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72 साल बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने लिया यह बड़ा फैसला

Prime Minister Narendra Modi
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान पर नकेल कसने में जुटे भारत ने 72 साल बाद एक और बड़ा फैसला किया है। केंद्र की मोदी सरकार ने शत्रु संपत्तियों के सार्वजनिक उपयोग की अनुमति दे दी है। इस फैसले के बाद इन संपत्तियों का उपयोग आम आदमी कर सकेगा। अभी तक इन संपत्तियों को आम आदमी उपयोग नहीं कर पाता था।
भारत में करीब एक लाख करोड़ की है शत्रु संपत्ति
गृह मंत्रालय के अनुसार देश में करीब 1 लाख करोड़ रुपए की शत्रु संपत्ति है। इनकी संख्या 9400 के करीब है। इसके अलावा तीन हजार करोड़ रुपए के शत्रु शेयर भी भारत सरकार के पास हैं। इन संपत्तियों में से सबसे ज्यादा 4991 उत्तर प्रदेश, 2735 पश्चिम बंगाल और 487 संपत्ति दिल्ली में स्थित हैं। इसके अलावा भारत छोड़कर चीन जाने वालों की 57 संपत्ति मेघालय, 29 पश्चिम बंगाल और 7 आसाम में स्थित हैं। 

शत्रु शेयरों की बिक्री के लिए कमेटी का गठन

देश में करीब तीन हजार करोड़ रुपए मूल्य के शत्रु शेयर हैं। पिछले साल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर की ओर से राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, 996 कंपनियों में करीब 20 हजार लोगों के 6 करोड़ से ज्यादा शत्रु शेयर हैं। यह शेयर 588 सक्रिय, 139 सूचीबद्ध और बाकी गैरसूचीबद्ध कंपनियों में हैं। केंद्र सरकार ने इन शेयरों को बेचने के लिए पिछले महीने एक कमेटी का भी गठन किया था। यह कंपनी इन शेयरों की बिक्री का मूल्य निर्धारण का कार्य करेगी। 

क्या होती है शत्रु संपत्ति

बंटवारे के बाद पाकिस्तान में जा बसे लोगों और 1962 के युद्ध के बाद चीन चले गए लोगों की भारत में स्थित संपत्ति को शत्रु संपत्ति कहा जाता है। 1968 में संसद द्वारा पारित शत्रु संपत्ति अधिनियम के बाद इन संपत्तियों पर भारत संरकार का कब्जा हो गया था। तब से इन संपत्तियों की देखभाल गृह मंत्रालय कर रहा था। देश के कई राज्यों में शत्रु संपत्ति फैली हुई है। लंबे समय से कई संगठन इन संपत्तियों के सार्वजनिक इस्तेमाल की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार ने अब जाकर इन संपत्तियों के सार्वजनिक इस्तेमाल की अनुमति दी है। 2017 मं सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम में बदलाव कर इन लोगों का संपत्ति से अधिकार खत्म कर दिया था।

हिन्दुस्तान की कार्रवाई का असर : पाकिस्तान में 180 रुपए किलो हुआ टमाटर

The effect of Indian action on Pakistan tomatoes are being sold rs 180पुलवामा हमले के बाद पूरे देश में जारी रोष का असर अब दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों पर भी दिखाई देने लगा है। सड़क मार्ग से होने वाली कई जरूरी वस्तुओं की सप्लाई में कमी आई है। कई ट्रेडर्स और किसानों ने माल भेजना बंद कर दिया है। पाकिस्तान निर्यात किए जाने वाले सामान पर भारत ने बेसिक कस्टम ड्यूटी को 200 फीसदी तक बढ़ा दिया गया। भारतीय किसानों ने अपने उत्पाद पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया। मध्य प्रदेश के किसानों ने पाकिस्तान को टमाटर भेजने से साफ इनकार किया है। उनका कहना है कि हमारे टमाटर भले सड़ जाए लेकिन हम उसे पाकिस्तान नहीं भेजेंगे। इसका असर यह है कि पाकिस्तान में टमाटर के दाम आसमान छूने लगे हैं। इस बात की जानकारी साउथ एशिया की एक पत्रकार ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर दी है। 

India vs Pakistan: Tomatoes in Lahore are being sold for Rs180/kg.
180 रुपए किलो पहुंचे टमाटर के दाम
पाकिस्‍तान में टमाटर का भाव आसमान छू रहा है। लाहौर में टमाटर 180 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वहीं भारत में टमाटर 10 रुपए किलो मिल रहा है। पाकिस्तान को सबसे ज्यादा फल-सब्जियां सप्लाई करने वाली आजादपुर मंडी में व्यापारियों ने वहां माल नहीं भेजने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अटारी-बाघा मार्ग से यहां से रोजाना 75 से 100 ट्रक टमाटर जा रहा था, लेकिन इस घटना के बाद ट्रेडर्स ने इसे रोक दिया है।

आलू से लेकर दूसरी सब्जियां भी हुईं महंगी
टमाटर की तरह की अन्य सब्जियां भी महंगी हो गई है। पाकिस्तान की सब्जी मंडी में आलू के दाम में भी इजाफा हुआ है। 18 फरवरी के दाम के अनुसार, आलू 30-35 रुपए किलो बिक रहा है। पहले यह 10-12 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। खीरे और तोरी 80 रुपए प्रति किलो में बिक रहे हैं। 

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जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों के शोक से देश अब तक उबरा ...

पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लिया गया
बता दें कि पुलवामा हमले के बाद वाणिज्य मंत्रालय पाकिस्तान को दिए गए 'सबसे तरजीही राष्ट्र (मोस्ट फेवर्ड नेशन)' का दर्जा वापस लेने के अपने फैसले के बारे में जल्द ही विश्व व्यापार संगठन (WTO) को अधिसूचित करेगा। भारत ने सुरक्षा कारणों के चलते यह कदम उठाया है। तरजीही राष्ट्र का दर्जा वापस लेने के बाद भारत, पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा सकेगा। भारत ने 2017-18 में पाकिस्तान से 48.8 करोड़ डॉलर का सामान आयात किया था।
भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान से सीमेंट के आयात पर रोक लगा दी है
भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान से सीमेंट के आयात पर रोक लगा दी है। उन्होंने पाकिस्तान से आए सीमेंट के 600-800 कंटेनरों को वापस कर दिया है। पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक फिलहाल यह कंटेनर कराची पोर्ट, कोलंबो और दुबई पोर्ट पर पड़े हैं। (एजेंसीज इनपुट्स सहित)

भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान से लिया बदला, लौटा दिया करोड़ों का सीमेंट

Pulwama Attack
पाकिस्तान आकाओं ने शायद सपने में भी नहीं सोंचा होगा कि पुलवामा में दहशतगर्दी करने की इतनी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। कारगिल यद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लगाए प्रतिबन्धों ने भी शायद पाकिस्तान को इतना आर्थिक नुकसान पहुंचाया, जितना की अब। अंग्रेजी में एक कहावत है "hit below the belt", जिसे भारत के व्यापारी वर्ग ने चरितार्थ कर दिखाया है। जिससे पाकिस्तान को भविष्य में भी आर्थिक संकट से लड़ना पड़ सकता है। अब तो सऊदी अरब ने मदद कर दी, फिर भी आखिर कब तक अन्य मुस्लिम देश भी पाकिस्तान की तिजोरियों में डॉलर डालते रहेंगे। सबकी एक सीमा होती है। आतंकवाद के सभी शिकार है।  
पुलवामा हमले के बाद कई भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान (Pakistan) से व्यापार करने से इनकार कर दिया है। अब इसमें सीमेंट व्यापारियों का नाम भी जुड़ गया है। भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान से सीमेंट के आयात पर रोक लगा दी है। उन्होंने पाकिस्तान से आए सीमेंट के 600-800 कंटेनरों को वापस कर दिया है। पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक फिलहाल यह कंटेनर कराची पोर्ट, कोलंबो और दुबई पोर्ट पर पड़े हैं।

पाक को होगा 8 करोड़ डॉलर का नुकसान

पाकिस्तान सालाना तौर पर भारत को 7 से 8 करोड़ डॉलर (500-572 करोड़ रुपए) की सीमेंट बेचता है। व्यापारियों के इस कदम से पाकिस्तान को यह नुकसान उठाना पड़ेगा। हाल ही में भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सभी उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी 200 फीसदी बढ़ा दी है। बिना ड्यूटी के पाकिस्तान से आने वाले एक टन सीमेंट की कीमत 44 डॉलर (3415 रुपए) होती है।

पाकिस्तानी सीमेंट का प्रमुख इंर्पोटर है भारत

मौजूदा वित्त वर्ष में जुलाई से जनवरी के बीच पाकिस्तान ने भारत को 6.48 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया। जबकि 2017-18 में 12.12 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया। ऑल पाकिस्तान सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन के मुताबिक पाकिस्तान ने 2007-08 में भारत को सीमेंट निर्यात करना शुरू किया। 2016-17 में पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा भारत को 12.53 लाख टन सीमेंट निर्यात किया।

Indiaछुआरे भी नहीं खरीदेगा भारत

भारत हर साल पाकिस्तान से 14.5 लाख डॉलर (1,036 करोड़ रुपए) में 2.1 लाख टन छुआरे खरीदता है। पुलवामा हमले के बाद भारतीय व्यापारियों ने छुआरे भी खरीदने से मना कर दिया है।

ट्रेड बैलेंस है भारत के पक्ष में

दोनों देशों के बीच ट्रेड बैलेंस 1.36 अरब डॉलर (9.72 लाख करोड़ रुपए) का है और यह भारत के पक्ष में है। 2017-18 में पाकिस्तान ने भारत को 48.4 करोड़ डॉलर (3461 करोड़ रुपए) का एक्सपोर्ट किया, जबकि भारत ने पाकिस्तान को 1.8 अरब डॉलर (12.8 हजार करोड़ रुपए) का एक्सपोर्ट किया।

पाक से छीना मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा

पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक में पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करने का फैसला लिया गया। मोस्ट फेवर्ड नेशन का मतलब सबसे अधिक तरजीही देश होता है। विश्व व्यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार के लिए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाता है। एमएफएन दर्जा प्राप्त देश को इस बात का आश्वासन दिया जाता है कि उसे व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। भारत ने पाकिस्ताव को 1996 में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाएगा। 2016 में भारत और पाकिस्तान ने बीच करीब 2.89 बिलियन डॉलर का कारोबार था। इसमें बड़ा हिस्सा भारत से पाकिस्तान होने वाले निर्यात का है। हालांकि, अभी तक पाकिस्तान ने भारत को यह दर्जा दिया है।
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार पुलवामा में आतंकवादी हमले के पांच दिन बीत जाने के…

मोदी सरकार का अरब देशों को बड़ा झटका, अब अमेरिका से खरीदेगा करोड़ों का तेल

narendra modi- indian oilसऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (saudi prince Mohammad Bin Salman Al Saud) पाकिस्तान को अरबों डॉलर की सौगात देने के बाद आज(फरवरी 19) को भारत आ रहे हैं। लेकिन उससे एक दिन पहले ही भारत ने अरब देशों को तगड़ा झटका दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुआई वाली सरकार ने क्रूड ऑयल के लिए अरब देशों से निर्भरता कम करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल (Indian Oil) ने रोजाना 60 हजार बैरल या कुल 30 लाख टन तेल खरीदने के लिए अमेरिका के साथ बड़ा समझौता किया है। 

भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मिलेगी मजबूती

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की सबसे बड़ी रिफाइनर आईओसी (IOC) भारत की पहली सरकारी ऑयल कंपनी है, जिसने अमेरिका के साथ सालाना डील की है। इससे भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड रिलेशंस को भी मजबूती मिलेगी। पहले कंपनी स्पॉट मार्केट से अमेरिका ऑयल खरीदती रही है और इससे नवंबर और जनवरी के बीच 60 लाख बैरल तेल खरीदने के लिए एक मिनी-टर्म डील की थी।

अप्रैल से शुरू होगी सप्लाई

आईओसी (IOC) संजीव सिंह ने कहा कि सालाना कॉन्ट्रैक्ट अप्रैल, 2019 से शुरू होगा और मार्च, 2020 में खत्म होगा। हालांकि गोपनीयता का हवाला देते हुए उन्होंने सेलर कंपनी या प्राइसिंग का ब्योरा देने से इनकार कर दिया। एक इंडस्ट्री सोर्स ने कहा कि आईओसी (IOC) ने नॉर्वे की ऑयल कंपनी इक्विनोर के साथ डील की है, जो अमेरिकी क्रूड ग्रेड की कई वैरायटी की सप्लाई करेगी। इक्विनोर ने भी इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

अरब देशों पर निर्भरता होगी कम

इंडियन ऑयल अपनी तेल जरूरतों का अधिकांश तेल लॉन्ग टर्म डील्स के माध्यम से खरीदती है, जो ज्यादातर ओपेक (OPEC) देशों के साथ होती है। ओपेक के सदस्यों में अधिकांश अरब देश शामिल हैं। टर्म डील से आईओसी को ओपेक देशों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
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भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि भारत को पुलवामा आतंकवादी हमले के मद्देनजर आगामी विश्व कप में पा.....

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार की मानसिकता स्पष्ट दिखने लगी है। सऊदी अरब द्वारा पाकिस्तान को दी जा रही मदद के मद्देनज़र मोदी सरकार के इस निर्णय से भारत में मोदी विरोधी स्तब्ध हैं, इन परिस्थितियों में मोदी के इस साहसिक निर्णय का कोई विरोध करने का सोंच भी नहीं सकता। प्रधानमंत्री इस समय केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान का साथ देने वालों के विरुद्ध भी कार्यवाही करने से नहीं चूक रहे। यह काम केवल किसी राजनेता के दृढ़ इच्छाशक्ति पर ही निर्भर करता है। जिसे प्रकट करने में मोदी लेशमात्र भी संकोच नहीं कर रहे।  

विश्व कप में पाकिस्तान से नहीं खेलना चाहिये : ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह

Harbhajan Singh
भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि भारत को पुलवामा आतंकवादी हमले के मद्देनजर आगामी विश्व कप में पाकिस्तान से नहीं खेलना चाहिये।हरभजन ने कहा कि भारत अगर 16 जून को मैनचेस्टर में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच गंवा भी देता है तो भी इतना मजबूत है कि विश्व कप जीत सकता है। आइए जानते हैं कि हरभजन सिंह ने अपने इस बयान में क्या कुछ कहा है।
हरभजन सिंह ने ‘आज तक’ चैनल से बातचीत के दौरान कहा, ‘भारत को विश्व कप में पाकिस्तान से नहीं खेलना चाहिये। भारतीय टीम इतनी मजबूत है कि पाकिस्तान से खेले बिना भी विश्व कप जीत सकती है।’ हरभजन ने कहा, ‘यह कठिन समय है। हमला हुआ है, यह अविश्वसनीय है और बहुत गलत है। सरकार जरूर कड़ी कार्रवाई करेगी। जहां तक क्रिकेट का सवाल है तो मुझे नहीं लगता कि हमें उनके साथ कोई भी संबंध रखना चाहिये वरना ऐसा चलता रहेगा।’
उन्होंने कहा, ‘हमें देश के साथ खड़े होना चाहिये। क्रिकेट या हॉकी या किसी भी खेल में हमें उनके साथ नहीं खेलना चाहिये।’ गौरतलब है कि इससे पहले भी कई क्रिकेटर व खेल जगत की हस्तियां सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर अपना गुस्सा जाहिर किया है।
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पीसीबी (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) ने भारत में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) द्वारा पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और म.....

सीसीआई (क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया) ने फरवरी 16 को और पंजाब क्रिकेट संघ ने मोहाली में फरवरी 17 को इमरान खान और अन्य पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ियों के पोस्टर हटा दिए थे। जबकि, आईएमजी रिलायंस ने पुलवामा हमले के विरोध में पाकिस्तान सुपर लीग 2019 (पीएसएल) का प्रसारण करने से इनकार कर दिया। इससे पहले, भारत में पीएसएल के ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर डी स्पोर्ट ने पुलवामा आतंकी हमले के विरोध में टूर्नामेंट के प्रसारण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।

पाकिस्तानी श्रद्धालुओं पर लगाए रोक, न दे वीजा : अजमेर शरीफ के दीवान की सरकार से मांग

ajmer sharifपुलवामा में हुए आतंकी हमले से ना सिर्फ देश देश रोष में है बल्कि विदेशों में भी इसकी घोर निंदा की जा रही है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को दिया हुआ मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है। अब अजमेर शरीफ के दीवान सै्ययद जैनुल आबेदीन अली खान ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा भारत सरकार सलाना उर्स में आने वाले यात्रियों के जत्थे पर रोक लगाए।

देश की सुरक्षा के लिए है खतरा

उन्होंने कहा, '' भारत सरकार अब आगामी अजमेर शरीफ उर्स में किसी भी पाकिस्तानी जत्थे को आने की अनुमति ना दें। पाकिस्तान हुकूमत भारत भेजने वाले जत्थे में अपने एजेंट भी भेजता है जिससे कई गुप्त जानकारियां भारत से हासिल करता है। जो देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरनाक है'' उन्होंने कहा पाकिस्तान से अजमेर शरीफ आने वाले लोगों को वीजा न दिया जाए । 

पहले भी वीजा रद्द होने पर बौखला चुका है  पाकिस्तान

बता दें कि 19-29 मार्च 2018 के बीच अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर उर्स के अवसर पर शामिल होने के लिए 503 पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों को वीजा नहीं दिया गया था जिसपर पाकिस्तान नाराजगी जाहिर कर चुका है।
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पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा जैश ए मोहम्मद का आतंकवादी कामरान हिलाल और अब्दुल राशिद गाजी मारा गय....

हर साल लगभग 3 लाख पाकिस्तानी पहुंचते हैं दरगाह

12वीं सदी में बनी इस दरगाह से हुक्मरानों का प्यार काफी पुराना है। बता दें कि मुगल बादशाह अकबर भी यहां औलाद के लिए दुआ मांगने आए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल करीब 3 लाख लोग पाकिस्तान से आते हैं। पाकिस्तानी हुक्मरानों को सूफी की दरगाह खासतौर पर अपनी ओर खींचती रही है। जरदारी, बेनजीर भुट्टो, पूर्व राष्ट्रपति जिया-उल-हक और परवेज मुशर्रफ भी यहां दुआ मांगने आ चुके हैं।

Pulwama Effect: इंडियन फिल्म इंड्रस्टी में पाकिस्तानी कलाकारों पर लगा बैन

fawad khan
फवाद खान 
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ फिल्म समीक्षक 
पुलवामा आतंकी हमले के बाद एक के बाद एक पाकिस्तान के खिलाफ चौतरफा कदम उठाए जा रहे हैं। अब फिल्म इंड्रस्टी में पाकिस्तानी कलाकारों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने फिल्म उद्योग में काम करने वाले पाकिस्तानी अभिनेताओं और कलाकारों पर प्रतिबंध की घोषणा की है। 
पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आधिकारिक प्रतिबंध के बावजूद यदि कोई संगठन पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने पर जोर देता है, तो AICWA उन्हें प्रतिबंधित करेगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पत्र में पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की गई है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
इसी गंभीर स्थिति में अजय देवगन ने भी ट्वीट किया कि उनकी आगामी फिल्म 'टोटल धमाल' पाकिस्तान में रिलीज नहीं होगी। टोटल धमाल में अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित सहित एक मल्टी-स्टार कास्ट है, और यह शुक्रवार 22 फरवरी को स्क्रीन पर आएगी। इसके अलावा टोटल धमाल की टीम ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को भी 50 लाख रुपए का दान दिया है।
हमले के विरोध में और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) के सदस्यों ने रविवार को फिल्म सिटी गेट पर शांति मार्च में भाग लिया था। ईशा कोप्पिकर, गजेंद्र चौहान, गोविंद नामदेव और संगीतकार सलीम मर्चेंट समेत कई बड़े नामों ने इसे अपना समर्थन दिया।
जबकि कमल हसन का कहना है, कश्मीर में जनमत संग्रह कराओ। यानि पाकिस्तान और कश्मीर में अलगाववादियों की बोली। जो दर्शाता है कि कमल हसन में कितना पाकिस्तानी प्रेम है।  
-- हां जनमत संग्रह कराइए, पहले धारा 370 धारा 35a संविधान की हटा दीजिए और सभी भारतवासियों को वहां बसने की इजाजत दीजिए।
--- सारे गैर मुस्लिमों को कश्मीर से जबरन निकाल दिए ।
-- और बचे जो उनका कत्ल करने के बाद आप कहते हैं जनमत संग्रह कराओशर्म नहीं आती आपको मुस्लिम राष्ट्र की कल्पना करते हुए ।

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All India Cine Workers Association announce a total ban on Pakistani actors and artists working in the film industry.
FWICE के मुख्य सलाहकार अशोक पंडित ने कहा कि एसोसिएशन ने पाकिस्तान के सभी कलाकारों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, 'जो भी निर्माता पाकिस्तान के कलाकारों के साथ काम करने पर जोर देते हैं, उन्हें प्रतिबंध का सामना करना होगा।'
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार पुलवामा अटैक (Pulwama Terror Attack) के बाद भारत का गुस्सा आसमान पर पहुंच गया है. उसने हमले के लिए जिम...

इसके अलावा अमिताभ बच्चन ने पुलवामा अटैक में हर एक शहीद के परिवार वालों के लिए रुपए 5 लाख का दान दिया। अक्षय कुमार ने गृह मंत्रालय के 'भारत के वीर' के लिए 5 करोड़ रुपए दान में दिए, यह एक पहल है जो शहीदों के परिवारों के लिए धन इकट्ठा करता है। अन्य बॉलीवुड सेलेब्स जैसे कि कृति सेनन और कैलाश खेर ने भी ट्वीट कर अपने फैंस को इस मुश्किल घड़ी में शहीदों के परिवारों की आर्थिक मदद करने के लिए कहा।
भारतीय सिने एसोसिएशन को उन सभी पाकिस्तानी कलाकारों को भारत से बाहर करने की मांग करनी चाहिए। जिन्हें पिछली सरकार ने भारतीय नागरिकता प्रदान की थी। भारत में एक से बढ़कर एक कलाकार हैं, जो फिल्मों में हर तरह का अभिनय करने में सक्षम हैं, फिर पाकिस्तान से कलाकार क्यों? जो भारत को क्षति पहुँचाने का कोई अवसर नहीं चूकता।   

सीसीआई की मांग- वर्ल्ड कप में पाकिस्तान का बायकॉट करे भारत

इमरान खान की तस्वीर ढकने वाले सीसीआई की मांग- वर्ल्ड कप में पाकिस्तान का बायकॉट करे भारत
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
पुलवामा अटैक (Pulwama Terror Attack) के बाद भारत का गुस्सा आसमान पर पहुंच गया है. उसने हमले के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान से ‘पसंदीदा देश’ (मोस्ट फेवर्ड नेशन) का दर्जा तो छीन ही लिया है. अब वह पाकिस्तान को अलग-थलग करने के प्रयासों में जुट गया है. इसके लिए खेलों का इस्तेमाल किया जा सकता है. मुंबई के क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने मांग की है कि भारत को क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान से मैच नहीं खेलना चाहिए. क्रिकेट विश्व कप (World Cup 2019) इंग्लैंड में 30 मई से होना है. इसमें भारत-पाकिस्तान समेत 10 टीमें हिस्सा लेंगी. टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान का मैच 16 जून को होना है. 
मुंबई का क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई), पहला ऐसा क्लब है, जिसने अपने स्टेडियम (ब्रेबोर्न) से पाकिस्तानी क्रिकेटरों की तस्वीरें हटाईं या उन्हें ढक दिया. क्लब ने फरवरी 16 को ही पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान की तस्वीर ढक दी है. क्लब ने कहा है कि यह तस्वीर हटाई जाएगी या नहीं, इस पर बाद में फैसला लिया जाएगा. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यह तस्वीर हटाई जाएगी. इसकी जगह वीनू मांकड़ की तस्वीर लगाई जा सकती है. 
IND vs PAKएएनआई के मुताबिक सीसीआई के सचिव सुरेश बाफना ने फरवरी 17 को कहा, ‘हम इस आतंकी हमले की निंदा करते हैं, जिसमें हमारे 42 जवान शहीद हुए हैं. हालांकि, सीसीआई एक खेल संघ है, लेकिन देश, खेलों से पहले आता है.’ उन्होंने कहा, ‘भारत को विश्व कप में पाकिस्तान से मैच नहीं खेलना चाहिए. इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं. अगर उनको लगता है कि इस हमले में उनके देश की कोई भूमिका नहीं है, तो उन्हें सामने आकर इस पर बात करनी चाहिए थी. उन्होंने ऐसा नहीं किया, जो इस बात का संकेत है कि कहीं ना कहीं पाकिस्तान इसमें शामिल है.’ सोशल मीडिया पर भी यह मांग जो पकड़ रही है कि भारत को विश्व कप में पाकिस्तान का बायकॉट करना चाहिए. 
भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व कप में अब तक छह मैच खेले गए हैं. इन मुकाबलों में भारत के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने ये सभी छह मुकाबले जीते हैं. दोनों टीमें विश्व कप में पहली बार 1992 में लीग मैच में आमने-सामने आई थीं. इसके बाद भारत ने 1996 में उसे क्वार्टर फाइनल में हराया. इसके बाद 1999, 2003, 2011 और 2015 के विश्व कप में भारत ने पाकिस्तान पर जीत दर्ज की. 2011 में उसने पाकिस्तान को सेमीफाइनल में हराया था. 
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन ने ऑफिस से हटाई पाकिस्तानी क्रिकेटरों की तस्वीरें
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. अब ये आक्रोश देश के क्रिकेट में भी नजर आने लगा है. मिली जानकारी के अनुसार देश के कई क्रिकेट एसोसिएशन ने अपने दफ्तरों से पाकिस्तान के क्रिकेटों की फोटो हटाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में राजस्थान क्रिकेट एकेडमी में भी सोमवार की सुबह करीब 40 पाकिस्तान क्रिकेटरों की तस्वीरों को हटा दिया. 
इन सभी क्रिकेटरों की तस्वीरों को हटाकर आरसीए दफ्तर के स्टोर में रख दिया गया है. गौरतलब है कि रविवार को कई क्रिकेटरों ने पाकिस्तान के क्रिकेटरों की तस्वीरों को हटाने की मांग की थी जिसके बाद आरसीए अध्यक्ष सीपी जोशी ने इन क्रिकेटरों की तस्वीरों को हटाने के आदेश दिए थे. बीती शाम क्रिकेटरों की तस्वीर हटाने की मांग के बाद आरसीए ने तुरंत प्रभाव से कदम उठाते हुए इन तस्वीरों को हटाने का निर्णय लिया.
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पुलवामा हमले का ग्रहण लाहौर बस सेवा पर भी लग गया है। शनिवार(फरवरी 16) को पाकिस्तान से बस में सिर्फ एक पुरुष यात्री भार...

आरसीए एकेडमी और आरसीए कार्यालय से करीब 40 से ज्यादा तस्वीरों को हटाया गया है. इनमें से ज्यादातर तस्वीरें वकार यूनुस, वसीम अकरम, मोहम्मद यूसुफ और शाहीद आफरीदी की है. इसके साथ ही एसएमएस स्टेडियम में आयोजित हुई कई द्विपक्षीय प्रतियोगिताओं के दौरान की तस्वीरों को भी आरसीए कार्यालय से हटाया गया है.
इससे पहले फरवरी 16 को मुंबई स्थित क्रिकेट क्लब आफ इंडिया ने भी इस आतंकवादी हमले का अनूठा विरोध जताते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का पोस्टर ढक दिया था. सूत्रों के मुताबिक इमरान खान की तस्वीर को हटाई जाएगी और उसकी जगह विनोद मांकड़ की तस्वीर लगाई जाएगी. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली है.

आज फरवरी 18 को पुलवाना हमले के विरोध में भारत बंद के दौरान दिल्ली जामा मस्जिद पर भारतीय मुसलमानों ने पाकिस्तान की इस कायरना हरकत का मीना बाजार व्यापार संघ के नेतृत्व में विरोध दर्ज़ किया गया। (एजेंसीज इनपुट्स सहित)