भारतीय वायु सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब पाकिस्तान पर आर्थिक संकट गहराने वाला है। सऊदी अरब और मलेशिया पाकिस्तान में निवेश करने से पीछे हट सकते हैं। यह बात खुद इस्लामाबाद चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट अहमद हसन मोघुल ने स्वीकारी है। उनके मुताबिक सऊदी, मलेशिया समेत कई देशों ने पाकिस्तान में निवेश करने की इच्छा जताई थी, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के चलते पाकिस्तान में इन देशों का निवेश रुक सकता है।
भारत ने लगाई थी 200 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी
पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आने वाले सारे उत्पादों पर 200 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाई थी। भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी छीन लिया। इसके बाद से ही पाकिस्तानी बाजारों में हलचल मची हुई है। पाकिस्तान अब तक इसका कोई जवाब नहीं ढूंढ पाया है। पाकिस्तान के राजस्व मंत्री हम्माद अजहर ने कहा कि आगे क्या करना है इस बारे में सरकार सभी विकल्पों पर विचार कर रही है।
अवलोकन करें:-
परेशानी में हैं व्यापारी
पाकिस्तानी व्यापारियों की परेशानी बढ़ती जा रही है। भारतीय व्यापारियों ने पाकिस्तान से सभी व्यापारिक संबंध खत्म करने का निर्णय ले लिया है। न तो पाकिस्तान से कुछ भारत आ रहा है और न भारत से कुछ वहां एक्सपोर्ट किया जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तानी व्यापारियों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। इस्लामाबाद चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट अहमद हसन मोघुल का कहना है कि, ‘दोनों देशों के बीच इस तनाव को भारत ही खत्म कर सकता है। भारत को ऐसी स्थितियां बनाने से बचना चाहिए जिससे दक्षिण एशिया में निवेश के मौके घटें और नौकरियों के अवसर कम हों।’
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