
भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मिलेगी मजबूती
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की सबसे बड़ी रिफाइनर आईओसी (IOC) भारत की पहली सरकारी ऑयल कंपनी है, जिसने अमेरिका के साथ सालाना डील की है। इससे भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड रिलेशंस को भी मजबूती मिलेगी। पहले कंपनी स्पॉट मार्केट से अमेरिका ऑयल खरीदती रही है और इससे नवंबर और जनवरी के बीच 60 लाख बैरल तेल खरीदने के लिए एक मिनी-टर्म डील की थी।
अप्रैल से शुरू होगी सप्लाई
आईओसी (IOC) संजीव सिंह ने कहा कि सालाना कॉन्ट्रैक्ट अप्रैल, 2019 से शुरू होगा और मार्च, 2020 में खत्म होगा। हालांकि गोपनीयता का हवाला देते हुए उन्होंने सेलर कंपनी या प्राइसिंग का ब्योरा देने से इनकार कर दिया। एक इंडस्ट्री सोर्स ने कहा कि आईओसी (IOC) ने नॉर्वे की ऑयल कंपनी इक्विनोर के साथ डील की है, जो अमेरिकी क्रूड ग्रेड की कई वैरायटी की सप्लाई करेगी। इक्विनोर ने भी इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
अरब देशों पर निर्भरता होगी कम
इंडियन ऑयल अपनी तेल जरूरतों का अधिकांश तेल लॉन्ग टर्म डील्स के माध्यम से खरीदती है, जो ज्यादातर ओपेक (OPEC) देशों के साथ होती है। ओपेक के सदस्यों में अधिकांश अरब देश शामिल हैं। टर्म डील से आईओसी को ओपेक देशों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
अवलोकन करें:-
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार की मानसिकता स्पष्ट दिखने लगी है। सऊदी अरब द्वारा पाकिस्तान को दी जा रही मदद के मद्देनज़र मोदी सरकार के इस निर्णय से भारत में मोदी विरोधी स्तब्ध हैं, इन परिस्थितियों में मोदी के इस साहसिक निर्णय का कोई विरोध करने का सोंच भी नहीं सकता। प्रधानमंत्री इस समय केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान का साथ देने वालों के विरुद्ध भी कार्यवाही करने से नहीं चूक रहे। यह काम केवल किसी राजनेता के दृढ़ इच्छाशक्ति पर ही निर्भर करता है। जिसे प्रकट करने में मोदी लेशमात्र भी संकोच नहीं कर रहे।
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