पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय फिल्मों व टीवी कार्यक्रमों पर लगाई रोक

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आर.बी.एल.निगम, फिल्म समीक्षक 
भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है। इसके बाद पाकिस्तान कैबिनेट ने तत्काल मीटिंग बुलाई और भारत के प्रति एक्शन लेते हुए भारतीय सिनेमा को पाकिस्तान में रिलीज पर बैन लगा दिया है। पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने इसका एलान किया। पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री देश में भारतीय फिल्मों के साथ-साथ 'मेड इन इंडिया' विज्ञापनों के बहिष्कार की घोषणा की। बता दें कि पुलवामा अटैक के बाद भारत ने पाकिस्तानी एक्टर्स और आर्टिस्ट्स को बैन कर दिया और अपनी कई फिल्मों को वहां रिलीज करने पर रोक लगा दी, वहीं अब पाकिस्तान भी बौखलाया हुआ नजर आ रहा है। इसके अलावा पीईएमआरए को 'मेड इन इंडिया' विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निदेर्श दिया गया है।

सिनेमा एक्जिबिटर एसोसिएशन ने भारतीय कंटेंट का बहिष्कार किया है।


पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के सिनेमा एग्जिबीटर्स एसोसिएशन ने भारतीय फिल्मों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। चौधरी ने ट्वीट किया, सिनेमा एक्जिबिटर एसोसिएशन ने भारतीय कंटेंट का बहिष्कार किया है। इसके साथ पाकिस्तान में अब कोई भारतीय फिल्म रिलीज नहीं होगी।
पाकिस्तान को होगा नुकसान 
पाकिस्तान में बाॅलीवुड फिल्मों पर बैन होने से राजस्व में कमी आएगी ही, पाकिस्तान की फिल्म इंडस्ट्री पर भी बुरा असर पड़ेगा। पाकिस्तान में बॉलीवुड की फिल्में नहीं दिखाए जाने से पाकिस्तान की फिल्म इंडस्ट्री का बिजनेस 70 फीसदी कम हो जाएगा, क्योंकि पाकिस्तानी फिल्म इं‍डस्ट्री में 70 फीसदी बिजनेस बॉलीवुड और हॉलीवुड से आता है।
पहले भी अक्टूबर 2018 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को स्थानीय टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाली भारतीय फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी। स्थानीय अखबार डॉन के मुताबिक शीर्ष अदालत, पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाली विदेशी सामग्री के संबंध में यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश मियां साकीब निसार ने भारतीय विषय सामग्री को बंद करने का आदेश दिया और यह स्पष्ट किया कि प्राधिकारी सिर्फ उचित सामग्री का प्रसारण करें। उन्होंने कहा,वे हमारे बांधों (के निर्माण को बाधित) करने की कोशिश कर रहे हैं और हम क्या उनके चैनलों को प्रतिबंधित भी नहीं कर सकते हैं?

साल 2006 से ही भारतीय धारावाहिक पर आंशिक प्रतिबंध लगा हुआ था लेकिन साल 2016 में कई बड़े भारतीय सीरियल्स पर बैन लगा दिया गया।

ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में इस तरह का प्रतिबन्ध पहली बार लगा है। वरिष्ठ फिल्म समीक्षकों को ज्ञात हो, जब 80 के दशक में अभिनेता-निर्माता शेख मुख्तियार ने फिल्म नूरजहाँ का निर्माण किया था, जो भारत में बुरी तरह से असफल हो गयी थी, और कर्जे में डूबे मुख्तियार को उनके किसी हितैषी ने फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज़ करने का परामर्श दिया। उस दौरान भारत में असफल फिल्में किसी भी भारतीय फिल्म निर्माता को हुए नुकसान की भरपाई कर देती थी। पाकिस्तान फिल्म निर्माता संघ ने भारतीय फिल्मों के कारण पाकिस्तान फिल्मों के बॉक्स-ऑफिस पर औंधे मुंह गिरते देख किसी भी रूप में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगा रखी थी। जिस कारण कर्ज में में डूबे शेख को पाकिस्तान जाकर भी कोई राहत नहीं मिली। उन दिनों पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे जिया-उल-हक़। जिया चर्चितअभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को अपने पुत्र के समान मानते थे। इस बात की जानकारी मिलते ही, शेख ने सिन्हा से सम्पर्क किया और शत्रुघ्न सिन्हा के अथक प्रयास के कारण पाकिस्तान में नूरजहाँ का प्रदर्शन क्या हुआ, उनकी तो डूबती नैया ही पार क्या लगाई, फिल्म को मिली अभूतपूर्व सफलता ने उन्हें शत्रुघ्न का मुरीद बना दिया।   
भारत-पाकिस्तान के आपसी कटु संबंधों के कारण कई ऐसे सीरियल हैं जो पाक में बैन किए गए। पाक की ओर से ये कहा जा चुका है कि उनके यहां भारतीय टीवी कार्यक्रमों के 6 प्रतिशत कन्टेंट्स ही दिखाए जाएंगे। इन 6 प्रतिशत कार्यक्रमों की भी पाक में रोक लगाने की मांग की गई। 2016  में अथॉरिटी ने ये फैसला लिया कि पाकिस्तान के अंदर भारतीय कंटेंट्स को पूरी तरह से बैन कर दिया जाए।
पाकिस्तान ने देश में अवैध भारतीय डीटीएच सेवाओं और ज्यादा विदेशी सामग्री के प्रसारण पर टीवी चैनलों और केबल संचालकों पर कार्रवाई की घोषणा की है। यह कदम भारत सरकार के ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) के बलूची भाषा में कार्यक्रम के प्रसारण की पहल करने के बाद आया है।
गौरलतब है कि पाकिस्तानी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक आयोग ने 2016 में स्थानीय टीवी चैनलों और एफएम रेडियो पर भारतीय सामग्री के प्रसारण पर रोक लगा दी थी। लेकिन लाहौर हाईकोर्ट ने 2017 में रोक को खारिज कर दिया था और इसे अवैध घोषित किया था क्योंकि इस संबंध में पाकिस्तानी सरकार को कोई आपत्ति नहीं थी।
पीईएमआरए के अध्यक्ष अबसार आलम ने कहा, “करीब तीन लाख भारतीय डीटीएच डिकोडर्स देश में बेचे जा रहे हैं। हम सिर्फ इस बिक्री को ही नहीं रोकना चाहते, बल्कि हमने एजेंसियों से पाकिस्तानियों को बेचे जा रहे डिकोडर्स के भारतीय डीलरों को होने वाले भुगतान के तरीके का पता लगाने को भी कहा है।”
उन्होंने कहा कि इसके लिए पर्याप्त समय केबल संचालकों और सैटेलाइट चैनलों को अपने कानून के जरूरत के अनुसार समायोजित करने के लिए दिया गया है। अन्यथा 15 अक्टूबर से दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय डीटीएच डीलरों के खिलाफ भी तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला हाल की एक पीईएमआरए (पेमरा) परिषद की बैठक में किया गया।
आलम ने कहा कि पेमरा फेडरल राजस्व बोर्ड, स्टेट बैंक और एजेंसियों और फेडरल जांच एजेंसी को देश में भारतीय डीटीएच की बिक्री में कमी लाने लिए पत्र लिखेगा।
पेमरा नियम के तहत 24 घंटे के प्रसारण में सिर्फ 10 प्रतिशत (दो घंटे और 40 मिनट) विदेशी सामग्री का प्रसारण किया जाना है।
भारत-पाकिस्तान के आपसी कटु संबंधों के कारण कई ऐसे सीरियल हैं जो पाक में बैन किए गए। पाक की ओर से ये कहा जा चुका है कि उनके यहां भारतीय टीवी कार्यक्रमों के 6 प्रतिशत कन्टेंट्स ही दिखाए जाएंगे। इन 6 प्रतिशत कार्यक्रमों की भी पाक में रोक लगाने की मांग की गई। 2016  में अथॉरिटी ने ये फैसला लिया कि पाकिस्तान के अंदर भारतीय कंटेंट्स को पूरी तरह से बैन कर दिया जाए।
जिसके बाद नागिन से लेकर बिग बॉस तक के शो पर रोक लगी थी। हांलाकि अब पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्युलेटरी अथॉरिटी (पेमरा) को पाकिस्तान में भारतीय नाटकों पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने का आदेश दिया है। बैन हटने से पहले पाक के टीवी ऑपरेटर्स को चेतावनी दी गई कि जो इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने के दोषी होंगे उनके लाइसेंस निलंबित कर दिये जाएंगे। प्रतिबंध पाकिस्तान में केबल पर प्रसारित हो रहे सभी भारतीय कार्यक्रमों पर लागू रहा। इस लिहाज से पाकिस्तानी दर्शक वो सीरियल नहीं देख पाए जो भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी खासा मशहूर रहे।

बिग बॉस

बिग बॉस के चाहने वाले जितने भारत में हैं उतने ही पाक में भी हैं। पाकिस्तान में इस सीरियल को खासा पसंद किया गया। लेकिन बैन का दर्द इस सीरियल तो भी उठाना पड़ा। पाक में इस पर प्रतिबंध को लेकर कहा गया कि शो में गलत कंटेंट को पेश किया जाता है।

नागिन

भारत में नागिन सीरियल को दर्शकों से खासा प्यार मिला और इसके दो सीजन छोटे पर्दे पर पेश किए गए। लेकिन इस शो को भी पाक में बैन किया। इस शो पर प्रतिबंध लगाने का कारण अफवाह बताया।

"भाबी जी घर पर हैं"

छोटे पर्दे के बेहद लोकप्रिय शो "भाबी जी घर पर हैं" के टेलीकॉस्ट पर भी रोक लगी थी। इस शो के रोके जाने के बाद इसको पाक में प्रसारण के रोक के बाद यूट्यूब पर सबसे ज्यादा देखा गया।

ये हैं मुहाब्बतें

एकता कपूर के शो ये हैं मुहाब्बते को भारत के साथ ही पाक में भी जमकर पसंद किया गया, लेकिन इस शो को जब इस शो को बैन किया गया तो पाक की ओर से ही इसको दिखाए जाने की मांग उठी थी।

ये सीरियल हुए बैन



‘थपकी प्यार की’,‘कबूल है’, 'उड़ान', '24' , जैसे और भी कई सीरियल्स को पाक में रोका गया।  अब जब सीरियल के प्रसार रोक हट गई है तो इनको फिर से पहले की ही तरह से दिखाया जाने लगा है। (agencies इनपुट्स सहित)

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