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार के लिए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाता है। एमएफएन दर्जा प्राप्त देश को इस बात का आश्वासन दिया जाता है कि उसे व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। भारत ने पाकिस्ताव को 1996 में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाएगा। 2016 में भारत और पाकिस्तान ने बीच करीब 2.89 बिलियन डॉलर का कारोबार था। इसमें बड़ा हिस्सा भारत से पाकिस्तान होने वाले निर्यात का है। हालांकि, अभी तक पाकिस्तान ने भारत को यह दर्जा दिया है।
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार पुलवामा में आतंकवादी हमले के पांच दिन बीत जाने के…

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