भारत के रडार पर आई Huawei, US सहित कई देशों के चीनी कंपनी पर एक्शन का असर

DoT to carefully study issue around Chinese telecom gear makersसुरक्षा चिंताओं के चलते अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों के हुआवेई (Huawei) सहित चीनी वेंडर्स पर प्रतिबंध के बाद भारत भी अलर्ट है। दूरसंचार विभाग (DOT) ने बुधवार को कहा कि वह इस मुद्दे की सावधानी से स्टडी करेगा, जिस पर पर कई देशों ने चिंताएं जाहिर की हैं। इस प्रकार चीनी कंपनियों भारत सरकार के रडार पर आ गई हैं।

मुद्दे पर स्टडी करेगा भारत

टेलिकॉम सेक्रेटरी अरुणा सुंदराराजन (Aruna Sundararajan) ने रिपोर्टर्स से बातचीत में कहा, ‘कई देशों ने सुरक्षा चिंताएं जाहिर की हैं। इसलिए भारत भी इस मुद्दे पर स्टडी करेगा।’ वह सिग्नलचिप (Signalchip) द्वारा भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप की लॉन्चिंग पर हुए कार्यक्रम से इतर बोल रही थीं।

घटनाक्रम पर है टेलिकॉम कंपनियों की नजर

अमेरिका और चीन की हुआवेई (Huawei) के बीच चल रहे विवाद के क्रम में टेलिकॉम कंपनियां इस क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं। यह मामला इसलिए भी खासा गंभीर है, क्योंकि हुआवेई (Huawei) दुनिया की सबसे बड़ी इक्विपमेंट मेकर है। अमेरिका का आरोप है कि चीनी इक्विपमेंट ग्लोबल इंटरनेट के लिए बड़ी खतरा बन सकते हैं।
हालांकि सभी देश इस बात से सहमत नहीं है और जर्मनी ने कहा कि वह अपने 5जी नेटवर्क के लिए हुआवेई (Huawei) पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार नहीं है।

सरकार के फैसले को मानेगी वोडाफोन आइडिया

भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने हाल में कहा था कि वह हुआवेई जैसी चीनी कंपनियों के कम्युनिकेशन इक्विपमेंट के इस्तेमाल के मसले पर भारत सरकार के फैसले का पालन करेगी। वोडाफोन आइडिया के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर विशांत वोरा ने कहा था कि कंपनी को भारत की सामरिक जरूरतों और सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना होगा।
सुनील मित्तल ने क्या कहा
मंगलवार को भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील भारती मित्तल ने भी कहा था कि उनकी कंपनी इस क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है। मित्तल ने कहा था, ‘हुआवेई टेलिकॉम सेक्टर की बड़ी कंपनी है। अमेरिका ने मोटे तौर पर कंपनी के साथ पैक्ट किया है। यूरोप ने भी व्यापक तौर पर हुआवेई के इस्तेमाल का फैसला लिया है।’
5जी ट्रायल के मसले पर सुंदराराजन ने कहा कि इस पर एक फ्रेमवर्क बनाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।

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